भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने इस साल के पहले मिशन के तहत सोमवार सुबह 5.59 पर पीएसएलवी-सी 52 (PSLV-C52) को सफलतापूर्वक लांच कर दिया. इसरो के पीएसएलवी-सी 52 के जरिए धरती पर नजर रखने वाले उपग्रह ईओएस-04 को कक्षा में भेजने के लिए 25 घंटे की उलटी गिनती रविवार सुबह शुरू हो गई थी. पीएसएलवी अपने साथ दो छोटे उपग्रहों को भी ले गया है. इसका प्रक्षेपण आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के पहले लांच पैड से किया गया.
इसरो के मुताबिक ईओएस-04 एक ‘रडार इमेजिंग सैटेलाइट’ है जिसे कृषि, वानिकी और वृक्षारोपण, मिट्टी की नमी और जल विज्ञान तथा बाढ़ मानचित्रण जैसे अनुप्रयोगों एवं सभी मौसम स्थितियों में उच्च गुणवत्ता वाली तस्वीरें प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है. पीएसएलवी अपने साथ में दो छोटे उपग्रहों को भी ले गया, जिनमें कोलोराडो विश्वविद्यालय, बोल्डर की वायुमंडलीय और अंतरिक्ष भौतिकी प्रयोगशाला के सहयोग से तैयार किया गया भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईएसटी) का उपग्रह इन्सपायरसैट-1 भी शामिल है. इसमें एनटीयू, सिंगापुर और एनसीयू, ताइवान का भी योगदान रहा है. इस उपग्रह का उद्देश्य आयनमंडल के गति विज्ञान और सूर्य की कोरोनल ऊष्मीय प्रक्रियाओं की समझ में सुधार करना है.
#WATCH | Indian Space Research Organisation launches PSLV-C52/EOS-04 from Satish Dhawan Space Centre, Sriharikota
— ANI (@ANI) February 14, 2022
(Source: ISRO) pic.twitter.com/g92XSaHP9r
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वहीं, दूसरा उपग्रह इसरो का एक प्रौद्योगिकी प्रदर्शक उपग्रह (आईएनएस-2टीडी) है. इसके उपकरण के रूप में एक थर्मल इमेजिंग कैमरा होने से उपग्रह भूमि की सतह के तापमान, आर्द्रभूमि या झीलों के पानी की सतह के तापमान, वनस्पतियों (फसलों और जंगल) और तापीय जड़त्व (दिन और रात) के आकलन में सहायता प्रदान करेगा. यह पीएसएलवी की 54वीं उड़ान थी और 6 पीएसओएम-एक्सएल (स्ट्रैप-ऑन मोटर्स) के साथ ‘पीएसएलवी-एक्सएल कॉन्फिगरेशन’ का उपयोग करते हुए 23वां मिशन रहा.
HIGHLIGHTS
- 2022 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन का पहला मिशन
- ईओएस-04 को भेजने की उलटी गिनती रविवार शुरू हो गई थी
- पीएसएलवी-एक्सएल कॉन्फिगरेशन’ का 23वां मिशन रहा यह