आज यानी बुधवार को धरती एक बड़े खतरे से बच गई और एक बड़ी तबाही होने का खतरा टल गया. दरअसल आज एक उल्कापिंग पृथ्वी के पास से गुजरने वाला था जिससे पृथ्वी पर बड़ा खतरा मंडरा रहा था. वैज्ञानिक इसे पृथ्वी से दूर रखने की तमाम कोशिश कर चुके थे और आखिकार ये कोशिश काम आई और ये उल्कापिंड पृथ्वी से बिना टकराए उसके पास से होकर गुजर गया.
लेकिन इस वक्त बड़ा सवाल ये है कि अगर ये उल्कापिंड टकरा जाता तो क्या होता? आखिर क्यों वैज्ञानिक इस उल्कापिंड के लेकर इतनी चिंता में थे? इसका एक ही जवाब है तबाही. अगर ये उल्कापिंड पृथ्वी से टकरा जाता तो भारी तबाही हो सकती थी. बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक ब्रह्मांड में बहुत से उल्कापिंड, धूमकेतु और क्षुद्र ग्रह तैर रहे हैं. ये बेकाबू होते हैं और किसी भी ग्रह के गुरुत्वार्कषण के दायरे में आने पर उससे टकराकर खत्म हो जाते हैं. ऐसे टकराव से भारी तबाही हो सकती है.
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ऐसा एक सबूत 1908 में साइबेरिया के टुंगुस्का में देखा गया था जब एक उल्कापिंड या क्षुद्रग्रह धरती से टकराने से पहले ही जलकर खत्म हो गया था. इससे 100 मीटर बड़ा एक आग का गोला बना था जिससे 8 करोड़ पेड़ जलकर खाक हो गए थे. अब इस बात का अंदाजा ही लगाया जा सकता है कि अगर ये उल्कापिंड किसी घनी आबादी वाली जगह के ऊपर वातावरण में जला होता तो क्या होता. इससे कितनी बड़ी तबाही होती, इसका अंदाजा लगा पाना भी मुश्किल है.
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रिपोर्ट के मुताबिक अगर टकराने वाला उल्कापिंड बड़े आकार का होता है तो ये धरती के लिए बड़ी तबाही ला सकता है.
बता दें आज जो उल्कापिंड पृथ्वी के पास से गुजरा वो पृथ्वी से दूर था लेकिन वैज्ञानिकों को डर था कि अगर इसकी पॉजिशन में थोड़ा भी बदलाव आया तो धरती के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. हालांकि ऐसा कुछ नहीं हुआ और भारत के ऊपर से एक बहुत बड़ा खतरा टल गया.