सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल ने स्काईलोटेक इंडिया के साथ साझेदारी में गुरुवार को उपग्रह आधारित एनबी-आईओटी (नैरोबैंड-इंटरनेट ऑफ थिंग्स) उपकरण सेवा की शुरूआत की. इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया के विजन के अनुसरण में शुरू किया गया है, जिसकी शुरूआत मछुआरों, किसानों, निर्माण, खनन और रसद उद्यमों के साथ की गई है. इस समाधान (सॉल्यूशन) के साथ भारत में अब लाखों असंबद्ध मशीनों, सेंसर और औद्योगिक आईओटी उपकरणों के लिए कनेक्टिविटी सुनिश्चित हो सकेगी.
यह नया 'मेड इन इंडिया' समाधान, जो कि स्वदेशी रूप से स्काईलो द्वारा विकसित किया गया है, बीएसएनएल के सैटेलाइट ग्राउंड इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ेगा और भारतीय समुद्रों सहित पैन-इंडिया कवरेज प्रदान करेगा. यह कवरेज इतना विशाल होगा कि इसकी मदद से भारत की सीमा के भीतर कश्मीर और लद्दाख से कन्याकुमारी तक और गुजरात से लेकर पूर्वोत्तर तक भारतीय समुद्री सीमा को कवर किया जाएगा.
सरल शब्दों में कहें तो कंपनी की इस सेवा का उपयोग देश की समुद्री सीमा के भीतर कहीं भी उन स्थानों पर किया जा सकता है, जहां मोबाइल टावर उपलब्ध नहीं हैं. कंपनी ने एक बयान में कहा, यह दुनिया का पहला उपग्रह आधारित आईओटी नेटवर्क है. बीएसएनएल के सीएमडी पी. के. पुरवार ने कहा, "समाधान बीएसएनएल की दृष्टि के अनुरूप है, जो ग्राहकों के संपूर्ण सेगमेंट में सस्ती एवं नई दूरसंचार सेवाएं और उत्पाद प्रदान करने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने के लिए है."
उन्होंने आगे कहा, "स्काईलो 2021 में कोविड-19 वैक्सीन के प्रभावी वितरण को सक्षम करने के लिए रसद क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण डेटा प्रदान करने में मदद करेगा और राष्ट्र की सेवा में एक बड़ा योगदानकर्ता होगा." स्काईलो के सीईओ और सह-संस्थापक पार्थसारथी त्रिवेदी ने कहा, "सदियों से कृषि, रेलवे और मत्स्य पालन सहित उद्योग ऑफलाइन काम कर रहे हैं और उन्हें अभी तक एआई और आईओटी में नवीनतम प्रगति का पूरा लाभ उठाने का अवसर नहीं मिला है. यह दुनिया का पहला उपग्रह-आधारित एनबी-आईओटीनेटवर्क है. मुझे भारत में हमारे जीवन और निजी उद्योगों को बदलने के लिए इस क्षमता को लॉन्च करने पर गर्व है."
बीएसएनएल बोर्ड के निदेशक (सीएफए) विवेक बनजल ने कहा, "भारत में बीएसएनएल और स्काईलो की ओर से पहले ही सफल पीओसी का संचालन किया जा चुका है और हम जल्द ही नए साल के शुरू होने से पहले विभिन्न उपयोगकर्ता समूहों से संपर्क करेंगे."इस सफलता की घोषणा के काफी मायने हैं, क्योंकि यह चल रही भारतीय मोबाइल कांग्रेस 2020 के दौरान हुई है. यह नई तकनीक दूरसंचार विभाग और नीति आयोग की भारत के प्रमुख क्षेत्रों में स्वदेशी आईओटी कनेक्टिविटी लाने की योजना का समर्थन करती है. इस तकनीक का पहले से ही सफलतापूर्वक परीक्षण किए जाने के उदाहरणों में भारतीय रेलवे और मछली पकड़ने के जहाज शामिल हैं, जो पूरे भारत में जुड़े वाहनों को सक्षम बनाता है.
इस चौकोर आकार के छोटे से उपकरण को ग्राहक देशभर में कहीं भी ले जा सकते हैं और अपने स्मार्टफोन से कनेक्ट करके दोतरफा संवाद कर सकते हैं. यह उपयोगकर्ताओं को तत्काल और उचित कार्रवाई करने की क्षमता देता है, चाहे वे कहीं भी हों.
Source : IANS