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Russia Ukraine War के बीच भारत आए चीन के विदेश मंत्री वांग यी, क्या है एजेंडा

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर से जुड़ा विषय पूरी तरह से भारत का आंतरिक मामला है. चीन समेत बाकी देशों को इस पर बयान देकर हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है.

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Keshav Kumar
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Chinese Foreign Minister Wang Yi

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मिलेंगे वांग यी( Photo Credit : News Nation)

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रूस और यूक्रेन के बीच एक महीने से जारी युद्ध ( Russia Ukraine War) के बीच चीन के विदेश मंत्री वांग यी भारत दौरे पर पहुंचे हैं. भारत-चीन सीमा विवाद ( India-China Border Dispute) समेत कई द्विपक्षीय मसलों पर शुक्रवार को वांग यी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मुलाकात करेंगे. इसके बाद वह विदेश मंत्री एस जयशंकर से उनकी मुलाकात होगी. जम्मू कश्मीर के मुद्दे पर वांग यी के एक बयान को लेकर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. इसके बाद वांग यी का भारत दौरा अहम माना जा रहा है. 

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर से जुड़ा विषय पूरी तरह से भारत का आंतरिक मामला है. चीन समेत बाकी देशों को इस पर बयान देकर हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है. इस्लामिक देशों के संगठन ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन की बैठक में चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कश्मीर का जिक्र किया था. उन्होंने कहा था, 'कश्मीर पर हमने फिर से अपने कई इस्लामी दोस्तों की गुहार सुनी है. चीन भी ऐसी ही उम्मीद रखता है.'

सीमा विवाद पर ठोस समाधान के पक्ष में भारत

भारतीय विदेश मंत्रालय ने मुलाकात से पहले ही अपना नजरिया साफ कर दिया है. चीन के साथ जारी सीमा तनाव को भारत जल्द सुलझाने के लिए ठोस कदमों और समाधान के पक्ष है. भारत ने संकेत दिए हैं कि महज औपचारिकता के लिए यात्रा-मुलाकात या साझा तस्वीरों को लेकर अधिक उत्साह नहीं दिखाया जा सकता है. सूत्रों के मुताबिक, वांग यी के साथ बैठक में एनएसए अजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस जयशंकर का जोर पूर्वी लद्दाख में बीते करीब डेढ़ साल से जारी सीमा तनाव सुलझाने पर ही होगा.

सैन्य कमांडर स्तर पर अब तक 15 दौर की वार्ता

भारत और चीन के बीच जारी सीमा विवाद को सुलझाने के लिए सैन्य कमांडर स्तर पर 15 दौर की वार्ता हो चुकी हैं. पूर्वी लद्दाख में डेपसांग समेत कई इलाकों में जारी तनाव घटाने, मामले को हल करने और सैनिक जमावड़ा कम करने का कोई फार्मूला फिलहाल नहीं निकल पाया है. दोनों देशों के बीच चुशूल-मोलडो बॉर्डर पॉइंट पर 12  मार्च को 15वें दौर की वार्ता हुई थी. इस बातचीत से भी कोई ठोस नतीजे सामने नहीं आ पाए थे.

नेपाल दौरे में वामपंथियों से मिलेंगे वांग यी

चीन के विदेश मंत्री वांग यी के नेपाल दौरे पर भी भारत की नजरें लगी हैं. भारत के बाद वांग नेपाल दौरा पर जाने वाले हैं. उस दौरान वांग यी नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री और सीपीएन-यूएमएल के अध्यक्ष केपी शर्मा ओली और सीपीएन माओवादी सेंटर के अध्यक्ष पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ से मुलाकात करेंगे. दोनों वामपंथी नेताओं को साथ लाकर चीन एक बार फिर नेपाल में अपने समर्थन की सरकार बनाने की कोशिश कर सकता है.

ये भी पढ़ें - भारत पहुंचे चीन के विदेश मंत्री वांग यी, अजीत डोभाल से करेंगे मुलाकात

एक अप्रैल को भारत आएंगे नेपाल के पीएम देउबा

नेपाल में इन दिनों शेर बहादुर देउबा की सरकार है. नेपाल में चीन के बढ़ते हस्तक्षेप के बीच प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा श्रीलंका का दौरा रोककर एक अप्रैल को भारत आने वाले हैं. नेपाली पीएम की चार साल बाद भारत यात्रा होगी. देउबा नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( Prime Minsiter Narendra Modi) से भी मुलाकात कर सकते हैं.

HIGHLIGHTS

  • चीन सीमा तनाव को सुलझाने के लिए ठोस कदमों और समाधान के पक्ष में भारत 
  • भारत-चीन सीमा विवाद को सुलझाने के लिए सैन्य कमांडर स्तर पर 15 दौर की वार्ता
  • चीन एक बार फिर नेपाल में अपने समर्थन की सरकार बनाने की कोशिश कर सकता है
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