नासा ने पृथ्वी की झीलों, नदियों, जलाशयों और समुद्र के पानी का परीक्षण करने के लिए एक पहला उपग्रह लॉन्च किया है. शुक्रवार को कैलिफोर्निया के वैंडेनबर्ग स्पेस फोर्स बेस से स्पेसएक्स फाल्कन 9 रॉकेट से सरफेस वाटर एंड ओशन टोपोग्राफी (एसडब्ल्यूओटी) अंतरिक्ष यान लॉन्च किया गया. नासा के प्रशासक बिल नेल्सन ने कहा, गर्म समुद्र, प्रतिकूल मौसम, जंगल की आग आदि चुनौतियों का मानवता सामना कर रही है.
नेल्सन ने कहा, जलवायु संकट के लिए पूरी तरह से एकजुट दृष्टिकोण की आवश्यकता है, और एसडब्ल्यूओटी एक लंबे समय से चली आ रही अंतरराष्ट्रीय साझेदारी की उपलब्धि है जो अंतत: समुदायों को बेहतर ढंग से संगठित कर इन चुनौतियों का सामना कर सकेगी. उपग्रह को नासा और फ्रांसीसी अंतरिक्ष एजेंसी सेंटर नेशनल डीट्यूड्स स्पैटियालेस (सीएनईएस) द्वारा बनाया गया है. अंतरिक्ष यान में कैनेडियन स्पेस एजेंसी और यूके स्पेस एजेंसी का भी योगदान है.
उपग्रह पृथ्वी की सतह के 90 प्रतिशत से अधिक ताजे जल निकायों और समुद्र में पानी की मात्रा को मापेगा. इससे यह पता चल सकेगा कि समुद्र जलवायु परिवर्तन को कैसे प्रभावित करता है. कैसे एक गर्म दुनिया झीलों, नदियों और जलाशयों को प्रभावित करती है. बाढ़ जैसी आपदा से कैसे निपटा जा सकता है.
एसडब्ल्यूओटी हर 21 दिनों में कम से कम एक बार 78 डिग्री दक्षिण और 78 डिग्री उत्तरी अक्षांश के बीच पूरी पृथ्वी की सतह को कवर करेगा, प्रति दिन लगभग एक टेराबाइट डेटा वापस भेजेगा.
नासा अर्थ साइंस डिविजन के निदेशक करेन सेंट जर्मेन ने कहा, हम एसडब्ल्यूओटी को काम करते हुए देखने के लिए उत्सुक हैं. यह उपग्रह इस बात का प्रतीक है कि हम विज्ञान और तकनीकी नवाचारों के माध्यम से पृथ्वी पर जीवन को कैसे बेहतर बना रहे हैं.
एसडब्ल्यूओटी माप से शोधकर्ताओं, नीति निर्माताओं और संसाधन प्रबंधकों को बाढ़ और सूखे सहित चीजों का बेहतर आकलन करने और योजना बनाने में मदद मिलेगी.
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
Source : IANS