अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा (NASA) ने मंगल ग्रह पर भेजे गए पर्सिवियरेंस रोवर (Perseverance Rover) के साथ इंजिन्यूटी नाम का एक छोटा हेलिकॉप्टर भेजा है, जो अब 14 अप्रैल को ऐतिहासिक उड़ान भरेगा. इससे पहले इसे 11 अप्रैल को उड़ान भरनी थी. हालांकि इसकी लॉन्चिंग को स्थगित करने का फैसला इससे पहले दो बार लिया गया है. इससे पहले इसके 8 अप्रैल को लॉन्च किए जाने की उम्मीद जताई गई थी, मगर एक अप्रैल को घोषणा की गई कि यह 11 अप्रैल को लॉन्च किया जाएगा. नासा ने शनिवार को एक बयान में कहा, 'शुक्रवार को रोटर्स के हाई-स्पीड स्पिन टेस्ट के दौरान, परीक्षण को नियंत्रित करने वाला कमांड अनुक्रम एक वॉचडॉग टाइमर की समाप्ति के कारण जल्दी समाप्त हो गया.'
प्री-फ्लाइट से फ्लाइट मोड में बदला
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा, 'ऐसा तब हुआ, जब यह फ्लाइट कंप्यूटर को प्री-फ्लाइट से फ्लाइट मोड में बदलने की कोशिश कर रहा था. हेलीकॉप्टर सुरक्षित और सही अवस्था में है.' वॉचडॉग टाइमर कमांड अनुक्रम या सीक्वेंस की देखरेख करने का काम करता है और सिस्टम को किसी भी संभावित समस्या के लिए अलर्ट करता है. अगर इस दौरान कोई समस्या देखी जाती है तो यह प्रणाली को आगे नहीं बढ़ने में सहायक होता है, ताकि सुरक्षा से कोई समझौता न हो.
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धरती के बाहर दूसरे ग्रह से पहली उड़ान
नासा ने कहा कि हेलीकॉप्टर टीम इस मुद्दे के निदान और इसे समझने के लिए टेलीमेट्री की समीक्षा कर रही है, जिसके बाद वे फुल-स्पीड टेस्ट का पुनर्निर्धारण करेंगे. नासा अगर अपने मिशन में सफल हो जाता है तो धरती के बाहर दूसरे ग्रह पर किसी हेलिकॉप्टर की यह पहली उड़ान होगी. यही वजह है कि इसे ऐतिहासिक उड़ान माना जा रहा है. हेलिकॉप्टर की मदद से मंगल ग्रह के अनछुए पहलुओं का पता लगाया जाएगा. नासा ने इससे पहले इसकी तस्वीर भी जारी की थी.
10 फुट की ऊंचाई पर 30 सेकंड रहेगा
पर्सिवेरेंस रोवर के साथ मंगल ग्रह पर गया दो किलोग्राम वजनी इंजीन्यूटी हेलीकॉप्टर कुछ दिनों पहले मंगल ग्रह की सतह पर उतरा था. अपनी पहली उड़ान भरेगा. यह 10 फुट की ऊंचाई पर 30 सेकेंड तक रहेगा. यह पहली बार होगा जब कोई हेलीकॉप्टर मंगल की सतह से उड़ेगा और कैमरे में उसका नजारा कैद करेगा. दक्षिणी कैलिफोर्निया स्थित नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी के मिशन कंट्रोल विशेषज्ञों को उम्मीद है कि सोमवार सुबह से उन्हें डाटा मिलने लगेगा। नासा टीवी इस पूरी प्रक्रिया का सजीव प्रसारण करेगी. इंजीन्यूटी अभी तक पर्सिवेरेंस से जुड़कर चार्ज हो रहा था, लेकिन मंगल ग्रह के तापमान से अपने इलेक्ट्रानिक उपकरणों को सुरक्षित रखने के लिए अब वह अपने पावर सिस्टम का प्रयोग करेगा.
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मंगल की रात बेहद सर्द
इंजीन्यूटी हेलिकॉप्टर को मार्स पर्सेवरेंस रोवर के पेट के नीचे कवर करके लाल ग्रह पर भेजा गया था. यह कंगारुओं के बच्चों की तरह रोवर के पेट में छिपा था. मंगल ग्रह की रात बेहद सर्द भरी होती है और सतह पर तापमान -130°F (-90°C) तक गिर जाता है, इसलिए इसे वहां काफी संभाल के रखा था. नासा ने बताया था कि इंजीन्यूटी मार्स हेलिकॉप्टर ने लाल ग्रह मंगल पर अपनी पहली सर्द रात काफी सफलतापूर्वक काटी, जो काफी बड़ी सफलता है.
HIGHLIGHTS
- रोवर के साथ इंजिन्यूटी हेलिकॉप्टर भेजा गया
- अब 14 अप्रैल को ऐतिहासिक उड़ान भरेगा
- यह 10 फुट की ऊंचाई पर 30 सेकेंड तक रहेगा