त्रिपुरा विश्वविद्यालय के एक वैज्ञानिक ने दूर-दराज के स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की मदद के लिए स्थानीय स्तर पर उपलब्ध स्क्रैप सामग्री से एक रोबोट बनाया है, जो कोरोनावायरस रोगियों की देखभाल कर सकता है. यह रिमोट-नियंत्रित रोबोट रोगियों को दवा, खाना और आवश्यक सामान वितरित करने में मदद करेगा. यह रोबोट 14 से 20 मिटर तक चलने में सक्षम है और 10-15 किलो भार उठा सकता है.
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वैज्ञानिक हरजीत नाथ ने बताया कि रोबोट बनाने में केवल एक सप्ताह का समय लगा और इसकी लागत मात्र 25,000 रुपये खर्च है. चल रहे लॉकडाउन के कारण त्रिपुरा के बाहर से अन्य आधुनिक उपकरणों को इकट्ठा नहीं कर सका, इसलिए मैंने स्थानीय और स्क्रैप सामग्री पर निर्भर रहकर मैंने यह रोबोट तैयार किया. मैंने अपने रिश्तेदार के बेटे के पुराने खिलौने को रोबोट के महत्वपूर्ण रिसीवर के रूप में इस्तेमाल किया.
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साल 2018 में प्रतिष्ठित युवा वैज्ञानिक पुरस्कार प्राप्त करने वाले नाथ ने कहा कि अत्यधिक कोरोनावायरस प्रभावित रोगियों से निपटने के लिए रोबोट डॉक्टरों, नर्सों और अन्य स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की बहुत मदद कर सकता है. नाथ ने रोबोट में इनबिल्ट माइक्रोफोन और स्पीकर के साथ वाई-फाई-नियंत्रित कैमरे का दोतरफा संचार उपकरण स्थापित किया है, जो डॉक्टरों या नर्सों और रोगियों दोनों को एक दूसरे के साथ सीधे संवाद करने में मदद करेगा, और दोनों के बीच उचित दूरी बनाए रखने का काम करेगा.
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उन्होंने कहा कि डॉक्टरों, नर्सों और स्वास्थ्य कर्मियों को अत्यधिक संक्रामक वायरस से संक्रमित होने का खतरा है, क्योंकि उन्हें कोरोनावायरस रोगियों की बारीकी से देखभाल करनी होती है. भारत और विदेश में कई डॉक्टर, नर्स और स्वास्थ्य कार्यकर्ता अपने कार्यकाल के दौरान खतरनाक वायरस से संक्रमित हो गए हैं. रोबोट अगली कतार के योद्धाओं के जोखिम को काफी हद तक कम कर देगा.
Source : News Nation Bureau