पाकिस्तान के वैज्ञानिक और वहां पूर्व में विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री रहे डॉ. अता-उर-रहमान ने कहा है कि भारत का चंद्रयान-2 मिशन पाकिस्तान के लिए वेक अप कॉल है. जियो न्यूज के एंकर से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि भारत के चंद्रयान-2 मिशन को असफल नहीं कहा जा सकता है, क्योंकि कई उन्नत तकनीक वाले देशों के भी इस प्रकार के मिशन असफल हुए हैं.
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डॉ. अता-उर-रहमान ने आगे कहा कि सफल और असफल होना इस प्रकार के मिशन का हिस्सा है, लेकिन जो अंतिम समय तक प्रयास जारी रखता है, वह ही सफल होता है. उन्होंने कहा कि जिन देशों ने भी इस प्रकार के मिशन किए हैं, उनके भी आधे मिशन सफल हुए और आधे असफल रहे हैं. इस तरह के मिशन में बहुत सारा पैसा लगाना ठीक नहीं होगा, यह सही दृष्टिकोण नहीं है, क्योंकि ऐसे प्रयासों का रक्षा और उद्योगों पर भी प्रभाव पड़ता है.
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डॉ. रहमान ने कहा, "भारत जो कर रहा है, सही कर रहा है और हमें भी मंगल और चांद पर पहुंचने के लिए उनसे सीख लेनी चाहिए." उन्होंने कहा कि हमें चांद पर जाने की कोशिशें सिर्फ इसलिए नहीं करनी चाहिए क्योंकि हम भारत की बराबरी करना चाहते हैं, बल्कि इस प्रकार के परीक्षणों से तकनीक का विकास होता है, जिससे हमारे रक्षा और उद्योग के क्षेत्रों को मजबूती मिलेगी.