दुनिया में क्रिप्टो करेंसी स्कैम्स ( Crypto Currency Scams) की वजह से भारतीय निवेशकों को 1,000 करोड़ रुपये से भी ज्यादा का चूना लग चुका है. एक भारतीय साइबर सिक्योरिटी फर्म क्लाउड एसईके (CloudSEK) ने अपनी रिपोर्ट में ये दावा किया है. आर्थिक मुद्दों से जुड़े मशहूर अखबारों ने इसके बाद भारतीय निवेशकों को साइबर सुरक्षा ( Cyber Security) को लेकर अतिरिक्त सावधानी बरतने की चेतावनी दी है. CloudSEK की रिपोर्ट के मुताबिक इस स्कैम में नकली क्रिप्टो एक्सचेंजों का निर्माण तक शामिल है.
बड़े ऑफर्स की साजिश
रिपोर्ट के मुताबिक वैध ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म से मिलते-जुलते नकली क्रिप्टो एक्सचेंजों के जरिए स्कैमर बाद में निवेशकों तक पहुंचते हैं और अपने प्लेटफॉर्म पर आने के लिए एक वेलकम ऑफर का लालच देते हैं. इस ऑफर के तौर पर कई बार 100 डॉलर या उससे भी ज्यादा का क्रेडिट नोट सौंप देते हैं. यूजर्स का भरोसा हासिल करने के लिए ये स्कैमर ऑफर की क्रिप्टो रकम क्रेडिट भी कर देते हैं. मुनाफा कमाने के बाद ये ऑफर वाली क्रिप्टो करेंसी अपने प्लेटफॉर्म के फंड या वॉलेट में डाल देते हैं.
CloudSEK की हिदायत
CloudSEK के मुख्य कार्यकारी (Chief Executive) राहुल सासी ने रिपोर्ट में बताया कि साजिश के जरिए अपने प्लेटफॉर्म के फंड तक इन्वेस्टर्स या यूजर्स को लाने यानी स्वयं के फंड डाले जाने के बाद फ्रॉड प्लेटफॉर्म पर सभी तरह की ट्रेडिंग और निकासी (Withdrwal) सुविधाएं बंद कर दी जाती है. उन्होंने हिदायत दी है कि निवेशक ऐसे साइबर क्रिप्टो स्कैम को पहचाने और उससे बचे. रिपोर्ट के मुताबिक मुंबई के कांदिवली पश्चिम क्षेत्र में मुंबई पुलिस के अफसरों ने 27 मई को 1.5 करोड़ रुपए से ज्यादा के कम्युलेटिव क्रिप्टो स्कैम के आरोप में ग्रेजुएशन के स्टूडेंट जगदीश लाडी को गिरफ्तार किया गया है.
मुंबई में करोड़ो का फ्रॉड
मु्ंबई में सामने आए इस कम्युलेटिव क्रिप्टो स्कैम में कई इन्वेस्टर्स या यूजर्स को 25 फीसदी के स्केल पर फंड की वापसी का वादा किया गया था, लेकिन किसी को फंड नहीं दिया गया. बीते माह सामने आए एक वैध साइट की तरह दिखने वाले एक फ्रॉड क्रिप्टो एक्सचेंज ने मुंबई के मालाबार हिल स्थित के एक निवेशक से 1.57 करोड़ रुपए चुरा लिए. इस काम को भी CloudSEK के खुलासे में सामने आए फ्रॉड क्रिप्टो एक्सचेंज के खास तरीके से ही अंजाम दिया गया. शुरुआत में कुछ महीनों तक निवेशक का भरोसा जीत कर फंड जुटाया गया. इसके बाद में इन्वेस्टर्स को खुद के डाले गए रुपयों को निकालने से रोक दिया गया. उसकी निकासी ही बंद कर दी गई.
अमेरिका में FBI की जांच
भारत के बाहर ऐसे क्रिप्टो स्कैम और बड़ी संख्या में सामने आने लगे हैं. अमेरिका में फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन ( FBI) भी इस मामले की जांच में जुटी है. एफबीआई के एजेंट सीन रीगन (Sean Regan) ने 17 जून को बताया था कि एक क्रिप्टो स्कैमर ने प्रोफेशनल नेटवर्किंग साइट लिंक्डइन (Linkedin) के प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करके इसी तरह के कुछ स्कैम्स को अंजाम दिया था. उन्होंने बताया था कि स्कैमर्स ने एक वैध क्रिप्टो प्लेटफॉर्म पर ट्रेड करने की कुछ योजनाओं और रणनीतियों को निवेशक के साथ साझा किया और पहले कुछ महीनों तक उसका भरोसा जीता.
नेटवर्किंग साइट्स का इस्तेमाल
रीगन ने जांच रिपोर्ट्स के आधार पर बताया कि कुछ महीनों के बाद स्कैमर्स ने इन्वेस्टर्स को एक नए प्लेटफॉर्म पर स्विच होने के लिए तैयार कर लिया. यह नया प्लेटफॉर्म फर्जी था. अमेरिका में फ्रॉड क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफॉर्म्स के स्कैम से यूजर्स को प्रति व्यक्ति 12.5 करोड़ रुपए (1.6 मिलियन यूए डॉलर) का नुकसान हुआ है. उन्होंने बताया कि अमेरिका में ऐसे केस बड़ी संख्या में सामने आ रहे हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक लिंक्डइन ने इस तरह के स्कैम्स के मामलों में बढ़ोतरी को स्वीकार किया है.
करोड़ों फेक अकाउंट्स ब्लॉक
लिंक्डइन की ओर से कहा गया है कि अपने प्रोफेशनल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म से इस तरह के यूजर्स को सावधान करने और फ्रॉड को रोकने के लिए स्क्रीनिंग तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है. कंपनी के मुताबिक इस तरह के 32 मिलियन फेक अकाउंट्स को बीते साल यानी 2021 में ब्लॉक किया गया है. इस साल के पहले छमाही के डेटा अभी तैयार किए जा रहे हैं. लिंक्डइन ने अपनी पॉलिसी को बेहतर करते हुए यूजर्स को भी जागरूक किया है.
ये भी पढ़ें - महाराष्ट्र : मुश्किल में उद्धव ठाकरे सरकार, क्या रंग लाएगी एकनाथ शिंदे की बगावत
ऑनलाइन फ्रॉड कैसे बचें
साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स के मुताबिक कोरोनावायरस महामारी ( Coronavirus) के दौरान ऑनलाइन ट्रांजैक्शंस बढ़ने के बाद सावधानी की ज्यादा जरूरत है. एक्सपर्ट्स की सलाह है कि ऑनलाइन लॉटरी, कैसिनो, गेमिंग, शॉपिंग या फ्री डाउनलोड का लालच देने वाली वेबसाइट्स या क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफॉर्म्स में अपने क्रेडिट या डेबिट कार्ड्स के डिटेल्स को डालने से परहेज करें. वहीं लुभावने मैसेज के जरिए भेजी जाने वाली प्रमोशनल लिंक पर डाइरेक्ट क्लिक नहीं करे. अलर्ट नोटिफिकेशंस ऑन रखें. कूकीज डिलीट करते रहें. इन सबके अलावा ऐसे किसी फ्रॉड का अंदेशा होते ही साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों और संबंधित पुलिस विभाग को सूचित करें.
HIGHLIGHTS
- वैध ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म से मिलते नकली क्रिप्टो एक्सचेंजों के जरिए स्कैम
- अपने प्लेटफॉर्म पर आने के लिए वेलकम ऑफर में फंड का लालच
- पहले कुछ महीनों तक निवेशक का भरोसा जीत कर फंड जुटाया गया