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इंसान के दिमाग में लगाई जाएगी चिप, एलन मस्क ने कर दिखाया कारनामा

एलन मस्क ने जानकारी देते हुए कहा कि शुरुआती नतीजे उत्साहजनक हैं और इससे न्यूरॉन स्पाइक का पता लगाने की उम्मीद और मजबूत होगी. मस्क ने कहा कि न्यूरालिंक के पहले उत्पाद का नाम टेलीपैथी होगा.

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Ravi Prashant
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Chip will fit in human brain

दिमाग में फिट होगी चिप!( Photo Credit : Canva/Pixel)

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टेस्ला और एक्स के मालिक एलन मस्क ने एक बार फिर दुनिया में लोगों को चौंका दिया है.एलन मस्क की कंपनी न्यूरालिंक ने दावा किया है कि उसने इंसान के दिमाग में सफलतापूर्वक ब्रेन चिप फिट कर दी है. इस संबंध में कंपनी ने कहा कि रविवार को पहले मानव मरीज पर ब्रेन चिप का परीक्षण किया गया, जो सफल रहा. इसमें सबसे अच्छी बात यह है कि मरीज बहुत तेजी से ठीक हो रहा है. इसकी जानकारी मस्क ने सोशल मीडिया पर दी है.

एलन मस्क ने जानकारी देते हुए कहा कि शुरुआती नतीजे उत्साहजनक हैं और इससे न्यूरॉन स्पाइक का पता लगाने की उम्मीद और मजबूत होगी. मस्क ने कहा कि न्यूरालिंक के पहले उत्पाद का नाम टेलीपैथी होगा. साथ ही कंपनी ने बताया कि उसका उद्देश्य न्यूरोलॉजिकल विकारों से पीड़ित लोगों के जीवन को आसान और सहज बनाना है.

ब्रेन और कंप्यूटर के बीच सीधा कम्युनिकेशन चैनल का काम करेगा

आपको बता दें कि मस्क ने साल 2016 में न्यूरोटेक्नोलॉजी न्यूरालिंक स्टार्टअप की नींव रखी थी, जो ब्रेन और कंप्यूटर के बीच सीधा कम्युनिकेशन चैनल बनाने पर काम कर रहा है. कंपनी ने दावा किया है कि उसने एक ऐसी चिप बनाई है जिसे सर्जरी के जरिए इंसान के दिमाग के अंदर डाला जा सकता है. यह एक तरह से इंसान के दिमाग की तरह ही काम करेगा.

इसका उपयोग मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र विकारों का सामना कर रहे लोगों के लिए किया जाएगा. सरल शब्दों में हम कह सकते हैं कि जिस तरह शरीर के कई अन्य अंगों के काम करना बंद कर देने पर उनका प्रत्यारोपण किया जाता है, उसी तरह यह कुछ हद तक मस्तिष्क का ट्रांसप्लांट किया जा सकेगा.

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इंसान से पहले बंदरों पर टेस्टिंग

इस कंपनी को अनुसंधान और कार्य के लिए प्रत्यारोपण के लिए अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन द्वारा मंजूरी दी गई थी. न्यूरालिंक अपने माइक्रोचिप्स का उपयोग पक्षाघात और अंधापन जैसी स्थितियों के इलाज के लिए और कुछ विकलांग लोगों को कंप्यूटर और मोबाइल प्रौद्योगिकी का उपयोग करने में मदद करने के बारे में बात करता है. आपको बता दें कि इंसानों से पहले इसे बंदरों पर प्रशिक्षित किया गया है.इन चिप्स को मस्तिष्क में उत्पन्न संकेतों की व्याख्या करने और ब्लूटूथ के माध्यम से उपकरणों तक जानकारी प्रसारित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है.

Source : News Nation Bureau

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