Hydroxychloriquine मलेरिया की दवा है, लेकिन कोरोना वायरस (Corona Virus) का कोई उपचार न होने के कारण इस दवा का उपयोग किया जा रहा है. चीन से निकले कोरोना वायरस का कोई भी देश अभी उपचार नहीं ढूंढ पाया है. भारत भी इस असाध्य बीमारी के चंगुल में फंसता जा रहा है, फिर भी भारत के पास Hydroxychloriquine के रूप में ऐसी दवा है, जिसे दुनिया भर के देश मांग रहे हैं. कोरोना वायरस के उपचार में यह दवा कारगर साबित हो रहा है.
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Hydroxychloriquine एक एंटी मलेरिया की दवा है. यह दवा ऑटोइम्यून डिसीसेज जैसे rheumatoid आर्थराइटिस और lupus के इलाज में भी इस्तेमाल होती है. एक रिसर्च में पाया गया है कि Hydroxychloriquine दवा कोरोना वायरस से लड़ने में मददगार है, लेकिन यह अकेले कोरोना को ठीक करने में कारगर नहीं है. इसे अन्य दवाओं के साथ मिलाकर देने से अच्छे रिजल्ट्स सामने आए हैं. अमेरिकी डॉक्टर्स भी इस बात को मानते हैं.
भारत में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन मलेरिया की सबसे बेहतर दवा मानी जाती है. इसलिए इसका निर्माण भारत में अधिक किया जाता है. इंडियन फार्मास्युटिकल अलायंस (Indian Pharmaceutical Alliance-IPA) के अनुसार पूरी दुनिया के जरूरत के मुताबिक भारत में 70 फीसदी दवा बनाई जाती है. देश में हर माह 40 टन निर्माण करने की क्षमता है. हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा का भारत सबसे ज्यादा निर्यात करता है.
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IPCA लैबोरेटरीज, Zydus Cadila (जाइडस कैडिला) और Wallace फार्मास्युटिकल्स भारत में इस दवा का निर्माण करती हैं. स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने हाल ही में करीब 10 करोड़ एचसीक्यू टैबलेट का ऑर्डर IPCA लैबोरेटरीज और जाइडस कैडिला (Zydus Cadila) को दिया है. दुनिया के विकसित देशों में मलेरिया जैसे रोग कम होता है. इसलिए वहां इस दवा के रिसर्च और निर्माण में कोई काम नहीं किया गया. उधर, चीन की एक रिसर्च में कहा गया है कि उसने भी अपने यहां कोरोना संक्रमित मरीजों को Hydroxychloroquine दवा दी. एक तरह से चीन ने पुष्टि कर दी है कि यह दवा कारगर है.
कुल मिलाकर Hydroxychloroquine दवा कोरोना काल में पूरी दुनिया में सुर्खियां बटोर रही है. दुनिया के कई दिग्गज देश Hydroxychloroquine दवा के लिए भारत से गुहार लगा रहे हैं. ब्राजील ने तो Hydroxychloroquine दवा की तुलना संजीवनी से कर दी है.
Source : News Nation Bureau