Chandrayaan-3: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अध्यक्ष एस सोमनाथ (S Somanath) ने सोमवार को कहा कि चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) अच्छी हालत में है और इसका सर्वाधिक महत्वपूर्ण चरण कक्षा निर्धारण प्रक्रिया होगी, जब अंतरिक्ष यान 100 किलोमीटर की वृत्ताकार कक्षा से चंद्रमा के करीब जाना शुरू करेगा. एस सोमनाथ ने कहा, ''100 किलोमीटर तक हम कोई कठिनाई नहीं देख रहे हैं. समस्या केवल पृथ्वी से लैंडर की स्थिति का अनुमान लगाने में है. ये माप एक बहुत महत्वपूर्ण माप है, हम इसे कक्षा निर्धारण प्रक्रिया कह सकते हैं. यदि ये सही है तो शेष प्रक्रिया पूरी की जा सकती है.'' इसरो अध्यक्ष ने कहा, ''हम इस बार इसे बहुत सही तरीके से नीचे उतारने में सक्षम हैं. योजना के अनुसार कक्षा में बदलाव किया जा रहा है. इसमें कोई भटकाव नहीं है. इसलिए, ये शानदार नतीजे दे रहा है और हमें उम्मीद है कि सब कुछ ठीक रहेगा.''
चंद्रयान-2 से मिला अनुभव उपयोगी
ISRO के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने कहा कि चंद्रयान-2 से मिला अनुभव बहुत उपयोगी साबित हो रहा है क्योंकि अंतरिक्ष एजेंसी ने चंद्रमा पर एक अंतरिक्ष यान उतारने की कोशिश की थी. 2019 में ये अभियान आंशिक रूप से सफल रहा था. सोमनाथ ने कहा, ''चंद्रयान-2 से मिले अनुभव से काफी मदद मिलेगी. क्या कुछ गलत रहा, उस पर हमने काफी विस्तार से विचार किया. हमने फिर से परिदृश्य तैयार किया और चंद्रयान-3 में काफी संशोधन किया.'' उन्होंने कहा कि चंद्रयान-2 अभियान से मिली चंद्रमा की तस्वीरों का उपयोग चंद्रयान-3 की बेहतर अवस्थिति के लिए किया गया. सोमनाथ ने कहा, ''हमने आकस्मिक स्थिति एवं गड़बड़ी से निपटने के लिए और अधिक सूचना जुटाई. हमने इन सभी चीजों पर व्यापक परीक्षण कार्यक्रम संचालित किया.''
लगातार की जाएगी प्रक्रिया
बता दें कि प्रक्षेपण यान मार्क-3 रॉकेट से 14 जुलाई को प्रक्षेपित किया गया चंद्रयान-3 अब चंद्रमा की 4,313 किलोमीटर दीर्घवृत्ताकार कक्षा में मौजूद है और इसे 100 किमी की वृत्ताकार कक्षा में ले जाने के लिए 9 से 17 अगस्त के बीच सिलसिलेवा प्रक्रियाएं किये जाने की जरूरत है.
विक्रम लैंडर के चंद्रमा पर 23 अगस्त को उतरने की उम्मीद है.
HIGHLIGHTS
- शानदार नतीजे दे रहा है चंद्रयान-3.
- चंद्रयान-3 अच्छी हालत में है.
- जल्द ही चांद पर होगा भारत का कदम.
Source : News Nation Bureau