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संचार उपग्रह GSAT-30 को लॉन्च करने के लिए ISRO तैयार, लोगों को मिलेगी ये सुविधा

सैटेलाइट बॉडी पर ट्रांसपोंडरों की संख्या को अधिकतम करने के लिए पेलोड डिज़ाइन में सुधार किया गया है

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Sushil Kumar
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GSAT -30( Photo Credit : न्यूज स्टेट)

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2020 में भारत का पहला अंतरिक्ष मिशन शुक्रवार को दक्षिण अमेरिका में एक विदेशी फ्रांसीसी क्षेत्र फ्रेंच गयाना से संचार उपग्रह GSAT-30 लॉन्च किया जाएगा. यह एक यूरोपीय एरियन -5 रॉकेट से 2.35 बजे IST पर लॉन्च किया जाएगा. जीसैट -30 इनसैट -4 ए के प्रतिस्थापन के रूप में काम करेगा. उच्च-थ्रूपुट 3,357 किलोग्राम का उपग्रह भारत में दूरदराज के क्षेत्रों और द्वीपों को दूरसंचार सेवाएं प्रदान करेगा. यह डायरेक्ट-टू-होम (DTH), टेलीविज़न अपलिंक, डिजिटल सैटेलाइट न्यूज़ गैदरिंग (DSNG) और सेल्युलर कनेक्टिविटी की भी सेवा प्रदान करेगा.

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सैटेलाइट बॉडी पर ट्रांसपोंडरों की संख्या को अधिकतम करने के लिए पेलोड डिज़ाइन में सुधार किया गया है. यह बेहतर कवरेज प्रदान करेगा और भारतीय प्रसारकों को मध्य पूर्व, ऑस्ट्रेलिया और एशिया के अन्य हिस्सों में हवाई सामग्री प्रदान करने में सक्षम करेगा. उपग्रह एक नई पीढ़ी के उपग्रह EUTELSAT KONNECT के साथ-साथ चलेगा. जो पूरे यूरोप और अफ्रीका में दूरसंचार सेवाएं प्रदान करेगा.

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EUTELSAT एक यूरोपीय उपग्रह ऑपरेटर है और KONNECT उपग्रह GSAT-30 से अधिक भारी है. इसका वजन लगभग 3,620 किलोग्राम होगा. एरियन 5 लॉन्च वाहन खर्चीले भारी-भरकम रॉकेटों के एरियन रॉकेट परिवार से संबंधित है. यह फ्रांस द्वारा यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) के तहत डिजाइन किया गया था और एरियनस्पेस द्वारा संचालित है.

isro Satellite Communication Satellite GSAT-30
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