देश के सबसे ताकतवर निगरानी सेटेलाइट कार्टोसैट-3 (powerful satellite cartosat 3) की लांचिंग में अब एक महीने की देरी होगी. इसकी लांचिंग अब एक महीने तक टल सकती है. पहले इसरो (Indian Space Research Organisation) अक्टूबर के अंत तक देश के सबसे ताकतवर निगरानी सैटेलाइट कार्टोसैट-3 (cartosat 3) की लांचिंग करने वाला था. इसरो के सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है. इसरो चीफ डॉ. के. सिवन ने कहा था कि चंद्रयान-2 मिशन के बाद इस साल वे एक और बड़ा मिशन लांच करेंगे. आपको बता दें कि उनका यह बड़ा मिशन कार्टोसैट-3 ही था.
आपको बता दें कि इसरो के इस मिशन (कार्टोसैट-3) के लांच होते ही देश के दुश्मनों के होश उड़ जाएंगे. चंद्रयान-2 में आई गड़बड़ी ही इस मिशन के टलने की वजह बताई जा रही है. कहा जा रहा है कि अभी इसरो की एक बड़ी और महत्वपूर्ण टीम विक्रम लैंडर से संपर्क साधने में लगी है, इसलिए कार्टोसैट-3 की लांचिंग में थोड़ी बहुत देरी हो सकती है. आपको बता दें कि कार्टोसैट-1 और 2 की मदद से ही हमारी सेनाओं ने पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट एयरस्ट्राइक की थी.
आपको बता दें कि इस सेटेलाइट का काम अंतरिक्ष से भारत की जमीन पर निगरानी करना होगा, इसके अलावा ये देश में आने वाली दैवीय आपदाओं देश की सीमाओं की निगरानी भी करेगा. पाकिस्तान और उसके आतंकी कैंपों पर नजर रखने के लिए यह मिशन देश की सबसे ताकतवर आंख होगी. यह देश की सीमाओं पर अपनी नजरें बनाये रखेगा. दुश्मन या आतंकियों ने हिमाकत की तो इस आंख की मदद से हमारी सेना उन्हें उनके घर में घुस कर मारेगी.
जानिए Cartosat-3 की खूबियां
कार्टोसैट-3 (Cartosat-3) इस सीरीज का नौंवां सेटेलाइट है. इस बार कार्टोसैट-3 का कैमरा इतना ताकतवर है कि वह अंतरिक्ष से जमीन पहले से ज्यादा बेहतर तरीके से नजर रख सकता है. यह कैमरा इतना ताकतवर है कि धरती से महज 1 फीट से भी कम ऊंचाई तक की साफ तस्वीर ले सकेगा. इसका मतलब यह कैमरा आपकी कलाई पर बंधी घड़ी देखकर सही समय बता सकता है. आपको बता दें कि पाकिस्तान पर हुए सर्जिकल और एयर स्ट्राइक पर कार्टोसैट उपग्रहों की मदद ली गई थी. इसके अलावा विभिन्न प्रकार के मौसम में पृथ्वी की तस्वीरें लेने में सक्षम. प्राकृतिक आपदाओं में मदद करेगा.
Cartosat-3 में दुनिया का सबसे ताकतवर सैटेलाइट कैमरा
कार्टोसैट-3 का दुनिया का सबसे ताकतवर कैमरा लगाया गया है. शायद अभी तक इतनी सटीकता वाला सैटेलाइट कैमरा किसी देश ने लांच नहीं किया है. अमेरिका की निजी स्पेस कंपनी डिजिटल ग्लोब का जियोआई-1 सैटेलाइट 16.14 इंच की ऊंचाई तक की तस्वीरें ले सकता है. वहीं, इसी कंपनी का वर्ल्डव्यू-2 उपग्रह 18.11 इंच की ऊंचाई तक की तस्वीरें ले सकता है. इसे पृथ्वी से 450 किमी ऊपर की कक्षा में स्थापित किया जाएगा.
अब तक कार्टोसैट सीरीज के 8 सेटेलाइट हुए हैं लांच
आपको बता दें कि कार्टोसैट सीरीज के अब तक 8 सेटेलाइट लांच किए गए हैं इनमें से पहला सेटेलाइट साल 2005 में 1 मई को किया गया था जो कि पांच सालों तक चला इसके बाद इस सीरीज का दूसरा सेटेलाइट 10 जनवरी 2007 को कार्टोसैट-2 लांच किया गया. इसके बाद, 28 अप्रैल 2008 को कार्टोसैट-2ए लांच किया गया. 12 जुलाई 2010 को कार्टोसैट-2बी, 22 जून 2016 को कार्टोसैट-2 सीरीज सेटेलाइट, 15 फरवरी 2017 को कार्टोसैट-2 सीरीज सैटेलाइट, 23 जून 2017 को कार्टोसैट-2 सीरीज सेटेलाइट और 12 जनवरी 2018 को कार्टोसैट-2 सीरीज सेटेलाइट लांच किए गए.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो