केंद्र सरकार ने ओबीसी, एसी और एसटी के लिए बड़ा फैसला लिया है. मोदी सरकार ने इनके लिए पांच बड़े कदम उठाए हैं. केंद्र सरकार के हिस्से में आने वाली मेडिकल एजुकेशन में सीटों को 'ऑल इंडिया कोटा' का नाम दिया गया. इन सीटों पर देश के किसी भी राज्य के छात्र दाखिला ले सकते हैं. ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि ज़्यादातर राज्य के कॉलेज में स्थानीय छात्रों को तरजीह दी जाती है. वहीं, ऑल इंडिया कोटा में ओबीसी छात्रों को 27% आरक्षण का फैसला किया है. AIQ में अब तक एससी को 15% और एसटी को 7.5% आरक्षण मिल रहा था, जबकि ओबीसी को कोई आरक्षण नहीं था. देश के सभी राज्यों के मेडिकल संस्थानों में साल 1984 में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर 'ऑल इंडिया कोटा' (AIQ) लागू किया गया.
OBC-SC-ST के लिए मोदी सरकार के 5 बड़े क़दम
1. एससीएसटी ऐक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को संसद से पलटा
2. मेडिकल में ओबीसी के लिए ऑल इंडिया कोटा में 27% आरक्षण
3. मोदी कैबिनेट में 27 ओबीसी और 20 एससी एसटी मंत्री
4.प्रधानमंत्री मोदी ने दलित युवाओं को स्टार्ट अप शुरू करने के लिए देश में पहली बार वेंचर कैपिटल फंड की शुरुआत की। इसकी शुरुआत 16 जनवरी 2015 को की गई थी
5.ओबीसी कमीशन को संवैधानिक आयोग बनाया ,राष्ट्रीय आर्थिक और शैक्षणिक पिछड़ा वर्ग आयोग बनाया, जिसकी कानूनी हैसियत अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के लिए बने आयोगों के बराबर की है
OBC- कहां कितनी आबादी
देश- 44%
यूपी- 54.5%
बिहार- 62.6%
छतीसगढ़- 45.5%
गुजरात- 40.2%
झारखंड- 46.8%
कर्नाटक- 55.5%
केरल-65.3%
एमपी-41.5%
महाराष्ट्र-33.8%
ओडिशा-33.2%
पंजाब-16.1%
राजस्थान-47.3%
तमिलनाडू-76.1%
उत्तराखंड-18.3%
बंगाल-8.7%
दिल्ली-19.5%
पुदुचेरी-77.1%
हरियाणा-28.3%
हिमाचल-17.1%
आंध्रप्रदेश-50.4%
OBC- कहां कितनी जातियां (सेंट्रल लिस्ट)
यूपी -76 जातियां
बिहार- 132 जातियां
गुजरात- 105 जातियां
हरियाणा- 73 जातियां
हिमाचल- 52 जातियां
झारखंड- 134 जातियां
छत्तीसगढ़- 67 जातियां
एमपी- 68 जातियां
महाराष्ट्र- 256 जातियां
ओडिशा- 197 जातियां
पंजाब- 65 जातियां
राजस्थान- 69 जातियां
उत्तराखंड- 78 जातियां
बंगाल - 98 जातियां
दिल्ली- 56 जातियां
पुदुचेरी- 58 जातियां
आंध्रप्रदेश- 104 जातियां
कर्नाटक- 199 जातियां
तमिलनाडु- 182 जातियां
तेलंगाना- 86 जातियां
केरल- 83 जातियां
देश- OBC-SC-ST आबादी
ओबीसी - 44%
एससी- 16.63%
एसटी - 8.63%
चुनावी राज्यों में OBC अबादी
यूपी- 54.5%
उत्तराखंड- 18.3%
पंजाब- 16.1%
हिमाचल- 17.1%
पुदुचेरी- 77.1%
चुनावी राज्यों में SC आबादी
यूपी- 20.70%
उत्तराखंड- 18.76%
पंजाब- 31.94%
हिमाचल- 25.19%
पुदुचेरी- 15.73%
चुनावी राज्यों में ST आबादी
यूपी- 0.57%
उत्तराखंड- 2.89%
पंजाब- 00%
हिमाचल- 5.71%
पुदुचेरी- 00%
केंद्र की नौकरी में % as on 1 jan 2016
OBC -21.57%
SC- 17.49%
ST- 8.47%
मेडिकल एडमिशन में ओबीसी को आरक्षण
ऑल इंडिया कोटा में ओबीसी छात्रों को 27% आरक्षण का फ़ैसला. AIQ में अब तक एससी को 15% और एसटी को 7.5% आरक्षण मिल रहा था,जबकि ओबीसी को कोई आरक्षण नहीं था. देश के सभी राज्यों के मेडिकल संस्थानों में साल 1984 में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर 'ऑल इंडिया कोटा' (AIQ) लागू किया गया. ये ऑल इंडिया कोटा राज्य के अधीन आने वाले मेडिकल कॉलेज में सीटों का वो हिस्सा है जो राज्य के कॉलेज, केंद्र सरकार को देते हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्देश में कहा था कि सभी राज्य अपने मेडिकल कॉलेज की 15 फ़ीसदी अंडर ग्रेजुएट सीटें और 50 फ़ीसद पोस्ट ग्रेजुएट सीटें केंद्र सरकार को देंगी. केंद्र सरकार के हिस्से में आने वाली इन सीटों को 'ऑल इंडिया कोटा' का नाम दिया गया. इन सीटों पर देश के किसी भी राज्य के छात्र दाखिला ले सकते हैं. ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि ज़्यादातर राज्य के कॉलेज में स्थानीय छात्रों को तरजीह दी जाती है.
साल 1985 से 2007 तक ऑल इंडिया कोटा की सीटों पर आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं था. साल 2007 में सुप्रीम कोर्ट ने ऑल इंडिया कोटा में आरक्षण लागू किया और राज्य सरकार की तरह ही केंद्र सरकार के हिस्से की सीटों पर भी आरक्षण लागू करने के निर्देश दिए. इसमें 7.5 फ़ीसदी आरक्षण अनुसूचित जनजातियों के लिए और 15 फ़ीसदी आरक्षण अनुसूचित जाति के लिए दिया गया. यहाँ ओबीसी को दिए जाने वाले आरक्षण का ज़िक्र नहीं किया गया.
इसके बाद साल 2010 में मेडिकल काउंसिल ऑफ़ इंडिया नीट परीक्षा का रेगुलेशन लेकर आई और नीट को देशभर में पूरी तरह लागू साल 2017 में किया गया. अब किसी भी छात्र को मेडिकल कॉलेज में दाखिला लेने के लिए नीट की परीक्षा देनी पड़ती है और इसके कटऑफ़ से ही ऑल इंडिया कोटा के तहत दाखिला मिलता है, लेकिन अगर कोई ओबीसी छात्र राज्य सरकार के मेडिकल कॉलेज में ऑल इंडिया कोटा के तहत दाखिला लेता था तो उसे 27 फ़ीसदी आरक्षण का फ़ायदा नहीं मिलता था
अब ओबीसी छात्र नीट परीक्षा के बाद ऑल इंडिया कोटा में भी 27% आरक्षण ले सकेंगे यानी अब आल इंडिया कोटा की 59.5% सीटें रिज़र्व हो चुकी है, जिसमें 10% ईडब्ल्यूएस भी शामिल है. जनरल कैटेगरी के लिए 40.5% सीटें ही बची हैं. डेंटल समेत अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल कोर्सेज में एडमिशन लेने वाले छात्र-छात्राओं पर नई आरक्षण नीति लागू होगी. इस फैसले के बाद एमबीबीएस में तकरीबन 1500 ओबीसी स्टूडेंट्स और पोस्ट ग्रेजुएशन में 2500 ओबीसी स्टूडेंट्स को आरक्षण का लाभ मिलेगा. आर्थिक रूप से कमजोर 550 छात्रों को एमबीबीएस में और 1000 छात्रों को पोस्ट-ग्रेजुएशन में हर साल फायदा होगा.
HIGHLIGHTS
- मोदी सरकार का बड़ा फैसला
- OBC-SC-ST के लिए उठाए 5 बड़े क़दम
- मेडिकल एडमिशन में ओबीसी को आरक्षण