चीन से बढ़ रहा भारत का व्यापार, मिनरल और नेचुरल वॉटर खरीदता है ड्रैगन

भारत चीन को प्रमुख रूप से  लौह अयस्क, कपास, तांबा, एल्यूमीनियम और हीरे व प्राकृतिक रत्न निर्यात करता है. लेकिन इसके साथ ही भारत चीन को सबसे ज्यादा पानी बेचता है.

author-image
Pradeep Singh
New Update
china india  1

भारत-चीन व्यापार( Photo Credit : News Nation)

Advertisment

भारत औऱ चीन के बीच व्यापार लगातार बढ़ रहा है. 2022 के पहले छह महीनों में 67.08 अरब डॉलर रहा. यह एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में 16.5 फीसदी ज्यादा है. 2022 के पहले 6 महीनों में चीन से भारत के लिए निर्यात 57.51 बिलियन डॉलर रहा. यह पिछले साल की तुलना में 34.5 प्रतिशत ज्यादा है. वहीं भारत से चीन के लिए निर्यात 9.57 बिलियन डॉलर रहा, जो कि 2021 की पहली छमाही की तुलना में 35.3 प्रतिशत की तेज गिरावट को दिखाता है. सही मायनों में इस साल जनवरी से जून के बीच भारत का व्यापार घाटा 47.94 अरब डॉलर था.

भारत चीन को प्रमुख रूप से  लौह अयस्क, कपास, तांबा, एल्यूमीनियम और हीरे व प्राकृतिक रत्न निर्यात करता है. लेकिन इसके साथ ही भारत चीन को सबसे ज्यादा पानी बेचता है. यह पानी, मिनरल और नेचुरल वॉटर है. साल 2020 में चीन भारत से मिनरल और नेचुरल वॉटर का सबसे बड़ा खरीददार बनकर उभरा है.  भारती चीन के बाद दूसरे नंबर पर मालदीव को पानी बेचता है.  

पानी के निर्यात पर लोकसभा में खुलासा

चीन भारत से केवल मिनरल वॉटर ही नहीं नेचुरल वॉटर भी खरीदता है. लोकसभा में पिछले साल हुए सवाल-जवाब सेशन के दौरान वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के राज्यमंत्री हरदीप पुरी ने बताया कि 2015-16 से 2020-21 (अप्रैल से नवंबर) के बीच भारत ने कुल 38,50, 431 लीटर पानी निर्यात किया. इन पांच सालों में देश से लगभग 23,78,227 लीटर मिनरल वाटर और 8,69,815 लीटर नेचुरल वॉटर का निर्यात हुआ. इसमें चीन सबसे बड़ा खरीददार रहा. इसे हमने कई किस्म के पानी का निर्यात किया, लेकिन केवल मिनरल वॉटर से हमें लगभग 31 लाख रुपए हासिल हुए. वहीं मालदीव, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) मे भी पानी की कई किस्में हमारे यहां से आयात की गई.

भारत बना पानी निर्यात इंडस्ट्री 

भारत की पानी निर्यात इंडस्ट्री कितनी बड़ी है, इसका अनुमान इस डाटा से कर सकते हैं कि कोरोना महामारी के दौरान जब ज्यादातर देशों में एक-दूसरे के लिए अपनी सीमाएं बंद कर रखी थीं, तब भी यानी केवल कुछ ही महीनों के भीतर देश ने अलग-अलग देशों को लगभग 155.86 लाख रुपए का पानी बेचा. ये साल 2020-21 का डाटा है.पीने के पानी के साथ ही भारत वर्चुअल पानी के निर्यात में सबसे आगे है. वर्चुअल निर्यात से तात्पर्य उन फसलों से है, जिनकी पैदावार ज्यादा पानी में होती है. ऐसी ज्यादा पानी लेकर उगी फसलों को भारत दूसरे देशों को बेचता है तो ये भी एक किस्म से पानी का निर्यात ही है. तब खरीददार देश अपना पानी बचाकर कम पानी वाली फसलें उगाते हैं और भूमिगत पानी का सही इस्तेमाल करते हैं.

यह भी पढ़ें: यूरोप में Worst Heatwave,जलवायु परिवर्तन से 200 वर्षों का रिकॉर्ड टूटा

जैसे चावल आदि का निर्यात करने को वर्चुअल पानी बेचने की श्रेणी में रखा गया है. इसे ज्यादा आसानी से इस तरह समझ सकते हैं.  जैसे एक किलो चावल उपजाने में लगभग 2,173 लीटर पानी खर्च होता है. अब इसी धान को भारत दूसरे देशों को निर्यात करेगा तो ये पानी का वर्चुअल निर्यात भी होगा. इससे केवल अन्न ही बाहर नहीं जा रहा, बल्कि पानी की भारी मात्रा भी जा रही है. साल 2014-15 में देश ने 37.2 लाख टन बासमती चावल दूसरे देशों को बेचा था. इसमें लगभग 10 ट्रिलियन लीटर पानी खर्च हुआ था. यानी ये पानी भले ही दिखाई न दे रहा हो, लेकिन ये भी दूसरे देशों में बगैर कीमत ही निर्यात हो रहा है.

देश में पेयजल का संकट

देश में पेयजल का भारी संकट है. नीति आयोग ने समग्र जल प्रबंधन सूचकांक (CWMI) की रिपोर्ट जारी की, जिसमें बताया गया कि देश में करीब 60 करोड़ लोग पानी की गंभीर किल्लत का सामना कर रहे हैं. करीब दो लाख लोग स्वच्छ पानी न मिलने के चलते हर साल जान गंवा देते हैं. देश के बड़ी आबादी के पास पीने के पानी की कमी होने के बाद भी ग्राउंड वॉटर दूसरे देशों को बेचा जा रहा है, जिससे हालात और खराब हो रहे हैं. यही सब देखते हुए साल 2019 में सरकार ने जलजीवन मिशन शुरू किया. इसके तहत ग्रामीण इलाकों में साल 2024 तक साफ और भरपूर पानी उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है. इसपर काम भी शुरू हो चुका है लेकिन फिलहाल इसके नतीजे सामने आना बाकी है.

HIGHLIGHTS

  • साल 2020 में चीन भारत से मिनरल और नेचुरल वॉटर का सबसे बड़ा खरीददार बना 
  • 2015-21 के बीच भारत ने कुल 38,50, 431 लीटर पानी निर्यात किया
  • पांच सालों में 23,78,227 लीटर मिनरल वाटर और 8,69,815 लीटर नेचुरल वॉटर का निर्यात
PM Narendra Modi china Xi Jinping India's business growing from China natural water mineral water
Advertisment
Advertisment
Advertisment