भारत की इसरो और अमेरिका की नासा दोनों अंतरिक्ष एजेंसियां कई महत्वपूर्ण मिशनों पर मिलकर काम कर रही हैं. ऐसे में नासा इसरो के कई मिशनों के लिए मील का पत्थर साबित होगा. जिसका सीधा फायदा इसरो को होगा. इन मिशनों के बीच नासा ने फैसला किया है कि वह इसरो के वैज्ञानिकों को अंतरिक्ष में भेजेगा. इस संबंध में नासा के एडमिनिस्ट्रेटर बिल नेल्सन ने कहा कि अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी इसरो के अंतरिक्ष यात्रियों को इंटरनेशनल स्पेस सेंटर में रहने के लिए ट्रेनिंग देगी.
यात्री को दी जाएगी अडवांस ट्रेनिंग
भारत और अमेरिका क्रिटिककल औऱ एडवांस टेक्निक को बढ़ावा देने के लिए एक साथ आगे बढ़ेंगे. उन्होंने कहा कि पिछले साल भारत गये थे. मानवता की भलाई के लिए भारत औऱ अमेरिका मिलकर मिशन को अंजाम देने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि हम अंतरिक्ष की फिल्ड में एक साथ और कदम से कदम से मिलकार बढ़ेंगे. ऐसे में इसरो के एक अतरिक्ष यात्री को भेजना बड़ी बात है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेट फॉर्म पर ट्विटट करते हुए कहा कि इसरो के अंतरिक्ष यात्री को स्पेस में भेजने के लिए अडवांस ट्रेनिंग दी जाएगी.
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एक साथ मिलकर कर रहे हैं काम
उन्होंने आगे जानकारी दिया कि अंतरिक्ष की दुनिया में अमेरिका और भारत एक साथ मिलकर काम करेगा. बता दें कि हाल ही में एनएसए अजीत डोभाल ने बिल नेल्सन से मुलाकात की थी, जानकारी के मुताबिक, इस साल के अंत तक भारतीय अंतरिक्ष यात्री आईएसएस के लिए उड़ान भर सकते हैं. साथ ही इसरो ट्रेनिंग के लिए चार अंतरिक्षयात्रियों को चयन किया जाएगा. कुछ ही दिनों बाद नासा और इसरो सिंथेटिक अपर्चर रडार यानी NISAR को लॉन्च करने जा रहे हैं. इस मिशन का उद्देश्य जलवायु परिवर्त से निपटना होगा. ये 12 दिनों में धरती की दो बार मैपिंग करेगा.
Source : News Nation Bureau