Corona Impact: आईएएस अधिकारी ने बनाई नोट, टिकट को संक्रमणमुक्त करने की मशीन

यूवी एक्शन के साथ साथ 300 डिग्री फारेनहाइट तापमान पर पांच से सात सेकंड में नोट गुजरता है, जिससे सभी तरह का वायरस निष्क्रिय हो जाता है.

author-image
Nihar Saxena
New Update
Machine Virus Free Note Stamp

इस मशीन को बनाने में 3 हजार से 3500 रुपये खर्च आया है.( Photo Credit : न्यूज स्टेट)

Advertisment

एक ओर जहां कोरोना वायरस (Corona Virus) के संक्रमण को लेकर लोग परेशान हैं, वहीं इस दौर में कई तरह के नवाचार भी हो रहे हैं. इसी क्रम में झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम में उपविकास आयुक्त (DDC) के पद पर कार्यरत भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के अधिकारी आदित्य रंजन ने भी बैंकों में नोट, चेक और ड्राट को वायरस के संक्रमण से मुक्त करने की मशीन विकसित की है. इससे बैंक कर्मियों और रेलकर्मियों की सुरक्षा होगी. पश्चिम सिंहभूम के उपायुक्त अरवा राजकमल ने यह मशीन बुधवार को चाईबासा के बैंक ऑफ इंडिया (Bank Of India) की मुख्य शाखा को सौंपा है. डीडीसी द्वारा बनाए गए इस मशीन को दक्षिण पूर्व रेलवे मुख्यालय चक्रधरपुर रेलवे स्टेशन के टिकट काउंटर पर भी उपलब्ध करवाया गया है.

यह भी पढ़ेंः Tablighi Jammat Case : रेड डालने के लिए मौलाना साद के फार्महाउस पर पहुंची क्राइम ब्रांच की टीम

पैसे के लेन-देन में खत्म होगा डर
उपायुक्त ने बताया कि कोरोना संक्रमण को रेाकने के लिए लोगों को दूरी रखना उचित उपाय माना जाता है. पैसे के लेन-देन से भी इसके वायरस के फैलने की आशंका रहती है. ऐसे में इस मशीन के प्रयोग से ऐसे किसी भी आशंका को समाप्त किया जा सकता है. डीडीसी आदित्य रंजन ने आईएएनएस को बताया कि इस मशीन को बनाने में 3 हजार से 3500 रुपये खर्च आया है.

यह भी पढ़ेंः पीजीआई और केजीएमयू में आज से कोरोना की पूल टेस्टिंग शुरू, एक साथ कई सैंपल जांचे जाएंगे

इस तरह काम करती है मशीन
इसके बनाने के आइडिया आने के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, 'महाराष्ट्र एवं दूसरे अन्य स्थानों से प्रसारित कई वीडियो में देखा गया कि महिलाओं द्वारा रुपए के नोट को आयरन के माध्यम से कीटाणु रहित किया जा रहा था. इसी प्रयोग को देखते हुए 11 वाट के अल्ट्रा वायलेट बल्ब के साथ लेमिनेशन मशीन का प्रयोग इस मशीन के निर्माण में किया गया है.' उन्होंने कहा कि इससे यूवी एक्शन के साथ साथ 300 डिग्री फारेनहाइट तापमान पर पांच से सात सेकंड में नोट गुजरता है, जिससे सभी तरह का वायरस निष्क्रिय हो जाता है.

यह भी पढ़ेंः पॉज बटन की तरह है लॉकडाउन कोरोना मुक्त इलाकों में करना होगा ये काम- राहुल गांधी

आम लोग भी बना सकते हैं ऐसी मशीन
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों से देश में पैसों के लेन-देन में डिजिटल प्रचलन को बढ़ावा दिया गया है, लेकिन कुछ जगहों पर अभी भी नकद लेन-देन का प्रचलन जारी है. उन्होंने कहा कि जहां डिजिटल लेनदेन हो रहा है, वहां तो ऐसी मशीनों की आवश्यकता नहीं है लेकिन जहां नहीं हो रहा है, वहां आज के समय में इसके प्रयोग से खुद और दूसरों को सुरक्षित रखा जा सकता है. उन्होने कहा कि बहुत कम पैसे खर्च कर आमलोग भी ऐसी मशीनें बना सकते हैं.

यह भी पढ़ेंः Covid-19: फिच रेटिंग्स ने भारत की जीडीपी ग्रोथ को लेकर जारी किया ये अनुमान, जाने क्या होगा असर

रिमोट कंट्रोल को-बोट भी बनाया
रंजन ने बीआईटी मेसरा से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है. बोकारो में जन्मे और एक सरकारी स्कूल से प्राथमिक शिक्षा ग्रहण करने वाले रंजन इससे पहले रोबोटिक्स उपकरण को-बोट बना चुके हैं, जो रिमोट कंट्रोल से संचालित होता है और किसी भी मरीज को भोजन, दवाई, पानी इत्यादि पहुंचाने का कार्य कर सकता है. रंजन इसके अलावे कोरोना वायरस सैंपल कलेक्शन सेंटर और फेस शील्ड भी बना चुके हैं, जिसका लाभ स्वास्थकर्मियों को मिल रहा है. उन्होंने कोरोना मरीजों के लिए हाईटेक आइसोलेशन बेड भी तैयार किया है.

HIGHLIGHTS

  • पैसे के लेन-देन से भी इस वायरस के फैलने की आशंका.
  • इस मशीन से सभी तरह का वायरस निष्क्रिय हो जाता है.
  • रंजन ने बीआईटी मेसरा से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है.
covid-19 BIT Mesra Corona Virus Lockdown Engineering Disinfection
Advertisment
Advertisment
Advertisment