दुनिया में सबसे पहले चांद पर कदम रखने वाले इंसान नील आर्मस्ट्रांग की मौत पर अब एक बड़ा खुलासा हुआ है. ऐसा बताया जाता रहा है कि उनकी मृत्यु 2012 में हार्ट सर्जरी में हो रही कांप्लीकेशन्स के कारण हुआ था. न्यूयार्क टाइम्स में छपी रिपोर्ट में बताया गया है कि उसके पास इतिहास के सबसे प्रसिद्ध अंतरिक्ष यात्री के अंतिम दिनों से जुड़ी एक 93 पेजों का डॉक्यूमेंट है जिसमें इस अंतरिक्ष यात्री और small Ohio hospital जहां उनका इलाज चल रहा था, के बीच विवाद का खुलासा हुआ है.
इस डॉक्यूमेंट के अनुसार, नील आर्मस्ट्रांग की मौत का कारण अस्पताल की लापरवाही (medical malpractice) थी न कि बाई-पास सर्जरी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अंतरिक्ष यात्री के परिवार ने अस्पताल पर चिकित्सकीय सुविधा ठीक से न मिलने की बात कही थी.
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इस पूरे स्कैंडल को दबाने के लिए अस्पताल ने अंतरिक्ष यात्री के परिवार को 6 मिलियन डालर का भुगतान किया गया. जिनमें से 5 मिलियन अमेरीकी डालर अपनी चुप्पी के बदले आर्मस्ट्रांग के दो बेटों रिक और मार्क के पास गए.
जुलाई 2014 के एक ईमेल में, मार्क की पत्नी वेंडी, एक वकील, ने अपोलो 11 मिशन की 45 वीं वर्षगांठ के दौरान सार्वजनिक रूप से जाने की धमकी दी थी जिसमें देखा गया था कि आर्मस्ट्रांग चंद्रमा पर पैर स्थापित करने वाले पहले व्यक्ति बने थे. सिनसिनाटी इंक्वायरर के अनुसार, अगर यह मामला सार्वजनिक हो जाता है, तो आपके ग्राहक की प्रतिष्ठा को होने वाली क्षति किसी भी जूरी के फैसले की तुलना में अधिक लागत पर आ सकती है. इसीलिए इस मामले को पैसे ले देकर रफा-दफा किया गया.
टाइम्स के अनुसार, आर्मस्ट्रांग के नाती-पोते के लिए एक वकील बर्था हेल्मिक ने तर्क दिया कि कोई भी संस्था अमेरिका के महानतम नायकों में से एक की मौत से दूर नहीं होना चाहती." लेकिन आर्मस्ट्रांग की विधवा कैरोल, उनकी दूसरी पत्नी, यह जानती थी कि वह समझौते का हिस्सा नहीं थी.
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मामला फेयरफ़ील्ड, ओहियो में अस्पताल के निर्णय से संबंधित है, जो अब अस्पतालों के बॉन सिकॉर्स मर्सी हेल्थ समूह का सदस्य है. जब वह कोरोनरी बाईपास के कई दिनों बाद आर्मस्ट्रांग को तुरंत आंतरिक रक्तस्राव (Internal Bleeding) दिखाने के लिए सर्जरी के लिए ट्रांसफर नहीं हुआ. बाईपास सर्जरी करने के मूल निर्णय पर भी सवाल उठाया गया है. अस्पताल के एक प्रवक्ता ने एनक्वायर को विवरण के प्रकाशन को "बहुत निराशाजनक" बताया.
स्टैनफोर्ड में कानून के प्रोफेसर, मिशेल मेलो के अनुसार, संयुक्त राज्य में चिकित्सा कदाचार की घटनाए आम हैं. केवल 5 फीसदी ऐसे केस ही कोर्ट में जाते हैं. इसी वजह से अस्पतालों को मरीजों के लिए पहले से बीमा कराया जाता है.
मेलो के अनुसार, अब तक अस्पतालों की ओर से ऐसी कई घटनाएं देखी जाती रही हैं जिनमें सबसे महंगा सेटेलमेंट 2018 का था जिसमें एक 80 साल के वृद्ध की मौत हुई थी. ऐसे सभी मामले नेशनल प्रैक्टिशनर डेटा बैंक को सूचित किए जाते हैं
Source : PTI