नासा के वैज्ञानिक टीनएजर्स के दिमाग का विज्ञान मेला और और छोटी प्रयोगशालाओं तक की सीमा से परे इस्तेमाल करना चाहता हैं। नासा के वैज्ञानिक अब इन बच्चों की क्षमता और कल्पनाशीलता का इस्तेमाल स्मार्ट सिटी के लिये करेंगे।
नासा के वैज्ञाननिकों की योजना के तहत ये टीनएजर्स स्मार्ट सिटी प्लेटफॉर्म पर काम करेंगे जो साधनों के इस्तेमाल में मेयर और निगम के कर्मचारियों की सहायता करेंगे।
नासा और ट्रिलियम लर्निंग के अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम 'ए वर्ल्ड ब्रिज' के तहत छात्रों को फेडेरल टेक्नोलॉजी प्रोजेक्ट्स में योगदान देंगे। अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय छात्र मिलकर इस स्मार्ट सिटी प्लेटफॉर्म को विकसित कर रहे हैं। जिससे रिन्यूएबल एनर्जी, पानी, बिजली और कृषि के क्षेत्र में निगरानी रखने में सहायता मिलेगी।
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'ए वर्ल्ड ब्रिज' प्रोग्राम की स्थापना नासा के रिसर्चर फ्राइडमैन फ्रुएंड ने 2013 में की। उसके बाद से कृषि, समुद्री कचरे की निगरानी, यूएवी और भंकंप की पहले जानकारी प्राप्त करने के क्षेत्र में इस्तामाल होने वाली नैनोटेक्नॉलॉजी के क्षेत्र में होने वाले प्रयोगों में सहायता मिल रही है। सिटी स्मार्ट एक ऐसा ही प्रोजेक्ट है।
ट्रिलियम लर्निंग के अध्यक्ष रॉन फॉर्ट्युनाटो का कहना है कि सिटी स्मार्ट आने वाले समय में एक महत्वपूर्ण प्लोटफॉर्म होगा जिससे शहरों के विकास को और रखरखाव को लेकर सहायता मिलेगी। इससे विकासशील देशों को काफी लाभ मिलेगा जहां शहरों के प्रबंधन को लेकर काफी समस्याएं हैं।
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उन्होंने कहा कि बढ़ रही जरूरतों और मौके लोगों को कई तरह से प्रभावित कर रहे हैं। इससे छात्रों को प्रेरणा भी मिल रही है। उन्होंने कहा, 'ये आश्चर्यजनक है, सही मौका और परिवेश मिलने पर बच्चे एक प्रोफेशनल की तरह काम कर रहे हैं।'
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Source : News Nation Bureau