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ISRO Chief: आसमान से आने वाले उल्कापिंड से तबाह हो सकती है धरती, हुआ बड़ा खुलासा

ISRO लगातार उल्कापिंडों पर अपनी नजर बनाए हुआ है. वहीं इस दौरान ISRO प्रमुख एस सोमनाथ ने एक चेतावनी दी है. उन्होंने बताया कि पृथ्वी की तरफ आ रहा यह उल्का पिंड काफी खतरनाक हो सकता है.

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Publive Team
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ISRO Chief

mass extinction( Photo Credit : Social Media)

ISRO Chief: ISRO लगातार उल्कापिंडों पर अपनी नजर बनाए हुआ है. वहीं इस दौरान ISRO प्रमुख एस सोमनाथ ने एक चेतावनी दी है. उन्होंने बताया कि पृथ्वी की तरफ आ रहा यह उल्का पिंड काफी खतरनाक हो सकता है. वैज्ञानिकों का ध्यान पृथ्वी के पास मौजूद क्षुद्रग्रह एपोफिस पर है. एपोफिस 370 मीटर तक बड़ा है. वैज्ञानिकों द्वारा कि गई भविष्यवाणियों  के मुताबिक एपोफिस अगले कुछ सालों में पृथ्वी के पास से गुजरने वाला है.

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1908 की घटना

एक धूमकेतु या उल्कापिंड ने साइबेरिया के तुंगुस्का जंगल के ऊपर आ गिरा था, जिसके बाद विस्फोट से साथ हुए धमाके ने 2,150 वर्ग किलोमीटर में फैले जंगल को मिनटों में खत्म कर दिया था. विस्फोट के बाद निकली गर्मी कई किलोमीटर तक फैल गई. इस दौरान 80 मिलियन पेड़ खत्म हो गए.

पूरी तरह से खत्म हो सकता है जीवन

बता दें कि अब वैज्ञानिकों का ध्यान पृथ्वी के पास मौजूद क्षुद्रग्रह एपोफिस पर है. एपोफिस 370 मीटर तक बड़ा है. वैज्ञानिकों द्वारा कि गई भविष्यवाणियों  के मुताबिक एपोफिस अगले कुछ सालों में पृथ्वी के पास से गुजरने वाला है. वहीं  ISRO प्रमुख सोमनाथ ने इस पर जानकारी देते हुए कहा कि यह क्षुद्रग्रह वैश्विक विनाश का कारण बन सकता है, जिससे जीवन का अस्तित्व पूरी तरह से खत्म हो सकता है.

ISRO प्रमुख ने त्रासदी से जुड़ी जानकारी दी

इस दौरान उन्होंने कहा कि "हमारे 70 से 80 साल के जीवनकाल में, हम ऐसी त्रासदी शायद नहीं देख पाएंगे, इसलिए हम इसे इतनी गंभीरता से नहीं ले रहे हैं.वहीं उन्होंने यह भी कहां कि दुनिया और ब्रह्मांड के इतिहास में, ग्रहों के आस-पास कई तरह के क्षुद्रग्रह हैं और उनका ग्रहों पर प्रभाव पड़ना सामान्य बात है. 

उन्होंने बताया कि मैंने धूमकेतु शूमेकर लेवी को बृहस्पति से टकराते हुए देखा है. अगर ऐसी कोई घटना पृथ्वी पर होती है है, तो हम सब खत्म हो जाएंगे.साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हमें ऐसी घटनाओ के लिए तैयार रहना चाहिए. पृथ्वी पर कई तरह के जीवित प्राणी रहते हैं, जहां ऐसा कुछ नहीं होना चाहिए.  हम इस क्षुद्रग्रह के प्रभाव को रोकने में सक्षम नहीं हो सकते, लेकिन कुछ वैकल्पिक उपाय अपनाए जाने चाहिए. 

साथ ही उन्होंने यह भी कहां कि पृथ्वी के लिए खतरा पैदा करने वाले वस्तुओं की पहचान की जानी चाहिए और उन्हें पृथ्वी की तरफ आने से रोकना चाहिए. कभी-कभी ये प्रयास विफल हो जाते हैं, लेकिन हमें इस पर प्रयास करना चाहिए है. 

Source : News Nation Bureau

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