भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian space research ogranization) इसरो ने बुधवार को एक और इतिहास रच दिया. 11 दिसंबर बुधवार को दोपहर 3 बजकर 25 मिनट पर इसरो ने सबसे ताकतवर राडार इमेजिंग सैटेलाइट रीसैट-2 बीआर1 RiSAT-2VBR1) को लांच कर दिया. इस रडार की मदद से देश की सीमाओं पर नजर रखा जाएगा, ये हर मौसम में दुश्मनों की हरकत पर अपनी नजर बनाए रख सकता है. यह उपग्रह श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित किया गया.
यह भी पढ़ें-श्री श्री रविशंकर ने श्रीलंकाई तमिलों को नागरिकता देने की सिफारिश की
इसरो ने बताया कि रीसेट-2बीआर1 को रडार इमेजिंग पृथ्वी निगरानी उपग्रह का वजन लगभग 628 किलो बताया. आपको बता दें कि इस भारतीय उपग्रह को 576 कि. मी. कक्षा में रखा जाएगा और इसकी उम्र पांच साल होगी. यह भारतीय उपग्रह अपने साथ नौ छोटे उपग्रहों को ले जाएगा. इनमें इजराइल, इटली, जापान का एक-एक और अमेरिका के छह उपग्रह शामिल होंगे. इन विदेशी उपग्रहों को न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) के साथ एक वाणिज्यिक व्यवस्था के तहत लांच किया जा रहा है.
यह भी पढ़ें-सरकार एससी-एसटी के सशक्तीकरण के लिए प्रतिबद्ध : मोदी
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian space research ogranization) ने मीडिया को बताया कि, उपग्रहों को पीएलएलवी-क्यूएल वैरिएंट द्वारा प्रक्षेपित किया गया. रॉकेट में चार स्ट्रैप-ऑन मोटर्स लगे हैं जिनकी मदद से इसने अंतरिक्ष तक उड़ान भरी है यह इस रॉकेट की दूसरी अंतरिक्ष यात्रा है. इसरो ने अब तक 310 विदेशी उपग्रहों को कक्षा में प्रवेश कराया और 11 दिसंबर के इस सफल मिशन के साथ अब यह संख्या बढ़कर 319 हो गई.
यह भी पढ़ें-अनुच्छेद-370 की बहाली तक नेशनल कांफ्रेंस राजनीति में हिस्सा नहीं लेगी
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो