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नदियों के किनारे क्यों बनाए जाते हैं AI डेटा सेंटर, आखिर इसके पीछे का क्या है साइंस?

AI Data Centres: क्या आप जानते हैं कि AI चलाने वाले डेटा सेंटर ज्यादातर नदियों के किनारे बनाए जाते हैं. आखिर कंपनियां नदियों के किनारे डेटा सेंटर क्यों स्थापित करती हैं?

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Ravi Prashant
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AI Data Centres

AI Data Centres( Photo Credit : News Nation)

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AI Data Centres: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और बिग डेटा के बढ़ते उपयोग के साथ, डेटा सेंटरों (AI Data Centres) की मांग भी तेजी से बढ़ रही है. डेटा सेंटर उन स्थानों को कहते हैं जहां भारी मात्रा में डेटा को स्टोर, प्रोसेस और मैनेज किया जाता है. इन केंद्रों को चलाने के लिए भारी मात्रा में ऊर्जा की आवश्यकता होती है, और साथ ही इन्हें ठंडा रखने के लिए भी बड़े पैमाने पर उपाय करने पड़ते हैं. यही कारण है कि डेटा सेंटरों को अक्सर नदियों के किनारे पर स्थापित किया जाता है. इस आर्टिकल में हम इस प्रवृत्ति के पीछे के कारणों के बारे में जानेंगे कि आखिर नदियों के किनारे पर डेटा सेंटर क्यों बनाए जाते हैं. 

होती है ऊर्जा की आवश्यकता

डेटा सेंटरों (AI Data Centre) को लगातार भारी मात्रा में ऊर्जा की आवश्यकता होती है. नदियों के किनारे पर स्थित डेटा सेंटर अक्सर हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर का उपयोग करते हैं, जो एक सस्ती और पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा स्रोत है. हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर से न केवल लागत में कमी आती है, बल्कि यह स्थायी ऊर्जा स्रोत भी है, जो ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने में मदद करता है.

मशीनों के लिए लो तापमान

डेटा सेंटरों में बड़ी मात्रा में गर्मी रिलीज होती है, जिसे कंट्रोल करना आवश्यक होता है. नदियों का ठंडा पानी प्राकृतिक रूप से इन डेटा सेंटरों को ठंडा रखने में मदद करता है. इस पानी का उपयोग हीट एक्सचेंजर्स में किया जाता है, जो डेटा सेंटरों के तापमान को नियंत्रित करते हैं और इन्हें अधिक कुशलता से चलाने में मदद करते हैं. इस प्रक्रिया से डेटा सेंटर की ऑपरेशनल लागतों में भी कमी आती है.

पर्यावरण के लिए होता है बेहतर

नदियों के किनारे डेटा सेंटर बनाने से पर्यावरण पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है. हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर और प्राकृतिक ठंडक के कारण कार्बन फुटप्रिंट कम होता है. इसके अलावा, इन डेटा सेंटरों में इस्तेमाल होने वाले पानी को अक्सर उपचारित करके नदी में वापस छोड़ दिया जाता है, जिससे पर्यावरणीय संतुलन बना रहता है.

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डेटा सेंटर कंपनियों के लिए होता है आर्थिक सपोर्ट

नदियों के किनारे पर डेटा सेंटर बनाने से कंपनियों को भी आर्थिक लाभ होता है. हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर की लागत अपेक्षाकृत कम होती है और प्राकृतिक ठंडक का उपयोग करने से ऑपरेशनल खर्चों में भी कमी आती है. इसके अलावा कई सरकारें और स्थानीय प्राधिकरण इस प्रकार के पर्यावरण अनुकूल परियोजनाओं को प्रोत्साहन देती हैं, जिससे कर लाभ और अन्य आर्थिक प्रोत्साहन भी मिलते हैं.

कनेक्टिविटी के लिए होता है बेहतर

नदियों के किनारे स्थित डेटा सेंटर भौगोलिक दृष्टि से भी फायदे में रहते हैं. नदी के किनारे पर स्थित होने के कारण, ये केंद्र प्राकृतिक आपदाओं जैसे भूकंप और बाढ़ से कम प्रभावित होते हैं. साथ ही, इन स्थानों पर ट्रांसपोर्टेशन और कनेक्टिविटी की सुविधा भी बेहतर होती है, जिससे लॉजिस्टिक्स और अन्य संचालन में भी सहूलियत होती है.

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Source : News Nation Bureau

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