दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति एलन मस्क ने लोगों को मार्स पर भेजने का सपना देखा है. हालांकि यह सपना कब पूरा होगा यह अभी तक साफ नहीं है, लेकिन हां इसके पहले लोग किसी दूसरी दुनिया में जरूर प्रवेश कर लेंगे. दरअसल, वह दुनिया मेटावर्स (Metaverse) है. इस वर्चुअल दुनिया में आप जमीन खरीदकर घर भी बना सकते हैं. व्यापार करके पैसे भी कमा सकते हैं. वहीं अगर पर म्यूजिशियन हैं तो आप वहां पर कॉन्सर्ट भी कर सकते हैं. इसके अलावा आप आर्ट गैलरी भी लगा सकते हैं. यू कहें तो मेटावर्स में आप हर वो काम कर सकते हैं जो कि आप असल दुनिया में करते हैं.
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बता दें कि फेसबुक (Facebook) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मार्क जकरबर्ग (Mark Zuckerberg) ने हाल ही में ऐलान किया था कि फेसबुक सिर्फ एक सोशल मीडिया कंपनी से बढ़कर मेटावर्स कंपनी बनेगी और इसमें असली और वर्चुअल दुनिया का मेल ज्यादा होगा.
क्या है मेटावर्स?
साइंस फिक्शन लेखक नील स्टीफेन्सन के द्वारा 1992 में उपन्यास स्नो क्रेश में मेटावर्स शब्द का सबसे पहले इस्तेमाल किया गया था. उपन्यासों से ऐसे बहुत से शब्द ईजाद हुए हैं. साल 1982 में विलियम गिब्सन की एक किताब से साइबरस्पेस शब्द आया था. बता दें कि 1920 में कैरेल कापेक के एक नाटक से रोबोट शब्द की उत्पत्ति हुई है और मेटावर्स इसी कैटेगरी में आता है. मेटावर्स शब्द का इस्तेमाल डिजिटल दुनिया में वर्चुअल और इंटरेक्टिव स्पेस को समझने के लिए होता है. मेटावर्स दरअसल
एक वर्चुअल दुनिया है.
मेटावर्स से किसको मिलेगा फायदा?
मेटावर्स की परिकल्पना फेसबुक और अन्य बड़ी कंपनियों के लिए उत्साहजनक है. दरअसल, इसके जरिए नए बाजारों, नए सोशल नेटवर्क, नए उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स और नए पेटेंट के लिए अवसर पैदा होंगे. जानकारों का कहना है कि मेटावर्स जैसे विचारों से समाज का प्रबंधन सकारात्मक तरीके से किया जा सकता है.
HIGHLIGHTS
- नील स्टीफेन्सन ने स्नो क्रेश में मेटावर्स शब्द का सबसे पहले इस्तेमाल किया था
- मेटावर्स में व्यापार करके पैसे भी कमा सकते हैं, आर्ट गैलरी भी लगा सकते हैं