WhatsApp Encryption: हाल में व्हाट्सएप (WhatsApp) की ओर से बयान आया था कि अगर सरकार उसे मजबूर करती है तो वो यहां पर अपनी सेवाओं को बंद कर सकता है. दिल्ली हाईकोर्ट में व्हाट्सएप की पैरेंट कंपनी ने मेटा ने अपनी दलील दी थी. इसमें उसने साफ कहा कि अगर सरकार एन्क्रिप्शन को तोड़ने के लिए मजबूर करती है तो व्हाट्सऐप भारत में अपनी सर्विस को बंद कर देगा. इस खबर के बाद से कई सारे यूजर्स के मन में ये उधेड़बुन है कि क्या व्हाट्सएप वाकई अपनी सेवाओं को बंद कर देगा. अब इसे लेकर सरकार की ओर से भी प्रतिक्रिया सामने आई है. इस मामले में सूचना प्रसारण मंत्री अश्वनी वैष्णव ने शुक्रवार को बड़ी जानकारी शेयर की है. उनका कहना है कि मेटा ने भी तक मंत्रालय को इस बारे में कोई सूचना नहीं दी है.
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दरअसल सरकार ने व्हाट्सएप से यूजर्स की डिटेल को शेयर करने को कहा था. जिसके बाद विपक्ष भी ये सवाल उठा रहा था कि इस मामले में मंत्रालय का रुख क्या है. आपको बता दें कि व्हाट्सऐप Encryption फीचर की मदद से यूजर्स की प्राइवेसी को सिक्योर करने का काम करता है. इस फीचर के कारण मैसेज भेजने वाले और रिसीव करने वाले ही इसे पढ़ सकते हैं.
WhatsApp ने हाईकोर्ट में रखा अपना रुख
व्हाट्सऐप की ओर से पेश वकील तेजस करिया ने अदालत को बताया कि हम एक प्लेटफॉर्म के तौर पर भारत में काम कर रहे हैं. अगर हमें एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर को तोड़ने को लेकर मजबूर किया जाता तो व्हाट्सएप भारत छोड़ सकता है. इस केस में व्हाट्सऐप के वकील तेजस करिया के अनुसार, करोड़ों यूजर्स व्हाट्सऐप को इसके एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर के कारण उपयोग में लाते हैं.
क्या है WhatsApp Encryption
इस समय देश में 40 करोड़ से भी अधिक व्हाट्सएप यूजर्स हैं. एन्क्रिप्शन यह तय करता है कि इच्छित प्राप्तकर्ता या सही डेटा स्वामी के अलावा कोई भी संचार या डेटा को नहीं पढ़ पाएगा. इस तरह से विज्ञापन नेटवर्क, इंटरनेट सेवा प्रदाताओं और कुछ मामलों में सरकारों को संवेदनशील डेटा को रोकने और पढ़ने से रोक लगाता है. इस तरह से उपयोगकर्ता की गोपनीयता की रक्षा हो पाती है.
WhatsApp Encryption पर सरकार का पक्ष
वहीं सरकार की ओर से पक्ष रखने वाले वकील कीर्तिमान सिंह का कहना है कि नियमों का बचाव करते हुए आज जैसा माहौल है उसे देखते हुए मैसेज भेजने वाले पता लगाने की जरूरत पर जोर देते हैं. इस में मामले में 14 अगस्त को सुनवाई होनी है. अब सबकुछ हाईकोर्ट के फैसले पर निर्भर करता है. इस दौरान अगर व्हाट्सऐप के खिलाफ निर्णय आया तो भारत में व्हाट्सअप अपनी सेवाओं को बंद कर सकता है.