Asteroid to come close to Earth : पृथ्वी से तीन एस्टेरॉइड के जूम करने के कुछ दिनों बाद एक विशाल खगोलीय पिंड 18 जनवरी को पृथ्वी की ओर पहुंचने के लिए अग्रसर है. एस्टेरॉइड 7482 (1994 PC1) आने वाले हफ्तों में पृथ्वी के पास से गुजरेगा क्योंकि यह सौर मंडल के माध्यम से अपनी अण्डाकार कक्षा में घूम रहा है. एस्टेरॉइड लगभग 4.6 अरब साल पहले सौर मंडल के निर्माण के बाद बचे चट्टानी टुकड़े हैं. सबसे नजदीक पहुंचते हुए एस्टेरॉइड पृथ्वी से 1.93 मिलियन किमी दूर है जो चंद्रमा और पृथ्वी के बीच की दूरी का 5.15 गुना है. एस्टेरॉइड की आवाजाही पर नजर रखने वाली जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी ने कहा है कि एस्टेरॉइड 70,416 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भरेगी. अगर एस्टेरॉइड की दिशा में परिवर्तन होता है, तो ये पृथ्वी पर भी गिर सकता है. नासा ने भी संभावित रूप से खतरनाक करार दिया है.
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व्यास में लगभग एक किलोमीटर और अमेरिका में एम्पायर स्टेट बिल्डिंग की ऊंचाई से 2.5 गुना बड़े आकार के इस एस्टेरॉइड खतरनाक करार दिया गया है. विशेषज्ञों का कहना है कि इस आकार के एस्टेरॉइड में हर 6,00,000 वर्षों में ग्रह से टकराने की क्षमता है. जेपीएल के अनुसार, पृथ्वी के करीब आ रहे एस्टेरॉइड और धूमकेतु हैं जिनकी कक्षाएं सूर्य के 195 मिलियन किलोमीटर के भीतर हैं, जिसका अर्थ है कि वे पृथ्वी के कक्ष के आसपास यह घूम सकते हैं.
एस्टेरॉइड 7482 की खोज 9 अगस्त, 1994 को हुई थी
एस्टेरॉइड 7482 (1994 PC1) की खोज सबसे पहले रॉबर्ट मैकनॉट ने 9 अगस्त, 1994 को ऑस्ट्रेलिया में साइडिंग स्प्रिंग ऑब्जर्वेटरी का उपयोग करते हुए की थी. डेटा से पता चला कि इसे 1974 से स्कैन में कैद किया गया था. EarthSky.com के मुताबिक, एस्टेरॉइड 7482 (1994 PC1) को खुली आंखों से नहीं देखा जा सकेगा, बल्कि एक छोटी दूरबीन के साथ शौकिया खगोलविद बेहद आसानी से इस एस्टेरॉइड को देख सकते हैं. आपको बता दें कि, ऐसे दर्जनों एस्टेरॉइड हैं, जिनके आने वाले वक्त में पृथ्वी से टकराने की काफी आशंका है, लिहाजा ऐसे एस्टेरॉइड को अंतरिक्ष में ही मार गिराने की टेक्नोलॉजी पर नासा काम कर रहा है.
HIGHLIGHTS
- एक विशाल खगोलीय पिंड 18 जनवरी को पृथ्वी की ओर पहुंचने के लिए अग्रसर
- सबसे नजदीक पहुंचते हुए एस्टेरॉइड पृथ्वी से 1.93 मिलियन किमी दूर है
- 70,416 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भरेगी यह एस्टेरॉइड
Source : News Nation Bureau