आभासी वास्तविकता (वीआर, वर्चुअल रियलिटी-Virtual Reality-VR) आमतौर पर नर्व (तंत्रिका या नाड़ी) चोटों वाले रोगियों में देखे जाने वाले दर्द के प्रकारों को कम कर सकती है। वीआर डिस्फंगक्शनल पेन सप्रेशन सिस्टम को भी बढ़ावा दे सकता है। एक नए अध्ययन में यह दावा किया गया है. द जर्नल ऑफ पेन में प्रकाशित अध्ययन से पता चला कि वीआर दर्द के लक्षणों को भी कम कर सकता है जैसे कि चुभन और स्पर्श के बाद होने वाला दर्द, जो अक्सर तंत्रिका चोट (नर्व इंजरी) वाले रोगियों में देखा जाता है. प्लायमाउथ विश्वविद्यालय में मनोविज्ञान के लेक्चरर शोधकर्ता सैम ह्यूजेस ने एक बयान में कहा कि यह शानदार है कि हमने इन परिणामों को देखा है, क्योंकि यह अधिक सबूत दिखाता है कि आभासी वास्तविकता न केवल पुराने दर्द के ह्यूमन मॉडल में दर्द धारणा को कम कर सकती है, बल्कि हमें इस प्रभाव के पीछे के तंत्र में अंतर्दृष्टि भी प्रदान करती है.
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ह्यूजेस ने कहा कि स्टडी का अगला चरण उन लोगों के साथ अध्ययन करना है, जो पुराने दर्द का अनुभव करते हैं. यह इसलिए किया जा रहा है, ताकि देखा जा सके कि क्या यह इस पर काम करता है. शोधकर्ताओं के अनुसार, हम सभी को अलग-अलग तरह से शारीरिक दर्द महसूस होता है, लेकिन अक्सर नर्व इंजरी से पीड़ित लोगों में एक डिस्फंक्शनल दर्द दमन प्रणाली होती है, जिससे उन्हें विशेष रूप से परेशानियों का सामना करना पड़ता है. अध्ययन के लिए, टीम ने कन्डिशन्ड पेन मॉड्यूलेशन (सीपीएम) पर ध्यान केंद्रित किया, जो कि मानव में एक दर्द निवारक मार्ग है.
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शोधकर्ताओं ने कहा कि सीपीएम तंत्रिका की चोट के रोगियों के लिए हानिकारक है, इसलिए यह जानकर कि इसकी क्रिया को कैसे बढ़ाया जा सकता है, वैज्ञानिकों को शरीर के प्राकृतिक दर्द निरोधक प्रक्रिया को प्रोत्साहित करने में मदद मिल सकती है.
HIGHLIGHTS
- शोधकर्ताओं ने कहा कि सीपीएम तंत्रिका की चोट के रोगियों के लिए हानिकारक है,
- वैज्ञानिकों को शरीर के प्राकृतिक दर्द निरोधक प्रक्रिया को प्रोत्साहित करने में मदद मिल सकती है