श्रीहरिकोटा से सोमवार को भारत के एमिसैट (ईएमआईएसएटी) उपग्रह लॉन्च कर दिया गया है. एमिसैट के साथ ही 28 विदेशी नैनो उपग्रह भी प्रक्षेपित किए गए. पीएसएलवी-सी45 नामक इस मिशन के तहत पहली बार इसरो ने पृथ्वी की तीन कक्षाओं में उपग्रह स्थापित कर अंतरिक्ष संबंधी प्रयोग किया. एमिसैट उपग्रह का मकसद विद्युत चुंबकीय माप लेना है.
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बताया कि प्रक्षेपण की उलटी गिनती सुबह 6:27 बजे शुरू हो गई थी. एजेंसी के अधिकारियों ने बताया कि चार चरणों वाला पीएसएलवी-सी45 श्रीहरिकोटा के अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लांच पैड से सोमवार सुबह प्रक्षेपित किया गया. इसरो के मुताबिक, अबकी बार लांच के लिए चार स्ट्रैप ऑन मोटर्स से लैस पीएसएलवी-क्यूएल संस्करण का उपयोग किया जा रहा है. पीएसएलवी का उपयोग भारत के दो प्रमुख मिशनों में किया जा चुका है. 2008 में चंद्रयान में और 2013 में मंगल मिशन में.
बता दें कि 29 नवंबर को इसरो ने पीएसएलवी-सी43 के जरिये 380 किलोग्राम भार वाले हाइपर स्पेक्ट्रल इमेजिंग सेटेलाइट (HysIS) और 30 अन्य उपग्रहों का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया था. 16 मिनट से अधिक की उड़ान भरने के बाद पीएसएलवी-सी43 (PSLV-C43) ने पृथ्वी की निगरानी करने वाले भारतीय उपग्रह हाइपर स्पेक्ट्रल इमेजिंग सेटेलाइट (HysIS) को सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित कर दिया था.
भारत के वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष में एक ईएसई सैट लॉन्च किया है. इससे दुश्मन के रडार नजर रखी जा सकेगी. डीआरडीओ ने पीएसएलवी के जरिये ईएमआई सैट लॉन्च किया है.