अपने सदाबहार दोस्त पाकिस्तान (Pakistan) को चीन ने हाल ही में एसएच-15 होवित्जर तोप बेची हैं. अब ड्रैगन इमरान सरकार (Imran Khan) को डीएफ-17 हाइपरसोनिक मिसाइल सिस्टम औऱ एंटी-शिप मिसाइल सीएम-501जीए भी देने जा रहा है. जाहिर है भारत (India) की बढ़ती सैन्य शक्ति को देख हिंदुस्तान के शत्रु देशों चीन (China)-पाकिस्तान ने एक-दूसरे की मदद करने की यह रणनीति अपनाई है. इंटरनेशनल एसेसमेंट एंड स्ट्रेटजी सेंटर के सीनियर फैलो रिचर्ड डी फिशर के मुताबिक बीजिंग ने जिस तरह उत्तर कोरिया को हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल (एचजीवी) तैयार करने में मदद की थी, ठीक वैसे ही वह पाकिस्तान को भी एचजीवी तैयार करने में सामरिक मदद मुहैया कराएगा. उसका मकसद सिर्फ यही है कि वह भारत को एशिया में ही घेरे रखे. दूसरी वजह यह भी है कि मोदी सरकार (Modi Government) ने जिस तरह से हाल ही में अत्याधुनिक लड़ाकू विमान राफेल और एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम हासिल किया है, उससे एशियाई क्षेत्र में भारत का पलड़ा भारी हो गया है. ऐसे में इसकी काट के लिए इस्लामाबाद-बीजिंग साथ आए हैं.
ड्रैगन पाकिस्तान को दे रहा डीएफ-17 हाइपरसोनिक मिसाइल सिस्टम
चीन पाकिस्तान को डीएफ-17 हाइपरसोनिक मिसाइल सिस्टम भारत को रूस से मिले एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम की काट बतौर दे रहा है. सामरिक तकनीकी तौर पर हाइपरसोनिक सिस्टम मैक-5 श्रेणी के होते हैं. यानी इनकी रफ्तार ध्वनि की रफ्तार से भी पांच गुना ज्यादा होती है. इन्हें पकड़ना आसान नहीं होता और ये एस-400 सरीखे मिसाइल डिफेंस सिस्टम का भी काफी हद तक मुकाबला करने में सक्षम होते हैं. एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम भारत को चीन के मुकाबले बढ़त में लाता है. हालांकि रूस ने चीन को एस-300 मिसाइल डिफेंस सिस्टम दिया हुआ है, लेकिन एस-400 के आगे वह कहीं नहीं ठहरता है. ऐसे में ड्रैगन पाकिस्तान को अपना डिफेंस सिस्टम दे रहा है ताकि भारत को दूसरे मोर्चे से भी उलझाए रखा जा सके. गौरतलब है कि एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम की जद में पाकिस्तान का बड़ा इलाका आता है. यानी युद्ध की स्थिति में पाकिस्तान के लड़ाकू विमानों को उसके ही एयरस्पेस में जमीन चटाई जा सकेगी. यही हाल चीन का भी होगा. ऐसे में चीन भारत की इस काट के लिए हाइपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण कर रहा है, तो अपने दोस्त को भी डीएफ-17 सिस्टम दे मजबूत कर रहा है.
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भारत की 9 वज्र तोपों से मुकाबले के लिए दी होवित्जर तोप इस्लामाबाद को
इसी तरह भारत की 9 वज्र होवित्जर तोपों के मुकाबले के लिए चीन ने विगत दिनों पाकिस्तान को एसएच-15 होवित्जर भी दी हैं. पाकिस्तान इन होवित्जर तोपों को भारत से लगती पहाड़ी इलाकों की सीमा पर तैनात करेगा. चीन में बना यह हथियार 155 एमएम के गोले दागने में सक्षम है. दूसरी बड़ी बात यह कि इस होवित्जर को ट्रक की चेचिस पर आसानी से फिट किया जा सकता है. यानी एक स्थान से दूसरे स्थान पर आवागमन के लिहाज से भी यह मुफीद है. ऐसी मीडिया रिपोर्ट आई थीं कि पाकिस्तान ने चीन से 2019 में 236 एसएच-15 155 एमएम क्षमता वाली होवित्जर तोपें खरीदने का सौदा किया था. इसमें से ही कुछ तोपों को चीन ने पाकिस्तान को सौंपा है. एसएच-15 को चीनी सेना ने 2018-19 में पीसीएल-181 के नाम से पीपुल्स लिबरेशन आर्मी में शामिल किया था. इन होवित्जर तोपों की रेंज 53 किमी बताई जाती है.
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पाकिस्तान ने चीन से खरीदा वीटी-4 टैंक भी
सिर्फ एसएच-15 होवित्जर ही नहीं पाकिस्तान ने चीन से वीटी-4 टैंक भी खरीदे हैं. हालांकि अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि चीन ने पाकिस्तान को कितने वीटी-4 टैंकों की डिलीवरी की है. जानकार बताते हैं कि पाकिस्तान चीन से इन टैकों की खरीद करने वाला तीसरा देश है. पाकिस्तान से पहले चीन थाईलैंड और नाइजीरिया को भी वीटी-4 टैंक बेच चुका है. चीन के वीटी-4 को एमबीटी-3000 के नाम से भी जाना जाता है. 52 टन वजनी यह टैंक 10.10 मीटर लंबा और 3.4 मीटर चौड़ा है. इसका मुख्य हथियार 125 एमएम की गन है. इसमें टर्बोचार्ज इंजन है जो टैंक को 1300 हॉर्सपावर की ताकत प्रदान करता है. जाहिर है पाकिस्तान भारत से मुकाबले के लिए कंगाल होते हुए भी भारी रकम सैन्य साज-ओ-सामान पर खर्च कर रहा है, तो चीन भारत को घेरने के लिए उसे इन सबकी आपूर्ति कर रहा है. यानी भारत के लिए ढाई मोर्चों पर चल रही जंग फिलहाल तो खत्म होती नहीं दिख रही है.
HIGHLIGHTS
- भारत की वज्र 9 तोपों के लिए दीं एसएच-15 तोपें
- साथ ही अब देगा हाइपरसोनिक मिसाइल सिस्टम
- भारत को घेरने पाकिस्तान को कर रहा है मजबूत