अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा (NASA) ने भारत के मिशन चंद्रयान-2 (Chandrayaan-2) के लैंडर विक्रम (Lander Vikram) के लैंडिग साइट की तस्वीरें जारी की है. नासा के अनुसार, चांद के सतह पर लैंडर विक्रम की हार्ड लैंडिंग हुई थी. हालांकि अभी नासा ने विक्रम की कोई तस्वीर जारी नहीं की है, लेकिन उसने कहा है कि अक्टूबर तक वह और तस्वीरें जारी कर सकता है.
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नासा का कहना है कि अभी चांद पर रात हो चुकी है, लिहाजा सतह पर केवल परछाइयां ही दिख रही हैं. हो सकता है कि लैंडर किसी परछाई में छिप गया हो. लैंडर विक्रम के न दिखने के पीछे धूल को भी बड़ा कारण माना जा रहा है. 7 सितंबर को आधी रात को करीब 1:50 बजे विक्रम लैंडर का चांद पर पहुंचने से पहले पहले संपर्क टूट गया था. उस समय चांद पर सूरज की रोशनी पड़नी शुरू हो गई थी.
नासा के मुताबिक, उनका लूनर ऑर्बिटर LRO (The Lunar Reconnaissance Orbiter) लैंडिंग साइट के ऊपर से 17 सितंबर को गुजरा और वहां की कई सारी तस्वीरें लीं. लेकिन, तस्वीरों में कहीं भी लैंडर विक्रम नजर नहीं आया है. नासा ने कहा है कि जिस वक्त ऑर्बिटर वहां चक्कर काट रहा था, उस वक्त वहां शाम ढल रही थी, लिहाजा लंबी परछाई के चलते तस्वीरें साफ नहीं आ पाई है. हो सकता है कि परछाई में लैंडर विक्रम छुप गया हो. नासा का कहना है कि अक्टूबर में यहां रोशनी बढ़ेगी, तब विक्रम को तलाशा जाएगा. कहा जा रहा है कि 14 अक्टूबर को नासा का लूनर ऑर्बिटर फिर से गुजर सकता है.
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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अध्यक्ष के. सिवन ने पिछले दिनों कहा था कि चंद्रयान-2 मिशन 98 फीसदी सफल रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर ठीक से काम कर रहा है.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो