चीन ने हाल के वर्षों में तमाम क्षेत्रों में खूब प्रगति हासिल की है. विज्ञान व तकनीकी सेक्टर भी इससे अछूते नहीं हैं. यहां बता दें कि चीन विश्व में आर एंड डी यानी अनुसंधान और विकास संबंधी कार्यों पर सबसे ज्यादा खर्च वाले देशों में से एक है. आंकड़ों के मुताबिक ग्लोबल आर एंड डी खर्च में चीन की हिस्सेदारी करीब 20 फीसदी है. इस बीच एक और रिपोर्ट सामने आयी है, जिसमें चीन अग्रणी भूमिका निभा रहा है. ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी शोधकर्ताओं ने इस साल सितंबर महीने तक जैविक संसाधनों से संबंधित 5 लाख 67 हजार से अधिक शोध पत्र प्रकाशित किए, जो अमेरिका के बाद दूसरे स्थान पर है. इससे साबित होता है कि चीन उक्त संसाधनों के विकास को लेकर पूरी तरह से प्रतिबद्ध है.
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चीनी विज्ञान अकादमी द्वारा पिछले दिनों जारी एक अध्ययन में कहा गया है कि पिछले दो वर्षों में चीन ने जीन-संपादन, सिंथेटिक जैव प्रौद्योगिकी और माइक्रोबायोमिक्स में एक मजबूत तकनीकी नींव का निर्माण किया है. जिसमें एक समुदाय में सभी सूक्ष्मजीवों की एक साथ जांच की जाती है. इसके साथ ही चीन ने वनस्पति उद्यान, जैव-रासायनिक भंडार, पशु संसाधन, जैव विविधता निगरानी नेटवर्क और डेटा-साझाकरण प्लेटफार्मों के निर्माण में भी अच्छी प्रगति हासिल की है.
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ध्यान रहे कि चीनी अनुसंधान संस्थानों ने आणविक जीव विज्ञान और आनुवांशिकी के क्षेत्र में सबसे अधिक पेपर प्रकाशित किए, यह अनुपात 21.2 प्रतिशत है. जबकि इनके बाद पर्यावरण और पारिस्थितिकी का नंबर आता है. वहीं आवश्यक विज्ञान संकेतक डेटाबेस के मुताबिक चीन में 220 शैक्षणिक संस्थान हैं, जिनमें से शीर्ष 1 फीसदी जैविक संसाधनों से जुड़े संस्थान हैं. जबकि दुनिया भर के बायोलॉजिकल रिसोर्सेज संबंधी टॉप संस्थानों में चीन दूसरे नंबर पर है.
बता दें कि चीन के जैविक संसाधन दुनिया के सबसे समृद्ध संसाधन हैं. चीनी विज्ञान अकादमी द्वारा जारी ताजा रिपोर्ट के अनुसार उसके 40 संस्थानों में 73 जैविक संसाधन रिपॉजिटरी ने जैविक संसाधनों के डेटा के 73 लाख से अधिक टुकड़े एकत्र किए गए, जिनमें जैविक नमूने, पौधे, जैव-रासायनिक संसाधन और पशु आदि शामिल हैं. जैसा कि हम जानते हैं कि जैविक संसाधन मानव प्रजनन और विकास के लिए सबसे बुनियादी सामग्री होते हैं और इसमें पशु, पौधे, सूक्ष्म जीव और पारिस्थितिक तंत्र प्रमुख रूप से शामिल हैं.
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जबकि जैविक संसाधन मानव गतिविधियों के लिए भोजन, दवा, सामग्री और ईंधन की आपूर्ति करने के अलावा जैव विविधिता के लिए भी बहुत अहम होते हैं. इसके साथ ही जीवन और स्वास्थ्य की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण रणनीतिक संसाधन भी माने जाते हैं. वहीं राष्ट्र की जैव सुरक्षा की रक्षा करने के अलावा आर्थिक विकास को भी बनाए रखते हैं.
Source : IANS