कड़ी परिश्रम और सच्ची लगन के साथ भारत का मिशन मून यानी (चंद्रयान-3) सफल हो गया. भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव इलाके पर पहुंचने वाला दुनिया का पहला और सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला चौथा देश बन गया है. इससे पहले अमेरिका, रूस और चीन चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग कर चुके हैं. मिशन मून की सफलता के लिए देश के 140 करोड़ों लोगों की उम्मीद बंधी थी. देश भर में पूजा, पाठ और दुआओं का दौर सुबह से ही चल रहा था. हरिकोटा से लेकर हरिद्वार तक काशी से लेकर कटक तक मंदिरों में पूजा अर्चना और मस्जिदों में दुआ मांगी गई. प्रार्थनाएं और दुआएं आखिरकार काम लाई और भारत ने अंतरिक्ष में नया कीर्तिमान हासिल कर दिया. हालांकि, इस सबके बीच चंद्रयान-3 के सामने अभी कई चुनौतियां भी खरी हैं.
अब भारत के लिए अगले कुछ घंटे बेहद महत्वपूर्ण हैं. 2 से 3 घंटे के बीच विक्रम लैंडर से रोवर प्रज्ञान बाहर आएगा. छह पहियों के जरिए विक्रम लैंडर से प्रज्ञान रोवर बाहर आएगा. हालांकि, यह इस बात पर निर्भर करता है कि लैंडिंग स्थल पर धूल कितनी है. धूल ज्यादा होने से प्रज्ञान रोवर को कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है.
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इसरो करेगा रोवर को जीवित रखने का प्रयास
इस दौरान रोवर पर धूल की परत जमी रहेगी. ऐसे में रोवर के डिस्चार्ज होने की आशंका है. क्योंकि रोवर को चार्ज करना यानी जीवत रखना ही इसरो के लिए चुनौतीभरा काम होगा. बता दें कि पृथ्वी के 14 दिनों को मिलाकर 1 चंद्र दिवस होता है. इस दौरान इसरो बैटरी चार्ज करके रोवर को जीवित रखने की कोशिश करेगा. अगर यह सफल रहा तो अगले 14 दिनों तक रोवर अच्छे तरह से काम करेगा.
इसरो के चेयरमैन ने सभी का किया शुक्रिया अदा
इसरो के चेयरमेन एस सोमनाथ ने इस मिशन की सफलता के लिए इसरो की पूरी टीम को बधाई दी. सोमनाथ ने कहा कि मैं सभी भारतीयों और उन सभी को धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने हमारे लिए प्रार्थना की. चेयरमैन सोमनाथ ने कहा कि अब भारत चांद पर है.