अंतरिक्ष और पृथ्वी के सौरमंडल में तरह-तरह के विकिरण पाये जाते हैं. हालांकि ग्रहों की मैग्नेटिक फील्ड के कारण ये विकिरण सतह पर नहीं पहुंच पाते हैं, लेकिन फिर भी इन विकिरणों के संकेत हमारे वायुमंडल में वैज्ञानिकों को अक्सर देखने को मिल जाते हैं. अभी हाल ही में हुए अध्ययन में शोधकर्ताओं ने इस तरह के एक कॉस्मिक विकिरणों के स्रोत के साथ उस विकिरण की मात्रा का पता लगाने में सफलता हासिल की है जो हमारी गैलेक्सी मिल्की वे (Milky Way) से ही आया है. इस दौरान वैज्ञानिकों ने विकिरणों पर अध्ययन जारी रखा हुआ है.
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इन विकिरणों से कई रहस्य हैं जुड़े
इन विकिरणों में कॉस्मिक किरणों के साथ उच्च ऊर्जा के प्रोटॉन और ऐसे परमाणु केंद्रक, जिनके इलेक्ट्रॉन निकल गए हैं, इनकी गति प्रकाश की गति के आसपास तक हो सकती है. लेकिन इस परिघटना से जुड़े कई रहस्य अभी तक अनसुलझे हैं. जिसमें से इनका उद्गम स्रोत क्या है? उनके प्रमुख कण इतनी अधिक वेग कैसे हासिल कर लेते हैं? इत्यादि प्रमुख हैं.
पहली बार सामने आया ये शोध परिणाम
इस दौरान जापान की नागोया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं की अगुआई में वैज्ञानिकों ने पहली बार एक सुपरनोवा अवशेषों से निकली कॉस्मिक किरणों की मात्रा सुनिश्चित करने में सफलता पाई है. इस शोध ने 100 साल पुराने एक रहस्य को सुलझाने में मदद की है और इसे कॉस्मिक किरणों के स्रोत की सटीक स्थिति पता करने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है.
ये हो सकते हैं कॉस्मिक किरणों के स्रोत
अब तक कॉस्मिक किरणों के कई स्रोत माने जा चुके हैं, जिनमें सूर्य, सुपरनोवा, गामा किरण प्रस्फोट, क्वाजेर, आदि शामिल हैं. लेकिन पहली बार उनके द्वारा 1912 में की गई खोज के बाद से कभी उसकी सटीक उद्गम की स्थिति का पता नहीं चल सका. इस तरह यह सिद्धांत भी दिया गया कि सुपरनोवा के विस्फोट के बाद बचे अवशेष ही इन कणों को प्रकाश की गति के आस-पास तक त्वरण कराने के लिए जिम्मेदार हैं. ये अवशेष जब हमारी गैलेक्सी से होकर गुजरते हैं, तो कॉस्मिक किरणें अंतरतारकीय माध्यम (ISM) में रासायनिक बदलाव करती हैं. इस तरह इनके उद्गम की जानकारी हमारी गैलेक्सी के विकास की जानकारी दे सकती है. हालांकि अभी इस विषय पर काफी शोध बाकी है.
HIGHLIGHTS
- अंतरिक्ष और पृथ्वी के सौरमंडल में पाए जाते हैं तरह-तरह के विकिरण
- ग्रहों की मैग्नेटिक फील्ड के कारण ये विकिरण सतह पर नहीं पहुंचते
- इन विकिरणों के संकेत हमारे वायुमंडल में वैज्ञानिकों को अक्सर दिख जाते हैं