के-2' जिन्न से पाकिस्तान की 15 अगस्त पर बड़ी साजिश, अलर्ट पर सुरक्षा एजेंसियां

पाकिस्तान ने अपना चार दशक पुराना 'के-2' प्लान (k-2 Plan) निकाला है. ताकि स्वतंत्रता दिवस पर भारत को दो मोर्चे पर चोट दे सके. ऐसे में इंटेलीजेंस ब्यूरो (IB) ने कश्मीर समेत दिल्ली में आतंकवादी हमलों को लेकर हाई अलर्ट जारी किया है.

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Nihar Saxena
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Khalistan

कश्मीर के साथ खालिस्तान के जिन्न को दोबारा पैदा करने में जुटा पाक.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

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कोरोना संक्रमण (Corona Virus) के साये तले 15 अगस्त (Independence Day 2020) को मन रहे आजादी के जश्न पर इस बार आतंकवाद (Terrorism) की दोधारी तलवार लटक रही है. बीते साल जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद पाकिस्तान (Pakistan) भारत को चोट पहुंचाने के लिए हर नापाक षड्यंत्र रच रहा है. इस कड़ी में उसने अपना चार दशक पुराना 'के-2' प्लान (k-2 Plan) निकाला है. ताकि स्वतंत्रता दिवस पर भारत को दो मोर्चे पर चोट दे सके. ऐसे में इंटेलीजेंस ब्यूरो (IB) ने कश्मीर समेत दिल्ली में आतंकवादी हमलों को लेकर हाई अलर्ट जारी किया है. आईबी सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान पोषित अमेरिका के सिख फॉर जस्टिस (Sikh For justice) फोरम ने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले पर खालिस्तान (Khalistan) का झंडा फहराने का प्लान बनाया है. इसके लिए जारी वीडियो में संगठन ने झंडा फहराने वाले को सवा लाख डॉलर देने का भी ऐलान किया है.

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लाल किले के 5 किमी के दायरे में सुरक्षा अभेद
आईबी के इस इनपुट के बाद लाल किला और उसके आस-पास सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी कर दी गई है. इसके तहत दिल्ली पुलिस के 45 हज़ार जवान सुरक्षा में तैनात रहेंगे. आसमान को अभेद बनाने के लिए दो हज़ार स्नाइपर्स भी आस-पास की इमारतों पर तैनात रहेंगे. कोई चूक नहीं हो, इसके लिए आस-पास के इलाकों पर ड्रोन से भी निगरानी रखी जाएगी. सुरक्षा व्यवस्था को अभेद बनाने के लिए दिल्ली से सटे बॉर्डर पर भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है. आईबी के अलर्ट के बाद लाल किले के लगभग 5 किलोमीटर के दायरे में ऐसी सुरक्षा व्यवस्था रखी जा रही है कि बगैर इजाजत परिंदा भी पर नहीं मार सके.

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नेपाल और बांग्लादेश से धार दे रहा पाकिस्तान आतंकवाद को
गौरतलब है कि काठमांडु और ढाका स्थित पाकिस्तानी दूतावासों को भारत विरोधी भावनाओं और हरकतों का गढ़ बनाने के बाद पाकिस्तान अपने नापाक मंसूबों को नए सिरे से धार देने में जुट गया है. इसके लिए पाकिस्तान सेना और खुफिया एजेंसी आईएसआई ने अपने ही एक पुराने विध्वंसकारी षड्यंत्र 'के-2' (K-2) को नए सिरे से अंजाम देने की साजिश रची है. नए खुफिया इनपुट्स के मुताबिक पाकिस्तान ने कश्मीर और खालिस्तान आतंकवादियों के साथ मिलकर 'कश्मीर खालिस्तान रिफ्रेंडम फ्रंट' बनाया है. इस नए मोर्चे का मकसद विदेशों में रह रहे खालिस्तानी समर्थकों और कश्मीरी अलगाववादियों को एक साथ लाकर भारत के खिलाफ बड़े पैमाने पर आतंकी हमलों को अंजाम देना है.

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अस्सी के दशक में बना था पहली बार 'के-2' प्लान
गौरतलब है कि पाकिस्तान के तत्कालीन सैन्य प्रमुख जनरल जिया उल हक (Zia Ul Haq) ने अस्सी के दशक में भारत को अस्थिर करने के लिए 'के-2' प्लान बनाया था. जनरल जिया और जुल्फिकार अली भुट्टो (Zulfikar Ali Bhutto) भारत को सैकड़ों टुकड़ों में बांटना चाहते थे. यह अलग बात है कि पाकिस्तान अपने नापाक इरादों में कामयाब नहीं हो सका. हालांकि बीते साल अगस्त के महीने में कश्मीर से अनुच्छेद 370 (Article 370) को हटाने और इस मसले पर पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय बेइज्जती के बाद पाकिस्तानी खुफिया आईएसआई और पाकिस्तानी सेना समेत चुनिंदा पाक हुक्मरानों ने गहरे षड्यंत्र रचने शुरू किए हैं.

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'कश्मीर खालिस्तान रिफ्रेंडम फ्रंट' का गठन
इनमें सबसे नया है कि कश्मीर और खालिस्तानी आतंकियों को एक साथ मिलाकर 'कश्मीर खालिस्तान रिफ्रेंडम फ्रंट' का गठन, जो वास्तव में अस्सी के दशक में पाक सेना के षड्यंत्र का एक नया रंग-रूप है. इस फ्रंट से विदेशों में रह रहे खालिस्तानी समर्थकों और कश्मीरी अलगावादियों को एक साथ जोड़ने की कोशिश है, ताकि भारत को दो मोर्चों पर अस्थिर किया जा सके. खुफिया एजेंसियों को प्राप्त इनपुट्स के मुताबिक ब्रिटेन, कनाडा और अमेरिका जैसे देशों में स्थित पाकिस्तानी हाई कमीशन और दूतावासों के जरिये पाकिस्तान केकेआरएफ को मजबूत बना रहा है.

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बीते साल से मिल रहे थे संकेत
गौरतलब है कि बीते समय अमृतसर में निरंकारी (Nirankari) सत्संग पर ग्रेनेड से हुए हमले के बाद राज्य सरकार को इसमें पाकिस्तानी हाथ होने के सबूत मिले थे. पंजाब में खालिस्तान समर्थक आतंकवाद की शुरुआत भी इसी शैली में हुई थी. इसके बाद इस साल संयुक्त राष्ट्र की बैठक के दौरान बाहर सड़कों पर खालिस्तान समर्थकों ने मजमा लगाकर भारत के खिलाफ दुष्प्रचार में हिस्सा लिया था. इसके और भी पहले इसी साल लंदन में खालिस्तान रिफ्रेंडम के नाम पर सड़कों पर विरोध-प्रदर्शन हुआ था.

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