India-China Tension: भारत और चीन के बीच चल रहा ताजा सीमा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. चीन के साथ गलवान घाटी (Galvan Valley) में हिंसक झड़प में 20 सैनिकों के शहीद होने के बाद भारत ने अब सख्त रुख अपना लिया है. कमेटी ऑन सिक्यूरिटी (CCS) की मीटिंग में सेना को साफतौर पर कहा गया है कि वह हालात को देखते हुए फैसले लेने के लिए स्वतंत्र है. इन सब परिस्थियों के बीच अगर दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ता है तो लाखों करोड़ रुपये के कारोबार पर भयानक असर पड़ सकता है. हालांकि भारत के मुकाबले चीन को इसका खामियाजा सबसे ज्यादा भुगतना पड़ेगा. मौजूदा तनाव को देखते हुए दोनों देशों को कितना नुकसान होगा आइए इस रिपोर्ट में समझने की कोशिश करते हैं.
यह भी पढ़ें: चीनी निवेश पर करारा वार करेगी मोदी सरकार, अब नहीं फुफकार पाएगा ड्रैगन
भारत और चीन के बीच ट्रेड बैलेंस में भारी अंतर
आंकड़ों के मुताबिक चीन और भारत के बीच द्विपक्षीय सालाना कारोबार 80 हजार मिलियन डॉलर से ऊपर का है. भारत औसतन हर साल चीन से करीब 70 हजार मिलियन डॉलर का इंपोर्ट करता है, जबकि इसके बदले में भारत से चीन को सिर्फ करीब 16 हजार मिलियन डॉलर का एक्सपोर्ट होता है. मतलब अगर आंकड़ों को देखें तो दोनों देशों के बीच ट्रेड बैलेंस में काफी गड़बड़ी है. इन आंकड़ों को देखें तो साफ पता चलता है कि चीन के लिए भारतीय बाजार कितना महत्वपूर्ण है. अगर दोनों देशों के बीच युद्ध या युद्ध जैसी स्थिति बनी रहती है तो भारत को तो कुछ नहीं अलबत्ता चीन को भारी नुकसान हो जाएगा.
यह भी पढ़ें: बम और बंदूक नहीं, इन तरीकों से भी चीन को हराया जा सकता है
भारत-चीन के बीच आयात और निर्यात का गणित
2018-19 में भारत ने 5,14,078.4 मिलियन डॉलर का कुल इंपोर्ट किया था, जिसमें से चीन से 70,319.6 अमेरिकी डॉलर का इंपोर्ट था. इस तरह से 2018-19 में भारत को हुए कुल इंपोर्ट में चीन की हिस्सेदारी 13.7 फीसदी रही थी. 2018-19 में भारत ने 3,30,078.10 मिलियन डॉलर का कुल एक्सपोर्ट किया था, जिसमें से चीन को 16,752.20 मिलियन डॉलर का एक्सपोर्ट किया गया था. 2018-19 में भारत से कुल एक्सपोर्ट में चीन की हिस्सेदारी 5.1 फीसदी थी.
2019-20 में अप्रैल से फरवरी के दौरान भारत का कुल इंपोर्ट और चीन की हिस्सेदारी
- 2019-20 में अप्रैल से फरवरी के दौरान भारत ने 4,42,810.6 मिलियन डॉलर का कुल इंपोर्ट किया
- 2019-20 में अप्रैल से फरवरी के दौरान भारत ने चीन से 62,379.4 मिलियन डॉलर का इंपोर्ट किया
- 2019-20 में अप्रैल से फरवरी के दौरान भारत को हुए इंपोर्ट में चीन की हिस्सेदारी 14.1 फीसदी थी
2019-20 में अप्रैल से फरवरी में भारत का कुल एक्सपोर्ट और चीन का हिस्सा
- 2019-20 में अप्रैल से फरवरी के दौरान भारत ने 2,91,651.10 मिलियन डॉलर का कुल एक्सपोर्ट किया
- 2019-20 में अप्रैल से फरवरी के दौरान भारत ने चीन को 15,540.10 मिलियन डॉलर का एक्सपोर्ट किया
- 2019-20 में अप्रैल से फरवरी के दौरान भारत से एक्सपोर्ट में चीन की हिस्सेदारी 5.3 फीसदी
2019-20 में अप्रैल से जनवरी के दौरान भारत ने इन टॉप 10 देशों से किया सबसे ज्यादा इंपोर्ट
देश | एक्सपोर्ट |
चीन | 14.29 फीसदी |
अमेरिका | 7.54 फीसदी |
यूएई | 6.36 फीसदी |
सऊदी अरब | 5.67 फीसदी |
इराक | 4.89 फीसदी |
स्विटजरलैंड | 3.65 फीसदी |
हॉन्गकॉन्ग | 3.61 फीसदी |
कोरिया | 3.26 फीसदी |
इंडोनेशिया | 3.15 फीसदी |
सिंगापुर | 3.01 फीसदी |
यह भी पढ़ें: सुप्रीम कोर्ट ने मानसिक बीमारी को बीमा कवर में शामिल करने की याचिका पर सरकार, IRDA को नोटिस जारी किया
भारत और चीन के बीच व्यापार
2014-15
- निर्यात - 11,934.25 मिलियन डॉलर
- आयात - 60,413.17 मिलियन डॉलर
कुल व्यापार - 72,347.42 मिलियन डॉलर
2015 -16
- निर्यात - 9,011.36 मिलियन डॉलर
- आयात - 61,707.95 मिलियन डॉलर
कुल व्यापार - 70,719.31 मिलियन डॉलर
2016 - 17
- निर्यात - 10,171.89 मिलियन डॉलर
- आयात - 61,283.03 मिलियन डॉलर
कुल व्यापार - 71,454.93 मिलियन डॉलर
2017-18
- निर्यात - 13,333.53 मिलियन डॉलर
- आयात - 76,380.70 मिलियन डॉलर
कुल व्यापार - 89,714.23 मिलियन डॉलर
2018- 19
- निर्यात - 16,752.20 मिलियन डॉलर
- आयात - 70,319.64 मिलियन डॉलर
कुल व्यापार - 87,071.84 मिलियन डॉलर
यह भी पढ़ें: EPFO ने दावों के निपटारे के लिए शुरू की ये सुविधा, कर्मचारियों को होगा बड़ा फायदा
2019-20 में अप्रैल से फरवरी के दौरान भारत ने चीन से इन सामानों का इंपोर्ट किया
- इलेक्ट्रिक मशीनरी, उपकरण, साउंड रिकॉर्डर, रिप्रोड्यूसर्स, टीवी रिकॉर्डर्स और पार्ट्स (18,117.80 मिलियन डॉलर)
- ऑर्गेनिक केमिकल्स (7,530.80 मिलियन डॉलर)
- न्यूक्लियर रियक्टर्स, मशीनरी और पार्ट्स (12,780.70 मिलियन डॉलर)
- प्लास्टिक और प्लास्टिक ऑर्टिकल्स (2,580.60 मिलियन डॉलर)
- फर्टिलाइजर (1,802 मिलियन डॉलर)
- आयरन और स्टील ऑर्टिकल (1,544.30 मिलियन डॉलर)
यह भी पढ़ें: निवेशक अब इस नए प्लेटफॉर्म पर भी ट्रेडिंग से कमा सकेंगे मुनाफा, जानिए क्या है खासियत
2019-20 में अप्रैल से फरवरी के दौरान भारत ने चीन को इन सामानों का एक्सपोर्ट किया
- ऑर्गेनिक केमिकल (2,572.80 मिलियन डॉलर)
- मिनिरल फ्यूल, मिनिरल ऑयल, मिनिरल वैक्स आदि (2,051.7 मिलियन डॉलर)
- मछली आदि (1,272 मिलियन डॉलर)
- प्लास्टिक और प्लास्टिक ऑर्टिकल (810.90 मिलियन डॉलर)
यह भी पढ़ें: अर्थव्यवस्था को कोरोना के झटके से उबारने के लिए अंतिम राहत पैकेज ला सकती है मोदी सरकार
चीन पर काफी हदतक निर्भर हैं भारतीय सेक्टर
भारत बल्क ड्रग्स एंड इंटरमीडियरीज सेक्टर में काफी हदतक चीन के इंपोर्ट पर निर्भर है. वहीं इलेक्ट्रॉनिक्स, गारमेंट्स और ऑटो सेक्टर में भी चीन के ऊपर हम काफी आश्रित हैं. मोदी सरकार व्यापार में चीन के बढ़ते दखल को रोकने के लिए मेक इन इंडिया और अन्य घरेलू योजनाओं के जरिए काफी हदतक प्रयास कर सकती है. बता दें कि मौजूदा समय में चीन ने भारत में काफी पैसा निवेश किया हुआ है और अगर चीन यहां से अपना पैसा निकाल लेता है भारतीय बाजारों के लिए काफी मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 2014 में भारत में चीन की कंपनियों ने 12 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया था जो पिछले 6 साल में तकरीबन 5 गुना बढ़कर 60 हजार करोड़ रुपये हो गया है. बता दें कि चीन ने भारत में सिंगापुर के रास्ते भी भारत में निवेश किया हुआ है.