यूपी में कोरोना की तीसरी लहर को ध्यान में रखते हुए सरकार ने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के हर जिले में एक-एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र या जिला अस्पताल में ऑक्सीजन जेनरेटर्स युद्धस्तर पर लगाए जा रहे हैं। अस्पतालों में नौ हजार से अधिक पीडियाट्रिक आईसीयू (पीकू) बेड तैयार किए जा चुके हैं। योगी सरकार ने निर्णयों से प्रदेश में अब कोरोना की दूसरी लहर पूरी तौर पर नियंत्रित है। कम समय में कोरोना वायरस के नए वेरिएंट जीनोम सिक्वेंसिंग की तेजी से जांच की जा रही है।
केजीएमयू लखनऊ में 109 सैम्पल की जीनोम सिक्वेंसिंग कराई गई। प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक 107 सैंपल में कोविड की दूसरी लहर वाले पुराने डेल्टा वैरिएंट की पुष्टि ही हुई है, जबकि 02 सैम्पल में कप्पा वैरिएंट पाए गए। दोनों ही वैरिएंट प्रदेश के लिए नए नहीं हैं। प्रदेश में ट्रेसिंग से संक्रमण का प्रसार भी न्यूनतम स्तर पर है।
कोरोना वायरस के परीक्षण के लिए प्रदेश में जीनोम सिक्वेंसिंग की सुविधा का लगातार विस्तार किया जा रहा है। जल्द ही प्रदेश में इस सुविधा से लैस केंद्र की स्थापना भी की जाएगी। सरकार ने पहले ही प्रदेश में जीनोम सिक्वेंसिंग के दायरे को बढ़ाते हुए बीएचयू, केजीएमयू, सीडीआरआई, आईजीआईबी, राम मनोहर लोहिया संस्थान में जीनोम परीक्षण की व्यवस्था की है।
यूपी ऑक्सीजन उपलब्धता में आत्मनिर्भर हो रहा है। प्रदेश में 536 ऑक्सीजन प्लांट पर तेजी से काम किया जा रहा है, जिसमें से अब तक 146 ऑक्सीजन प्लांट प्रदेश में क्रियाशील हो चुके हैं। प्रदेश में ऑक्सीजन जेनरेटर के जरिए 15 फीसदी ऑक्सीजन की 3300 बेडों पर आपूर्ति हो रही है। विभिन्न औद्योगिक समूहों की ओर से ऑक्सीजन प्लांट, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध कराने में मदद की गई है। अनेक औद्योगिक समूहों व इकाइयों ने हेल्थ एटीएम उपलब्ध कराने के लिए आगे आए हैं। इन अत्याधुनिक मशीनों के जरिए से लोग बॉडी मास इंडेक्स, ब्लड प्रेशर, मेटाबॉलिक ऐज, बॉडी फैट, हाईड्रेशन, पल्स रेट, हाइट, मसल मास, शरीर का तापमान, शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा, वजन सहित कई पैरामीटर की जांच कर सकते हैं।
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Source : IANS