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अब गुजरात में Bulldozer, नई फैक्ट्री की शुरुआत करेंगे ब्रिटिश PM जॉनसन

गुजरात में जिक्र बुलडोजर निर्माता कंपनी जेसीबी की नई फैक्ट्री ( JCB bulldozer factory ) को लेकर है. इसकी शुरुआत ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन ( British PM Boris Johnson ) करेंगे.

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Keshav Kumar
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अवैध अतिक्रमण के खिलाफ एक्शन में बुलडोजर ( Photo Credit : News Nation)

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देश के कई राज्यों में बुलडोजर को लेकर जारी सियासी हल्ले के बीच बड़ी खबर है. उत्तर प्रदेश में अवैध अतिक्रमण हटाने समेत गुंडों और माफिया के कब्जे पर चलाए जाने से सुर्खियों में आए बुलडोजर की धमक मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और दिल्ली के बाद अब गुजरात ( Gujarat ) में भी होगी. हालांकि गुजरात में फिलहाल इसका जिक्र बुलडोजर निर्माता कंपनी जेसीबी की नई फैक्ट्री ( JCB bulldozer factory ) को लेकर है. इसकी शुरुआत ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन ( British PM Boris Johnson ) करेंगे. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) भी गुजरात के दौरे पर हैं.

इस बीच यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बुलडोजर बाबा, मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान को बुलडोजर मामा और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी को बुलडोजर दाज्यू पुकारा जाने लगा है. वहीं हनुमान जन्मोत्सव पर दिल्ली की जहांगीरपुरी मस्जिद के पास पथराव के भड़की हिंसा और दंगा ( Delhi Jahangirpuri Violence ) से बाद अवैध अतिक्रमण के खिलाफ शुरू बुलडोजर को रोकने के लिए कई विपक्षी दलों को सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ गया. हालांकि सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को इस मामले की फिर सुनवाई करने वाला है. आइए, इस बुलडोजर के बारे में सिलसिलेवार तरीके से जानने की कोशिश करते हैं. 

क्या होता है बुलडोजर

माफिया की अवैध संपत्ति या सरकारी- सार्वजनिक जमीन पर अवैध कब्जों को हटाने के लिए आजकल जिस भारी मशीन का इस्तेमाल किया जा रहा है उसे बुलडोजर कहते हैं. इसे जेसीबी (JCB) नाम से भी पुकारते हैं. हालांकि, ये इसका सही नाम नहीं है. JCB एक कंपनी है जो इस जंबो मशीन को बनाती है. इस मशीन का इस्तेमाल निर्माण कार्यों के दौरान खुदाई, तोड़-फोड़ या किसी चीज को हटाने के लिए भी किया जाता है. इसे मशीन को दोनों तरफ से ऑपरेट किया जा सकता है. 

बुलडोजर का असली नाम और रंग

अधिकतर लोग आमतौर पर इस मशीन यानी बुलडोजर को JCB भी कहते हैं. इस जंबो मशीन का असली नाम बैकहो लोडर ( Backhoe Dozer ) है. साल 1945 में इसे बनाने वाली कंपनी  JCB की नींव रखी गई थी. इस कंपनी ने साल 1953 में पहला बैकहो लोडर बनाया था. तब इसका रंग नीला और लाल था. इसके बाद साल 1964 में अपग्रेड करते हुए  पीले रंग का एक बैकहो लोडर बनाया गया. इसके बाद से लगातार पीले रंग की ही मशीनें बनाई जा रही हैं. अब आमतौर पर इस जंबो मशीन का रंग पीला होता है. देश और दुनिया के दूसरी विनिर्माण कंपनियां भी कंस्ट्रक्शन साइट पर इस्तेमाल होने वाली मशीनों का रंग पीला ही रखती हैं.

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बुलडोजर की शुरुआत और बदलाव

शुरुआत में बुलडोजर को चलाने के लिए ट्रैक्टर की जरूरत होती थी. तब उसी के साथ जोड़कर बनाया गया था. समय के साथ इसके मॉडल में तमाम बदलाव किए गए. अब बैकेहो लोडर या बुलडोजर दोनों तरह से काम करती है. इसे स्टेयरिंग के बजाय लीवर्स से ऑपरेट किया जाता है. इसमें एक साइड के लिए स्टेयरिंग लगी होती है. वहीं दूसरी तरफ क्रेन की तरह लीवर लगे होते हैं. इस मशीन में एक तरफ लोडर लगा होता है. यह बड़ा वाला हिस्सा होता है. इसकी ही मदद से कोई भी सामान उठाया जाता है. इसके अलावा दूसरी तरफ एक साइड बकेट लगा होता है. इसका इस्तेमाल उठाई गई चीजों के स्टोरेज के लिए होता है. 

बुलडोजर निर्माता कंपनी JCB के बारे में जानें

दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी निर्माण उपकरण बनाने वाली कंपनी JCB का पूरी नाम जेसीबी एक्सावेटर्स लिमिटेड है. यह एक ब्रिटिश कंपनी है. इसका मुख्यालय रोसेस्टर स्टाफोर्डशायर शहर में है. इस कंपनी के संस्थापक और मालिक ब्रिटिश अरबपति जोसेफ सायरिल बम्फोर्ड थे. उन्ही के नाम पर कंपनी का नाम JCB रखा गया है. साल 2001 में उनकी मौत हो गई थी. 

150 से अधिक देशों में फैला है JCB का कारोबार

रिपोर्ट के मुताबिक JCB कंपनी बैकेहो लोडर या बुलडोजर के अलावा 300 से अधिक तरह की मशीन, खुदाई में उपयोगी ट्रैक्टर और डीजल इंजन वगैरह बनाती है. इसके साथ ही कंपनी दुनिया के 150 से अधिक देशों में अपने प्रोडक्ट बेचती है. भारत में JCB India नाम से कार्यरत इस कंपनी की 5 फैक्ट्रियां और एक डिजाइन सेंटर है. कंपनी 110 से ज्यादा देशों में भारत में बनी मशीनों का निर्यात कर चुकी है. ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन गुजरात के हलोल में JCB समूह की  650 करोड़ रुपये का लागत वाली नई और छठी फैक्ट्री की शुरुआत करेंगे. 

ये भी पढ़ें - जहांगीरपुरी बुलडोजर: SC में सुनवाई आज, JNU-Jamia में प्रोटेस्ट, राजनीति तेज

ये कंपनियां भी बनाती हैं 5 तरह के बुलडोजर 

भारत में  JCB के अलावा भी कई कंपनियां बैकहो लोडर या बुलडोजर बनाती हैं. इनमें ACE, L&T, वोल्वो, महिंद्रा एंड महिंद्रा जैसी कई कंस्ट्रक्शन इक्यूपमेंट मैन्युफैक्चरिंग कंपनियां शामिल हैं. बुलडोजर या बैकहो लोडर की कीमत 10 लाख रुपए से शुरू होकर 40-50 लाख रुपए तक जाती है. निर्माण के अलग-अलग कार्यों में क्रॉलर, मिनी, व्हील, हाईब्रिड और मल्चर पांच तरह के बुलडोजर का जरूरत के हिसाब से इस्तेमाल किया जाता है. इनकी बनावट और कीमत में भी काफी अंतर होता है.

HIGHLIGHTS

  • हनुमान जन्मोत्सव शोभायात्रा पर जहांगीरपुरी मस्जिद के पास पथराव
  • खुदाई, तोड़-फोड़ या किसी चीज को हटाने के लिए बुलडोजर का इस्तेमाल
  • क्रॉलर, मिनी, व्हील, हाईब्रिड और मल्चर पांच तरह के होते हैं बुलडोजर

 

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