आज से ठीक 44 साल 25 जून 1975 को पहले भारत के संविधान में दिए गए नागरिकों के मूलभूत अधिकार छीन लिए गए थे. प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) ने 25 जून को आपातकाल (Emergency 1975) की घोषणा के फैसले के बाद सरकार का विरोध करने वाले हर नेता, युवा को सलाखों के पीछे डाल दिया गया. प्रेस की आजादी पर सरकारी भी पहरा लग गया और विपक्ष के सभी बड़े नेताओं को जेल भेज दिया गया. अक्सर ये बात होती है कि इमरजेंसी (Emergency) के दौरान वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क्या कर रहे थे.
पीएम मोदी ने खुद कई बार अपने भाषणों में आपातकाल (Emergency 1975) के दौर का जिक्र किया है और इसकी आलोचना की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वेबसाइट narendramodi.in पर इमरजेंसी (Emergency) के दौर के कुछ किस्से बताए गए हैं. आइए जानें उन दिनों मोदी क्या कर रहे थे.
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आपातकाल (Emergency 1975) के दौरान नरेन्द्र मोदी द्वारा किए गए काम के बारे में कई कहानियां हैं. उनमें से एक यह है कि वह एक स्कूटर पर सवार होकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक वरिष्ठ कार्यकर्ता को एक सुरक्षित घर में ले गए थे. इसी प्रकार, एक बार यह बात सामने आई कि गिरफ्तार किए गए नेताओं में से एक गिरफ्तारी के समय अपने साथ कई महत्वपूर्ण कागजात ले जा रहे थे. वे कागजात किसी भी कीमत पर पुनः प्राप्त किए जाने थे.
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यह ज़िम्मेदारी नरेन्द्र मोदी को सौंपी गई कि वे किसी भी तरह उन कागजात को पुलिस थाने में पुलिस की हिरासत में बैठे उस नेता से लेकर आएं और वह भी पुलिस बल के सामने. जब नानाजी देशमुख को गिरफ्तार कर लिया गया था, तब उनके पास एक पुस्तक थी जिसमें उनसे सहानुभूति रखने वालों के पते लिखे हुए थे. नरेन्द्र मोदी ने उनमें से प्रत्येक व्यक्ति को ऐसे सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का प्रबंध कर दिया कि उनमें से किसी को भी आततायी सरकार के पुलिस बल गिरफ्तार नहीं कर पाए.
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उन दिनों मोदी नाथा लाल जागडा के साथ-साथ वसंत गजेंद्र गाडकर के साथ सक्रिय रूप से काम कर रहे थे. इमरजेंसी (Emergency) के दौरान ही आरएसएस पर बैन भी लगा था और कई संघ के प्रचारकों को गिरफ्तार किया गया था. जब वरिष्ठ आरएसएस नेता केशव राव देशमुख को गुजरात में गिरफ्तार कर लिया गया तो मोदी योजना के अनुसार उसके साथ काम करने वाले थे लेकिन फिर देशमुख की गिरफ्तारी की वजह से ऐसा नहीं हो सका.
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मोदी ने तभी आरएसएस के अन्य वरिष्ठ व्यक्ति नाथा लाल जागडा को एक स्कूटर पर ले जा कर सुरक्षित जगह पर पहुंचा दिया. इमरजेंसी (Emergency) के दौरान सूचना प्रसारण पूरी तरह से बंद था, लेकिन मोदी ने संविधान, कानून, कांग्रेस सरकार की ज्यादतियों के बारे में जानकारी युक्त साहित्य गुजरात से अन्य राज्यों के लिए जाने वाली ट्रेनों में रखवाई. वेबसाइट पर बताया गया है कि मोदी लगातार भेष बदलकर जेल जाया करते थे, जबकि उन्हें गिरफ्तारी का खतरा बराबर था. इस दौरान वह जेल में नेताओं के लिए महत्वपूर्ण जानकारियां पहुंचाते थे.