राहुल गांधी ने जब से अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ने से इनकार किया है. तभी से राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का नाम कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए सबसे ज्यादा चर्चा में है. हालांकि, कि तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर भी कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए अपनी किस्मत आजमा सकते हैं. इस सिलसिले में वे यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात भी कर चुके हैं. लेकिन गहलोत की दावेदारी ज्यादा मजबूत बताई जा रही है, क्योंकि वह गांधी परिवार के ज्यादा करीब है. इसी सिलसिले में खुद गहलोत से बात की हमारे संवाददाता लाल सिंह फौजदार ने. प्रस्तुत है बातचीत के मुख्य अंश.
सवाल- जोरों से चर्चा है आप कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल करेंगे. अगर ये बात सही है तो आप कब नामांकन दाखिल करेंगे?
जवाब- देखिए, आज मैं आया हूं, सब मित्रों से बातचीत करेंगे कि सबकी क्या राय है. उसके मुताबिक आगे का फैसला करूंगा. अभी मैं यहां पहुंचा ही हूं. लिहाजा, अभी इस बारे में कुछ ज्यादा कहने की स्थित में नहीं हूं. इस वक्त पहली प्राथमिकता देश की देश की एकता और अखंडता को बरकरार रखना है. इसी को लेकर राहुल गांधी यात्रा कर रहे हैं. उनकी इस यात्रा से ही भारतीय जनता पार्टी में बेचैनी पैदा हो गई है. राहुल गांधी अपनी यात्रा में महंगाई और बेरोजगारी जैसे जो लोगों से जुड़े मुद्दे उठा रहे हैं, उसे लोगों का आपार समर्थन मिल रहा है. दरअसल, देश के अंदर जो हालात बने हुए हैं, उसको लेकर पूरा मुल्क इस वक्त चिंतित है. सभी देशवासियों को इस बात की चिंता होने लगी है कि कांग्रेस प्रतिपक्ष के रूप में मजबूत होनी चाहिए. लेकिन सत्ता में बैठे लोगों का इरादा कांग्रेस मुक्त भारत बनाने की है. ऐसे माहौल में हमारी पहली प्राथमिकता ये होगी कि हम जो फैसले करें, जिससे हमारे हर फैसले से कांग्रेस मजबूत हो. यही मेरा ध्येय है. पार्टी और हाईकमान ने सब कुछ दिया है. पिछले 40 -50 वर्षों से मैं किसी न किसी पद पर ही रहा हूं. लिहाजा, मेरे लिए अब पद कोई मायने नहीं रखता है. इस वक्त पार्टी मुझे जो भी जिम्मेदारी देगी, उसे मैं पूरी ईमानदारी और निष्ठा से निभाऊंगा.
सवाल- बताया जा रहा है कि आप गांधी परिवार के विश्वसनीय है?
जवाब- गांधी परिवार का तो है ही. इसके साथ ही जितने भी काँग्रेसजन हैं, उन सबके परिवारों का विश्वास मेरे ऊपर है और मैं बहुत ही भाग्यशाली हूं कि पूरे देश के कांग्रेसजनों का प्यार, उनकी मोहब्बत मेरे ऊपर है. ये बातें आप भी सुनते होंगे, मैं भी सुनता हूं. इसलिए पार्टी हाईकमान का जो आदेश होगा, मैं वहीं करूंगा. अगर मुझे कहा जाएगा कि फॉर्म भरना है तो मैं फॉर्म भरूंगा. आज मैं मुख्यमंत्री हूं, वो जिम्मेदारी मैं निभा रहा हूं. आगे जो जिम्मेदारी दी जाएगी, वह भी निभाएंगे. मुझे कांग्रेस की सेवा करनी है, जहां मेरा उपयोग है, राजस्थान में है, या दिल्ली में है, जहां भी होगा मैं तैयार रहूंगा, क्योंकि पार्टी ने मुझे सब कुछ दिया है. अगर मेरा बस चले तो मैं पद लूं ही नहीं, मैं राहुल गांधी जी के साथ में इस यात्रा में शामिल हो जाऊं, क्योंकि जो हालात इस वक्त देश के अंदर हैं, संविधान की धज्जियां उड़ रही हैं, लोकतंत्र खतरे के अंदर है, ये हमें मानना चाहिए, पूरे देश को बर्बाद करने में जुटे हैं ये लोग. अब हमारे लिए पद की क्या बात है, बिना पद भी सब कुछ कर सकते हैं हम लोग.
सवाल- गहलोत साहब आपने कहा कि जो जिम्मेदारी दी जाएगी, आप उसको निभाएंगे, अगर कहा जाएगा नामांकन भरने के लिए तो वो भी भरेंगे, लेकिन इसके साथ ही एक ये भी खबर आ रही है कि एक व्यक्ति एक पद, जो आपके ही राज्य में रेजोल्यूशन पास किया गया था, तो...
जवाब- प्रस्ताव हमने पास किया है, जहां नॉमिनेट होते हैं, वहां 2 पद होते हैं. जहां कोई हाईकमान नॉमिनेट करती है वो 2 पद कहलाते हैं. ये चुनाव तो ओपन है, सबके लिए. इसमें कोई भी खड़ा हो सकता है, ये जो 9 हजार लोग हैं, 9 हजार में से कोई भी व्यक्ति खड़ा हो सकता है? चाहे वो एमपी है, एमएलए है, मंत्री है, मुख्यमंत्री है, कल कोई कह देगा राज्य का मंत्री कि मैं खड़ा होना चाहता हूं, तो वो हो सकता है. वो मंत्री भी रह सकता है और कांग्रेस अध्यक्ष भी बन सकता है.
सवाल- मुख्यमंत्री रहेंगे आप
जवाब- रहने या नहीं रहने की बात मैं नहीं कर रहा हूं, वो तो समय बताएगा कि मैं कहां रहूं, कहां नहीं रहूं, पर मैं वहां रहना पसंद करूंगा, जिससे कि मेरे रहने पार्टी को फायदा मिलता हो, तो मैं पीछे नहीं हटूंगा.
साल- तो क्या दोनों पद मुख्यमंत्री और अध्यक्ष का आप ही संभालेंगे ?
जवाब- मैंने कहा ना आपको, मैं जहां भी रहूं, 1 पद पर, 2 पद पर, 3 पद पर या कहीं पर भी नहीं, तो मुझे ऐतराज़ नहीं होगा. मेरी इच्छा तो ये रहेगी अगर मेरा बस चले तो मैं कोई पद पर नहीं रहूं अब. मैंने बहुत पद संभाल लिए, अब मैं मैदान में उतर कर राहुल गांधी के साथ दौरे करना चाहता हूं मैं. मैं चाहता हूं कि यात्रा करूं, जनता को आह्वान करें हम लोग, देशभर के लोगों को आह्वान करके हम लोग सड़कों पर लाएं और ये जो सत्ता में फासिस्ट लोग बैठे हुए हैं, इनके खिलाफ में हम लोग मोर्चा खोलें. मेरी हार्दिक इच्छा तो यही है. मेरी ये इच्छा क्या काम आएगी, क्योंकि पार्टी ने मुझे सब कुछ दिया है. डॉ. मनमोहन सिंह जी का शासन बेमिसाल था, लेकिन इन लोगों ने कोल गेट, 2जी स्पेक्ट्रम, लोकपाल जैसे भ्रष्टाचार के नाम रोक लगा दी. अब कहां चले गए ये मुद्दे? अब? कोई भी इन मुद्दों का नाम तक क्यों नहीं लेता है? झूठे आरोप लगाकर ये लोग धर्म के नाम पर चुनाव जीत गए ये लोग. आज देश की जो स्थिति है, उसमें कांग्रेस का मजबूत होना बेहद जरूरी है. लिहाजा, कांग्रेस की मजबूती के लिए जहां मेरी आवश्यकता होगी मैं पीछे नहीं हटूंगा.
सवाल- शशि थरूर से आपका मुकाबला हो सकता है, कैसे देख रहे हैं आप इस टक्कर को? लोग बड़ी दिलचस्पी से देख रहे हैं
जवाब- देखिए ये मुकाबले तो होने ही चाहिए. इंटरनल डेमोक्रेसी तो पार्टी में होनी ही चाहिए. तभी तो लोगों को मालूम पड़ेगा कि भई इस पार्टी में इंटरनल डेमोक्रेसी है. वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष पद को लेकर मीडिया में हो रही चर्चा पर भी उन्होंने सवाल उठाया और पूछा कि कब तो राजनाथ सिंह जी बन गए, कब अमित शाह अध्यक्ष बन गए, कब जेपी नड्डा अध्यक्ष बन गए, देश में कोई चर्चा होती है? हमारा सौभाग्य है कि देश का मीडिया सिर्फ कांग्रेस की चर्चा करता है. हम आपके बहुत आभारी हैं आप लोगों के. दरअसल, कांग्रेस पुरानी पार्टी है, जिसने त्याग-बलिदान और कुर्बानियां आजादी के पहले की और आजादी के बाद की आज भी लोगों को याद है. उनके जेहन में है.भले ही गोदी मीडिया क्यों न हो. वह भी जानता है कि वह जो कर रहा है, वह ईडी, सीबीआई, इनकम टैक्स के दबाव में कर रहे हैं. ये सब करने के कांग्रेस पार्टी मजबूत रखनी चाहिए. वे कहते हैं कि हमारी मजबूरी है, इसलिए हम गोदी मीडिया बने हुए हैं.
सवाल- क्या आप राहुल गांधी को आखिरी बार मिलने जा रहे हैं?
जवाब- मैं जा रहा हूं, आखिरी बार जाकर मैं एक बार और रिक्वेस्ट करूंगा. मैंने ही प्रस्ताव रखा था प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अंदर 4-5 दिन पहले कि राहुल गांधी जी को अध्यक्ष पद स्वीकार करना चाहिए. हमारी इच्छा है कि अगर कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में अगर वो वो यात्रा करते हैं, तो और ज्यादा ऑरा बनेगा पार्टी का. यही वजह है कि मैं जाकर उनसे बात करने जा रहा हूं.
सवाल- अगर आप मुख्यमंत्री रहते हुए अध्यक्ष बनते हैं तो क्या 2 पदों पर रहने से आप पर ऑफिस ऑफ प्रॉफिट लागू नहीं होगा. लोगों में ये जानने की उत्सुकता है कि फिर राजस्थान की जिम्मेदारी कौन संभालेगा?
जवाब- आज के दिन तो मैं हूं, मैं ही संभाल रहा हूं, ऑफिस ऑफ प्रॉफिट आप कहां से लेकर आ गए!
सवाल- अध्यक्ष रहते हुए मुख्यमंत्री ?
जवाब- मैंने आपको कहा न, ये तो जो पार्टी चुनाव हो रहा है. ये तो ओपन है सबके लिए है. मेरा जवाब हो गया इस पर.
HIGHLIGHTS
- अध्यक्ष पद के लिए नामांकन से पहले बोले गहलोत, कांग्रेस को मजबूत बनाना हमारी प्राथमिकता
- सत्ताधारी लोग कांग्रेस मुक्त बनाना चाहते हैं देश और देश के लोग कांग्रेस को मजबूत करना चाहते हैं
- पार्टी ने सब कुछ दिया है, जो आलाकमान का आदेश होगा, उसका दिल से पालन करूंगा
Source : lalsingh fauzdar