चांद पर सफलता का झंडा गारने के बाद अब इसरो का मिशन सन है. सूर्य का अध्ययन करने वाली पहली स्पेस बेस्ड इंडियन ऑब्जर्वेटरी से संबंधित भारत के सूर्य मिशन आदित्य-एल-वन (Aditya-L1) को 2 सितंबर को लॉन्च किया जाएगा. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO)ने सोमवार 28 (अगस्त) को इसकी जानकारी दी. इसरो ने बताया कि मिशन को श्रीहरिकोटा से सुबह 11:50 बजे लॉन्च किया जाएगा. इसरो ने जनता को भी आमंत्रित किया है. इस ऐतिहासिक पल का गवाह बनने के लिए इसरो ने लोगों से रजिस्ट्रेशन करने का आग्रह किया है. मिशन की लॉन्चिंग लाइव देखने के लिए इसरो 29 अगस्त यानी कल से अपना रजिस्ट्रेशन विंडो खोल देगा. इसरो की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर इच्छुक लोग रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं.
आदित्य एल-1 मिशन (Aditya-L1) के जरिए इसरो सूर्य का टैंपरेचर, पराबैगनी किरणों के धरती, खासकर ओजोन परत पर पड़ने वाले प्रभावों और अंतरिक्ष में घटने वाली घटनाओं की जानकारी हासिल करेगा. अंतरिक्ष में आदित्य एल-1 जहां पर पहुंचेगा वह स्थान धरती से 15 लाख किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. बताते चलें कि पृथ्वी से सूर्य की दूरी 150 मिलियन लाख किलोमीटर की दूरी है.
इस मिशन से ये मिलेगी जानकारी
इस मिशन के जरिए इसरो सूर्य की परतों की (क्रोमोस्फीयर और कोरोना) गतिशीलता की स्टडी करेगा.इसके अलावा क्रोमोस्फेरिक और कोरोनल हीटिंग का अध्ययन किया जाएगा. साथ ही इसरो आंशिक रूप से आयनित प्लाज्मा की भौतिकी के बारे में पता लगाने की कोशिश करेगा. . इसके अलावा सूर्य से कण गतिशीलता के अध्ययन के लिए डेटा प्रदान करने वाले इन-सीटू पार्टिकल और प्लाज्मा वातावरण का अध्ययन किया जाएगा.
Source : News Nation Bureau