Chandrayaan 3 Supermoon Connection: अगस्त के महीने में दो बार सुपरमून देखने को मिल रहा है. पहला एक अगस्त को था और दूसरा अब 30 अगस्त को होगा. ऐसे में चंद्रयान 3 और सुपरमून का खास संबंध है. एक अगस्त को पृथ्वी की चंद्रमा से दूरी 357,530 किलोमीटर थी. जबकि इससे पहले 2 और 3 जुलाई को सुपरमून दिखा था. उस समय चंद्रमा की दूरी 361,934 किलोमीटर थी. इसके बाद चंद्रमा धरती के सबसे नजदीक 30 अगस्त को आएगा. तब उसकी दूरी 357,344 किलोमीटर होगी. इसके बाद 28-29 सितंबर को चंद्रमा फिर सुपरमून बनेगा. तब उसकी दूरी धरती से 361,552 किलोमीटर होगी. सुपरमून सामान्य चंद्रमा से 14 फीसदी ज्यादा बड़े और 30 फीसदी ज्यादा चमकदार होते हैं. इस साल चार ही सुपरमून दिखने वाले हैं. तो चलिए ऐसे में ये समझते हैं कि चंद्रयान 3 से सुपरमून का कनेक्शन क्या है.
चंद्रयान 3 को मिलेगा फायदा
चंद्रयान 3 इस समय 288 किलोमीटर की पेरिजी और 369328 किलोमीटर की एपोजी वाली कक्षा में यात्रा कर रहा है. यानी अगर यह चंद्रमा की ग्रैविटी को नहीं पकड़ पाता है, तो यह दस दिन की यात्रा करके वापस धरती 288 किलोमीटर वाली पेरिजी में वापस आ जाएगा. सुपरमून दिखने का मतलब ये है कि इस महीने चंद्रमा धरती के नजदीक रहेगा. जिसका फायदा चंद्रयान 3 को होगा. इससे उसे कम यात्रा करनी पड़ेगी.
समझें क्या है पेरिजी
चांद हमारी पृथ्वी के चारों तरफ एक गोलाकार रास्ते में चक्कर नहीं लगाता. पृथ्वी के चारों ओर घूमते हुए किसी चांद की दूरी किसी समय दूर होता है और किसी वक्त नजदीक. चांद की कक्षा का वो पॉइंट, जहां से चांद पृथ्वी के सबसे नजदीक होता है, उसे पेरिजी कहते हैं.
समझें क्या है एपोजी
जब चांद पृथ्वी से सबसे दूर के पॉइंट पर होता है तो उसे एपोजी कहते हैं. एपोजी से पृथ्वी की दूरी लगभग 4 लाख 5 हजार किलोमीटर होती है. पेरिजी और एपोजी के बीच की दूरी होती है करीब 42 हजार किलोमीटर. एपोजी से पेरिजी के बीच यात्रा के दौरान चांद कई बार सुपरमून बन जाता है.
चंद्रमा की दूरी घटती-बढ़ती रहती है
आमतौर पर चंद्रमा धरती से 3.60 लाख किलोमीटर से 4.00 लाख किलोमीटर की दूरी मेंटेन करता है. इसरो वैज्ञानिकों ने चंद्रयान 3 को ऐसे समय लॉन्च किया है. जब चंद्रमा धरती के नजदीक दो बार आ रहा है. अब ये साफ है कि इस महीने चंद्रमा धरती के नजदीक ही रहेगा. इसी नजदीकी का फायदा हमारे वैज्ञानिकों ने उठाया है. चंद्रयान 3 इस समय 38,520 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से चांद की ओर जा रहा है. हर दिन इसकी गति धीमी की जाएगी. क्योंकि जिस समय यह चांद के नजदीक पहुंचेगा. यानी उसकी सतह से करीब 11 हजार किलोमीटर दूर, वहां पर पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण जीरो होगा. चांद का भी करीब जीरो होगा. चंद्रमा की गुरत्वाकर्षण शक्ति पृथ्वी की ग्रैविटी से 6 गुना कम है. इसलिए भी चंद्रयान की गति भी कम करनी होगी. नहीं तो वो चंद्रमा के ऑर्बिट को नहीं पकड़ सकेगा.
HIGHLIGHTS
- सुपरमून से है चंद्रयान का कनेक्शन.
- धरती के नजदीक रहेगा चंद्रमा.
- वैज्ञानिकों ने उठाया फायदा.
Source : News Nation Bureau