First-of-its-kind 3D printed house for jawans : भारतीय सेना (Indian Army) के इंजीनियरों ने कंस्ट्रक्शन के क्षेत्र में खुद को लोहा मनवाया है. सेना के अधिकारियों ने कहा कि डिजिटल निर्माण के क्षेत्र में भी भारतीय सेना ने हाथ आजमाया है. सेना की सैन्य इंजीनियरिंग सेवा (MES) ने 3 डी रैपिड कंस्ट्रक्शन टेक्नोलॉजी (Rapid Construction Technology) का उपयोग करके चार सप्ताह के भीतर दो घरों का निर्माण किया है. गांधीनगर (Gandhinagar) में दक्षिण-पश्चिमी वायु कमान में निर्मित 3डी-प्रिटेंड घर (3d-Printed House) भारत में अपनी तरह की पहली संरचनाएं हैं. रक्षा अधिकारियों ने कहा कि 3डी प्रिंटेड हाउस भारतीय सशस्त्र बलों की बढ़ती आवास आवश्यकताओं को तेजी से पूरा करने के लिए आधुनिक समय में एक बेहतर प्रयास है.
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इस तरह का कंस्ट्रक्शन 'आत्मनिर्भर भारत' के हिस्से के रूप में रक्षा प्रौद्योगिकियों के स्वदेशीकरण पर केंद्रित घरेलू प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देने में भारतीय सशस्त्र बलों की एकजुटता का प्रतीक है. चेन्नई स्थित स्टार्टअप Tvasta के सहयोग से निर्मित प्रत्येक घर में लगभग 700 वर्ग फुट का एक निर्मित क्षेत्र है. साथ ही यह प्रिंटेड घर जोन-3 भूकंपरोधी भी है. भारतीय सेना की इंजीनियरिंग इकाई मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विसेज ने यह कारनामा गुजरात के गांधीनगर में किया है. इन दोनों 3डी प्रिंटेड घरों का उद्घाटन इंजीनियर इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह की उपस्थिति में किया गया. उन्होंने इस खास मौके पर इसे बनाने वाली टीम को बधाई दी और आगे भी इस तरह के काम को जारी रखने के लिए प्रेरित किया.
Military Engineering Services (MES) completed the first-ever 3D Printed houses at South Western Air command at Gandhinagar, Gujarat. The 3D Printed houses were inaugurated in presence of Engineer in Chief Lt Gen Harpal Singh: Indian Army officials pic.twitter.com/k6mdOQxYCi
— ANI (@ANI) March 14, 2022
क्या खास है इन दोनों घरों में
इन दोनों घरों की खास बात ये है कि सेना की इंजीनियरिंग टीम ने इन दोनों को महज 4 हफ्ते में ही पूरा कर दिया. इन चार हफ्तों में सिर्फ मकान ही नहीं बनाया गया, बल्कि इसमें रंगाई-पुताई और अन्य फनिशिंग के काम भी किए गए. ये घर थ्रीडी प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी पर बनाए गए हैं.
हाल ही में 3 डी प्रिंटेड सैनिटरी ब्लॉक का निर्माण
इससे पहले एमईएस ने हाल ही में जैसलमेर में लगभग 600 वर्ग फुट के कुल निर्मित क्षेत्र के साथ भारत के पहले 3 डी प्रिंटेड सैनिटरी ब्लॉक का निर्माण किया था, जो रक्षा क्षेत्रों में निर्माण 3 डी प्रिंटिंग की संभावनाओं के लिए एक नई शुरुआत है. निर्माण में शामिल मुख्य अभियंता ने अपने कार्यकाल के दौरान कई स्टेशनों का दौरा किया और देखा कि सैनिकों के लिए आवास सुनिश्चित करने के लिए आने वाले समय में तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है.
HIGHLIGHTS
- भारतीय सेना के इंजीनियरों ने जवानों के लिए बनाया है यह घर
- 3 डी रैपिड कंस्ट्रक्शन टेक्नोलॉजी का उपयोग करके किया घर का निर्माण
- भारतीय सेना ने सिर्फ चार सप्ताह के भीतर ही दो घरों का निर्माण किया
Source : News Nation Bureau