अगले 48 घंटे में सूरज का कहर आप पर बरप सकता है। खगोल वैज्ञानिकों ने 48 घंटे में पृथ्वी से सोलर स्टॉर्म टकराने की आशंका जताई है। जिसकी वजह से
उपग्रह आधारित सेवाएं जैसे मोबाइल, केबल नेटवर्क, जीपीएस नैविगेशन प्रभावित हो सकते हैं। इसके अलावा रेडिएशन के खतरे की भी आशंका है।
वैज्ञानिकों के मुतबिक भारत से पहले इसका असर अमेरिका और यूके में दिख सकता है। सौर तूफान के धरती से टकराने पर कुछ समय के लिए टेक ब्लैकआउट की स्थिति बन सकती है।
नेशनल ओशन ऐंड अटमॉस्फियर असोसिएशन ने कहा है कि जब यह तूफान आएगा तो उत्तर और दक्षिण में तेज रोशनी नजर आएगी। हालांकि संस्थान ने इसे जी-1 या हल्का सौर तूफान ही करार दिया है।
असोसिएशन फोरकास्ट का कहना है कि यह तूफान रविवार या सोमवार को आ सकता है। इस दौरान काफी तजे सौर हवाएं चलेंगी।
एक्सप्रेस यूके की रिपोर्ट के मुताबिक सूर्य में एक कोरोनल होल खुलेगा। इसके कारण सूरज से भारी मात्रा में ऊर्जा निकलेगी। इसमें कॉस्मिक कण भी मौजूद होंगे।
स्पेश वेदर की एक रिपोर्ट में कहा गया, 'सोलर डिस्क के लगभग आधे हिस्से को काटते हुए एक बड़ा सा छेद बनेगा, जिसके कारण सूर्य के वातावरण से पृथ्वी की ओर बेहद गर्म हवा का एक तूफान आएगा। नासा की ओर से जारी की गई तस्वीर में गैस के इस तूफान को देखा जा सकता है।'
बता दें कि चुंबीय तूफान को सौर तूफान कहते हैं, जो सूर्य की सतह पर आए क्षणिक बदलाव से उत्पन्न होते हैं। इन्हें पांच श्रेणी जी-1, जी-2, जी-3, जी-4 और जी-5 में बांटा गया है। ऐसा माना जाता है कि जी-5 श्रेणी का तूफान पृथ्वी को भारी नुकसान पहुंचा सकता है।
जानकारों का कहना है कि जी-1 श्रेणी के तुफान का सबसे ज्यादा असर पावर ग्रिड और माइग्रेटरी बर्ड्स पर पड़ता है। इस आंधी का व्यापक असर यूएस और यूके में ज्यादा पड़ने की आशंका है।
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Source : News Nation Bureau