भारत के साथ धोखाधड़ी या अन्य मामलों में विदेश भागने वाले कई आरोपियों पर मोदी सरकार ने अपने कार्यकाल में शिकंजा कसा है. मोदी सरकार से पहले सिर्फ हत्या किडनैपिंग के दोषी अबू सलेम को नवंबर 2005 में पुर्तगाल से भारत लाया गया था. इसके बाद करीब 10 सालों तक किसी आरोपी को केंद्र सरकार विदेश से भारत लाने में सफल नहीं रही. हालांकि, केंद्र में मोदी की सरकार बनने के बाद लगातार भारत के गुनहगारों का प्रत्यर्पण हो रहा है. 2015 से अब तक भारत से भागे करीब 19 आरोपियों को विदेश से लाया गया है. अब भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को भारत लाने की तैयारी चल रही है.
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कैसे हुआ छोटा राजन गिरफ्तार
छोटा राजन को 25 अक्टूबर, 2015 को इंडोनेशिया के बाली शहर से गिरफ्तार किया गया था. दरअसल अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन को महज एक फोन कॉल ने सलाखों के पीछे भिजवाया था. हमेशा वीओआईपी के जरिए कॉल करने वाले राजन ने 24 अक्टूबर, 2015 को व्हाट्सएप के जरिए अपने एक शुभचिंतक को फोन किया था. इस कॉल को सुरक्षा एजेंसियों ने टेप कर लिया था. फोन पर छोटा राजन ने कहा था कि अब वह ऑस्ट्रेलिया में सुरक्षित नहीं है और बहुत जल्द से यहां से निकल जाएगा. इसके बाद सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हो गईं. इंटरपोल ने भी राजन के देश छोड़कर निकलने के संबंध में अलर्ट जारी कर दिया. 25 अक्टूबर, 2015 को ऑस्ट्रेलियन फेडेरल पुलिस को खबर मिली कि भारतीय मूल का एक नागरिक बाली जा रहा है.
फेडेरल पुलिस ने फौरन इंटरपोल के जरिए बाली इमिग्रेशन डिपार्टमेंट को इसकी सूचना दी और छोटा राजन को बाली पहुंचते ही एयरपोर्ट पर गिरफ्तार कर लिया गया. गिरफ्तारी के समय छोटा राजन काफी डरा हुआ था. उसने खुद पर खतरे की बात भी कबूल की. उसने बताया कि डी कंपनी यानी दाऊद का गैंग उसके पीछे पड़ा हुआ है.
ऐसे भारत लाया गया अंडरवर्ल्ड डॉन
राजन की गिरफ्तारी के बाद दाऊद इब्राहिम के खास गुर्गे छोटा शकील ने कहा था कि उनके इशारे पर ही राजन की गिरफ्तारी हुई थी. इसके साथ ही शकील ने राजन को जान से मारने की भी धमकी दी थी. बाली में छोटा राजन की गिरफ्तारी की भारतीय गृह मंत्रालय ने पुष्टि कर दी थी. इंडोनेशिया के साथ भारत की प्रत्यर्पण संधि है, जिसकी वजह से छोटा राजन को भारत लाना मुश्किल नहीं था.
सूत्रों के मुताबिक, इस ऑपरेशन के लिए भारत सरकार के मंत्री जनरल वीके सिंह खासतौर पर इंडोनेशिया गए थे और वह कागजी कार्रवाई करके वापस लौट आए थे. यह भी कहा गया कि डी कंपनी से खतरे को देखते हुए छोटा राजन खुद भारत आना चाहता था. छोटा राजन को भारत लाने में सीबीआई, इंटेलिजेंस यूनिट और मुंबई क्राइम ब्रांच का बड़ा हाथ था. छोटा राजन को 6 नवंबर, 2015 की सुबह कड़ी सुरक्षा के बीच विशेष विमान से बाली से दिल्ली के पालम एयरपोर्ट लाया गया. राजन ने प्लेन से उतरते ही सबसे पहले भारतीय धरती को चूमा था.
राजन को लाने के लिए बनाए गए 'दो प्लान'
राजन को एयरपोर्ट से सीबीआई मुख्यालय तक ले जाने में कितनी एहतियात बरती गई, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसे लाने के लिए दो प्लान तैयार किए गए थे. प्लान 'ए' और प्लान 'बी'. प्लान 'ए' के तहत एयरपोर्ट के मेन गेट से बुलेटप्रूफ कार एक डमी काफिले के साथ निकली और लोधी कालोनी स्थित स्पेशल सेल के दफ्तर पहुंची.
वहीं, दूसरा 'असली काफिला' उसे लेकर सीधे सीबीआई दफ्तर पहुंचा था. महाराष्ट्र सरकार ने छोटा राजन से जुड़े सभी मामले सीबीआई को सौंप दिए थे. राजन पर आतंकी गतिविधियों के अलावा हत्या, हत्या का प्रयास, उगाही और तस्करी जैसे करीब 70 संगीन मामले दर्ज हैं. राजन पर पत्रकार जेडे की भी हत्या का आरोप है. फर्जी पासपोर्ट मामले में सीबीआई की कस्टडी में रहने के बाद 19 नवंबर, 2015 से वह तिहाड़ जेल में बंद है.
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पुर्तगाल में गिरफ्तार हुआ था अबू सलेम
साल 2002 में अबू सलेम को पुर्तगाल पुलिस ने अरेस्ट किया था और नवंबर 2005 में उसे भारत लाया गया था. साल 2005 में प्रत्यर्पण संधि के तहत अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम को भारत लाया गया था. भारत में मोस्ट वांटेड बन जाने के बाद सलेम देश छोड़कर भाग गया था. उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया जा चुका था. इंटरपोल लगातार उसकी तलाश कर रही थी.
आखिरकार 20 सितंबर 2002 को अबू सलेम को उसकी प्रेमिका मोनिका बेदी के साथ इंटरपोल ने लिस्बन, पुर्तगाल में गिरफ्तार कर लिया था. उसकी गिरफ्तारी सैटेलाइट फोन से मिली लोकेशन के जरिए संभव हो पाई थी. फरवरी 2004 में पुर्तगाल की एक अदालत ने उसका भारत में प्रत्यर्पण किए जाने को मंजूरी दे दी थी. उस पर भारत में मुंबई बम धमाकों का मामला चलाया जाना था. बताया जाता है कि डी कंपनी के छोटा शकील ने पुर्तगाल में उसके होने की ख़बर पुलिस को दी थी.
अब तक इन लोगों का किया गया प्रत्यर्पण
- अगस्ता वेस्टलैंड मामले में - संजीव चावला और दीपक तलवार को जनवरी 2019 में यूएई से
- अगस्ता वेस्टलैंड मामले में - Christian Michel जेम्स को दिसंबर 2018 में यूएई से
- चीटिंग और धोखाधड़ी के केस में - मोहम्मद यहया को अक्टूबर 2018 में इंडोनेशिया से
- चीटिंग और धोखाधड़ी के केस में - विनय मित्तल को सितंबर 2018 में इंडोनेशिया से
- आतंकवाद के केस में आरोपी फ़ारूक़ टकला को मार्च 2018 में यूएई से
- बैंक फ्रॉड केस में रोमानियन नागरिक Mohd Farooq Yasin,को मार्च 2018 में Nicaragua से
- जॉब स्कैम रैकेट चलाने के मामले में Abubakr कदीर को सितम्बर 2017 में सिंगापूर से
- हत्या के केस में Abdul Raut Merchant और Mohmmad Sultan को नवंबर 2016 में बांग्लादेश से
- हत्या के केस में Samirbhai Vinubhai Patel को अक्टूबर 2016 में ब्रिटेन से
- हत्या की कोशिश के केस में Kumar Krushna पिल्लई को जून 2016 में सिंगापूर से
- भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने के मामले में Abdul Wahid Siddibapa को मई 2016 में यूएई से
- भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने के मामले में थाई नागरिक Willy Naruenartwanic को दिसंबर 2015 में थाईलैंड से
- हत्या के केस में Kollam Gangi Reddy को नवंबर 2015 में मारीशस से
- भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने के मामले में Anup Chetia को नवंबर 2015 में बांग्लादेश से
- हत्या और किडनेपिंग के दोषी छोटा राजन को नवंबर 2015 में इंडोनेशिया से
- हत्या के आरोपी Bannaje Raja को अगस्त 2015 में मोरक्को से
- हत्या के आरोपी Jagtar Singh Tara को जनवरी 2015 में थाईलैंड से
- हत्या किडनैपिंग के दोषी अबू सलेम को नवंबर 2005 में पुर्तगाल से
HIGHLIGHTS
- नवंबर 2005 में हत्या किडनैपिंग के दोषी अबू सलेम को लाया गया था भारत
- करीब 10 साल मोदी सरकार बनने से पहले तक किसी आरोपी का नहीं हुआ प्रत्यर्पण
- पीएम मोदी ने अपने कार्यकाल में 19 आरोपियों को विदेशों से लाए भारत