Nuclear War : रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने रविवार को रूसी परमाणु बलों को हाई अलर्ट पर रखने का आदेश देकर पूर्व-पश्चिम तनाव को नाटकीय रूप से बढ़ा दिया है. नाटो (NATO) द्वारा आक्रामक बयानों और कठिन वित्तीय प्रतिबंधों का हवाला देते हुए पुतिन ने रूस के परमाणु हथियारों की तत्परता बढ़ाने के लिए एक निर्देश जारी किया. यह आशंका जताई गई कि यूक्रेन (Ukraine) के आक्रमण से परमाणु युद्ध हो सकता है. यदि ऐसा हुआ तो तो यूरोप को पूरी तरह से मिटा सकता है.
यह भी पढ़ें : दूसरे दौर की वार्ता से पहले धमाकों से गूंजा कीव, अब क्या होगा अंजाम जब नागरिक भी बन रहे निशाना ?
विदेश मामलों के विशेषज्ञ रहीस सिंह ने कहा कि पिछले कई दशकों में दुनिया के किसी भी देश ने खुले तौर पर परमाणु हमले की धमकी नहीं दी है. फिर भी अगर रूस यूरोप में परमाणु बम का उपयोग करता है, तो पूरे यूरोप को नष्ट कर दिया जा सकता है. दरअसल, रूस के पास 'फादर ऑफ ऑल बॉम्स' (एफओएबी) भी है, जिससे वह पूरी दुनिया को तबाह कर सकता है. इसलिए पुतिन बार-बार यूक्रेन को धमकी दे रहे हैं. रक्षा मामलों के विशेषज्ञ संदीप थापर ने बताया कि अगर 30 किलो टन के परमाणु बम का इस्तेमाल किया जाए तो 4 किलोमीटर तक के क्षेत्र को पूरी तरह से नष्ट किया जा सकता है. वहीं अगर 1000 किलोटन तक के बम गिराए जाएं तो इसका असर 100 किमी तक पहुंच सकता है. यह तबाही गोलाकार रूप में होती है. यह हमला हिरोशिमा और नागासाकी से ज्यादा नुकसान कर सकता है. हिरोशिमा पर गिराया गया परमाणु बम 15 किलोटन का था और नागासाकी पर गिराया गया बम 20 किलोटन का था. बमों ने दोनों शहरों को तबाह कर दिया. थापर ने आगे कहा कि रूस परमाणु बम का इस्तेमाल कर सकता है जहां 10 किमी तक के क्षेत्र में कोई आबादी नहीं है. पहले डराना और फिर दिखाना कि अगली बार परमाणु हमला हो सकता है.
परमाणु हथियार पहुंचाने की प्रक्रिया काफी आसान
थापर ने कहा कि आज परमाणु हथियार पहुंचाने की प्रक्रिया काफी आसान हो गई है. अब परमाणु मिसाइलें कहीं से भी दागी जा सकती हैं, चाहे वह जमीन हो, समुद्र हो या आसमान हो. पुतिन ने परमाणु चेतावनी का आदेश देते हुए न केवल नाटो सदस्यों के बयानों का हवाला दिया, बल्कि खुद पुतिन सहित रूस के खिलाफ पश्चिम द्वारा लगाए गए कठोर वित्तीय प्रतिबंधों का हवाला दिया. पुतिन ने टेलीविजन पर टिप्पणियों में कहा, "पश्चिमी देश न केवल आर्थिक क्षेत्र में हमारे देश के खिलाफ गैर जिम्मेदाराना कार्रवाई कर रहे हैं, बल्कि नाटो के प्रमुख सदस्यों के शीर्ष अधिकारियों ने हमारे देश के बारे में आक्रामक बयान दिए हैं. अमेरिकी रक्षा अधिकारी अपने वर्तमान परमाणु चेतावनी स्तर का खुलासा नहीं करेंगे, सिवाय यह कहने के कि सेना अपनी मातृभूमि और सहयोगियों की रक्षा के लिए हर समय तैयार है.
अब तक 600,000 से अधिक लोग यूक्रेन से भागे
रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका में आम तौर पर भूमि और पनडुब्बी-आधारित परमाणु बल हैं जो हर समय सतर्क और युद्ध के लिए तैयार हैं, लेकिन परमाणु-सक्षम बमवर्षक और अन्य विमान नहीं हैं. यदि पुतिन अपने हमलावरों की परमाणु युद्ध की तैयारी को हथियार दे रहे हैं या अन्यथा बढ़ा रहे हैं या यदि वह समुद्र में अधिक बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बियों का आदेश दे रहे हैं तो अमेरिका को प्रतिक्रिया देने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है. संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी ने सोमवार को कहा कि पिछले सप्ताह रूस द्वारा देश पर आक्रमण करने के बाद से 600,000 से अधिक लोग यूक्रेन से भाग गए हैं. रूस, जिसने यूक्रेन की सीमाओं पर लगभग 200,000 सैनिकों को जमा किया था का दावा है कि उसके हमले का उद्देश्य केवल सैन्य लक्ष्यों पर है, लेकिन पुलों, स्कूलों और आवासीय पड़ोस भी प्रभावित हुए हैं.
परमाणु युद्ध का खतरा बढ़ा
फिलहाल रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग में अब फिर से परमाणु युद्ध का खतरा बढ़ गया है. फिलहाल दोनों तरफ से हमले किए जा रहे हैं. खतरा अभी भी बरकरार है. जहां अमेरिका समेत ईयू के सभी देश यूक्रेन को समर्थन दे रहे हैं. अमेरिका समेत पश्चिमी देश यूक्रेन की मदद कर रहे हैं और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पहले ही चेता चुके हैं कि अगर कोई भी बाहरी बीच में आया तो वो अंजाम होगा जो पहले कभी नहीं देखा होगा. वहीं रूस किसी भी धमकी से बेपरवाह यूक्रेन पर हमले तेज कर दिए हैं. विशेषज्ञ भी पुतिन की इस चेतावनी को परमाणु युद्ध की धमकी से ही जोड़कर देख रहे हैं.
परमाणु युद्ध हुआ मारे जाएंगे लाखों-करोड़ों
स्विट्जरलैंड की एक संस्था हैइंटरनेशनल कैंपेन टू अबॉलिश न्यूक्लि यर वेपन (ICAN). इस संस्था को 2017 मेंनोबेल पीस प्राइज भी मिल चुका है. ICAN के मुताबिक, एक परमाणु बम झटके में लाखों लोगों की जान ले लेगा. वहीं, अगर 10 या सैकड़ों बम गिर गए तो न सिर्फ लाखों-करोड़ों मौतें होंगी, बल्कि धरती का पूरा क्लाइमेट सिस्टम ही बिगड़ जाएगा.
झटके में मारे जाएंगे करोड़ों लोग
ICAN के मुताबिक, एक परमाणु बम पूरा शहर तबाह कर देगा. अगर आज के समय में कई सारे परमाणु हथियारों का इस्तेमाल होता है तो इसमें करोड़ों लोग मारे जाएंगे. वहीं, अगर अमेरिका और रूस के बीच परमाणु युद्ध छिड़ गया तो मरनेवालों की संख्या 10 करोड़ का आंकड़ा पार कर जाएगी. यदि अमेरिका और रूस के बीच परमाणु युद्ध में 500 परमाणु बम का इस्तेमाल हो जाता है तो आधे घंटे के अंदर 10 करोड़ से ज्यादा की मौत हो जाएगी. इतना ही नहीं, किसी युद्ध में अगर दुनिया में मौजूद 1% से भी कम परमाणु हथियारों का इस्तेमाल होता है तो इससे 2 अरब लोग भुखमरी के कगार पर पहुंच जाएंगे. साथ ही पूरा हेल्थ सिस्टम भी तबाह हो जाएगा, जिससे घायलों को इलाज भी नहीं मिल सकेगा.
यदि परमाणु बम गिरा तो क्या होगा अंजाम
- हिरोशिमा में गिरने वाला परमाणु बम के बराबर यदि 100 बम ऐसे ही गिराए जाते हैं तो धरती की आवोहवा से सारा सिस्टम बिगड़ जाएगा. परमाणु बम गिरने से न सिर्फ क्लामेट सिस्टम खराब होगा बल्कि खेती-किसानी पर भी असर पड़ेगा
- यदि परमाणु युद्ध हुआ तो इसका सीधा प्रभाव धरती के तापमान पर पड़ेगा. क्योंकि इन हमलों से इतना धुआं निकलेगा जो धरती की सतह पर जम जाएगा. अनुमान है कि ऐसा होनेपर कम सेकम 10% जगहों पर सूरज की रोशनी नहीं पहुंचेगी
- वहीं, अगर दुनियाभर के सारे परमाणु हथियारों का इस्तेमाल होता है तो इससे 150 मिलियन टन धुंआ धरती के स्ट्रेटोस्फेयर में जम जाएगा
-इतना ही नहीं, दुनियाभर के ज्यादातर इलाकों मेंबारिश भी नहीं होगी. ग्लोबल रेनफॉल में 45% की कमी आ जाएगी और इससेधरती की सतह का औसत तापमान -7 से 8डिग्री सेल्सियस पहुंच जाएगा. इसकी तुलना करें तो 18 हजार साल पहले जब हिम युग (Ice Age) था, तब तापमान -5 डिग्री सेल्सियस था. यानी, दुनिया 18 हजार साल पीछे चली जाएगी.
HIGHLIGHTS
- रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग में फिर से परमाणु युद्ध का खतरा बढ़ा
- परमाणु बम गिर जाने से लाखों-करोड़ों होंगी मौतें
- यूक्रेन और रूस के बीच लगातार हमले जारी, रूसी सैनिकों ने किया खार्किव पर कब्जा