रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध में सबसे ज्यादा तबाही ड्रोन ने मचाई है। ऐसे में दुश्मन के ड्रोन को रोकना कितना जरूरी है ये बात पूरी दुनिया समझ चुकी है। भारत की एक स्टार्टअप कंपनी ने एक ऐसा ही सिस्टम तैयार किया है जो दुश्मन के ड्रोन हमले को बेकार करने का दावा करती है। देश की तमाम बड़ी एजेंसियों के सामने इस एन्टी ड्रोन सिस्टम का मुम्बई में टेस्ट और ट्रायल की गया। भारत की सीमाओं की सुरक्षा के लिये आ गया है जटायू... जटायू ANTI ड्रोन सिस्टम एक ऐसा एडवांस तकनीक है जो दुश्मन के ड्रोन हमले को बेकार करने की ताकत रखता है। यानी कि एक तरफ जहां भारत ड्रोन तकनीक से लैस हथियार तैयार करने में लगा है वहीं अब दुश्मन के ड्रोन हमले को भी नाकाम करने के लिए इस एडवांस तकनीक को तैयार कर लिया गया है।
ड्रोन हमले को रोकने के लिए स्वदेशी रडार और जैमर सिस्टम का भारत के पास होना ये हमारी सुरक्षा एजेंसियों के लिए बेहद जरूरी है। यही वजह है कि जब इस एन्टी ड्रोन सिस्टम का ट्रायल और टेस्ट किया गया तो इस मौके पर देश की सभी बड़ी एजेंसियां मौजूद थी। इस एंटी ड्रोन सिस्टम का ट्रायल रात के अँधेरे में किया गया ताकि इसकी छमता को ठीक से परखा जा सके। जटायू एन्टी ड्रोन सिस्टम के ट्रायल के दौरान DRDO, BSF के अलावा CISF और IB की टेक्निकल ऑफिसर्स भी मौजूद थे। ये एन्टी ड्रोन सिस्टम सरहद के 5 किलोमीटर की रेंज को छावनी में बदलने का दम रखता है। रूस और यूक्रेन के युद्ध में ड्रोन की ताकत को पूरी दुनिया ने देखा है। युद्ध में दुश्मन पर ड्रोन हमला करने से ज्यादा जरूरी दुश्मन के हमले को रोकना है और जटायू को इसी सोच के साथ तैयार किया गया है।
इस एन्टी ड्रोन सिस्टम का इस्तेमाल सरहदों की सुरक्षा के अलावा देश के कई सेंसिटिव इलकों की सुरक्षा के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके अलावा प्रधानमंत्री से लेकर दूसरे VVIP की सुरक्षा में भी जटायू की मदद से किसी भी अनहोनी को रोका जा सकता है।
Source : Pankaj R Mishra