Earthquake in Bihar: नेपाल-भारत सीमा क्षेत्र में 5.2 तीव्रता का भूकंप आया है. रविवार सुबह ठीक 7.24 बजे बिहार में जोरदार भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं, जिसकी रिक्टर स्केल पर तीव्रता 5.3 मापी गई है. वहीं नेपाल में 6.1 की तीव्रता से धरती कांप उठी हैं. बता दें कि भूकंप का केंद्र नेपाल की राजधानी काठमांडू के पास 14 किमी की गहराई में था. हालांकि अभी तक इससे किसी भी जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है. मगर इसी बीच चर्चा है कि आखिर क्यों थरथरा रही धरती? क्या ये कुदरत का कोई संकेत?
दरअसल बीते कुछ दिनों कई दफा दुनिया समेत, भारत के अलग-अलग हिस्सों में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. कई बार इसकी तीव्रता काफी अधिक भी मापी गई है, जिससे जान-मान का नुकसान भी हुआ है. कुछ मामलों में तो सिलसिलेवार तरीके से इन झटकों को महसूस किया गया है, ऐसे में चलिए उन वजहों पर गौर करें, जिसके कारण धरती यूं अचानक दहल उठती है.
क्यों आता है भूकंप? (why Earthquake Happens)
दरअसल इसकी शुरुआत पृथ्वी के भीतर से होती है, जहां चार प्रमुख प्लेट्स इनर कोर, आउटर कोर, मेंटल और क्रस्ट मौजूद होती हैं. जब पृथ्वी के नीचे ये प्लेट्स घूमती हैं और आपस में टकराती है, तो पृथ्वी की सतह के नीचे भूचाल उत्पन्न होता है. इससे ये प्लेट्स अपनी जगह से खिसक जाती है, तो भूकंप के झटके में तबदील हो जाती है.
जहां ये पूरी प्रक्रिया होती है, वहीं भूकंप का असर सबसे ज्यादा रहता है. हालांकि, अगर इसकी तीव्रता अधिक हो तो इसके झटके दूर तक महसूस किए जाते हैं. जैसे काठमांडू केंद्र का भूकंप बिहार के कई हिस्सों में महसूस किया गया है.
क्या संकेत देना चाहती है कुदरत?
दिन-ब-दिन कुदरती कहर का खौफ बढ़ता जा रहा है. चाहे भीषण बाढ़ हो या फिर विनाशकारी भूकंप, ऐसे में कुदरत के संकेतों को समझना जरूरी है. दरअसल देखा जाए तो, तमाम भूवैज्ञानिक इस ओर अपनी चिंता प्रकट कर चुके हैं. उनके द्वारा कई बार न सिर्फ भारत, बल्कि पूरी दुनिया में प्रलयकारी भूकंप का अंदेशा जाहिर किया गया है. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि, इन किश्तों में आ रहे झटकों का अंजाम कुछ बुरा भी हो सकता है!
Source : News Nation Bureau