भारतीय नौसेना समुद्र में अपनी ताकत बढ़ाने के लिए आज नौसेना के बेड़े में आईएनएस विशाखापट्टनम को शामिल करेगा. खास मिसाइल से लैस आईएनएस विशाखापट्टनम शामिल होने से भारतीय नौ सेना की ताकत और बढ़ेगी. इस युद्धपोत की लंबाई 163 मीटर, चौड़ाई 17 मीटर और वजन 7400 टन है. जबकि अधिकतम रफ्तार 55.56 किलोमीटर प्रतिघंटा है. यह युद्धपोत सबसे सक्षम और आधुनिक हथियारों से लैस है. इसका निर्माण 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान के तहत किया गया है. इस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह होंगे. इस जंगी युद्धपोत में स्वदेशी उपकरणों के अलावा विध्वंसक जहाज स्वदेशी मध्यम दूरी की सतह से हवा में मिसाइल सिस्टम, सतह से सतह पर मिसाइल, टारपीडो ट्यूब और लॉन्चर जैसे प्रमुख स्वदेशी हथियारों से भी लैस है.
आईएनएस के कमांडिंग ऑफिसर (पदनाम) कैप्टन बीरेंद्र सिंह बैंस ने कहा, "हम आईएनएस विशाखापट्टनम के चालू होने के लिए तैयार है. हमारी स्वदेशी सामग्री आज सबसे ज्यादा है. कमीशन के बाद हम कुछ और परीक्षण जारी रखेंगे. कैप्टन बैंस ने कहा कि आईएनएस विशाखापट्टनम और पनडुब्बी वेला की कमीशनिंग जटिल लड़ाकू प्लेटफॉर्म बनाने की स्वदेशी क्षमता का प्रदर्शन करने वाले प्रमुख मील के पत्थर होंगे. "यह उपरोक्त पानी और पानी के नीचे के डोमेन दोनों में खतरों को दूर करने के लिए हमारी क्षमता और मारक क्षमता को बढ़ाएगा.
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मझगांव डॉकयार्ड ने किया है निर्मित
INS विशाखापट्टनम को भारत में बने सबसे शक्तिशाली युद्धपोतों में से एक है. इस जंगी युद्धपोत को मझगांव डॉकयार्ड लिमिटेड द्वारा बनाया गया है. यह नौसेना के प्रोजेक्ट 15बी का हिस्सा है. इसे आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत 75 प्रतिशत स्वदेशी उपकरणों से तैयार किया गया है.
क्या है खासियतें
INS विशाखापट्टनम की सबसे खास बात ये है कि इसकी बाहरी सतह एक स्पेशल स्टील की धातु से बनाई गई है. इसको लो ऑब्जर्वेशन तकनीक कहा जाता है, जिसकी वजह से दुश्मनों के रडार इसे ट्रेस नहीं कर सकते.
ब्रह्मोस-बराक मिसाइल से लैस है युद्धपोत
इस जंगी युद्धपोत में भारत की सबसे ताकतवर मिसाइल ब्रह्मोस और बराक मिसाइलें लगी हुई हैं. युद्धपोत की खासियत यह है कि यह दुश्मन का जहाज देखते ही अपने डेक से एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइल लॉन्च कर सकता है. युद्धपोत में मध्यम दूरी की सतह से हवा में वार करने वाली मिसाइलें, सतह से सतह पर वार करने वाली मिसाइलें लगी हैं. इसके अलावा इसमें टॉरपीडो ट्यूब और लॉन्चर, पनडुब्बी रोधी रॉकेट लॉन्चर, सुपर रैपिड गन माउंट के अलावा, कॉम्बैट मैनेजमेंट सिस्टम, इंटीग्रेटेड प्लेटफॉर्म मैनेजमेंट सिस्टम भी लगा हुआ है.
#WATCH | Indian Navy video on INS Visakhapatnam, the indigenously built guided-missile destroyer, that is all set to be commissioned by Defence Minister Rajnath Singh today.
(Source: Indian Navy) pic.twitter.com/G7tsk2AfbR
— ANI (@ANI) November 21, 2021
25 नवंबर को INS वेला भी शामिल
चार दिन बाद ही यानि 25 नवंबर को स्कोर्पीन क्लास की चौथी पनडुब्बी, आईएनएस वेला भी देश की समुद्री ताकत को बढ़ाने के लिए शामिल हो रही है. वेला प्रोजेक्ट 75 की चौथी पनडुब्बी होगी. प्रोजेक्ट-75 के तहत छह सबमरीन का निर्माण किया जा रहा है.
नौसेना के जंगी बेड़े में कुल 130 युद्धपोत
वर्तमान में भारतीय नौसेना के जंगी बेड़े में आईएनएस विक्रमादित्य सहित कुल 130 युद्धपोत हैं. इसके अलावा 39 जंगी जहाज का निर्माण किया जा रहा है जो देश के ही अलग-अलग शिपयार्ड में तैयार किए जा जा रहे हैं. भारत में प्रति वर्ष 4 दिसंबर को भारतीय नौसेना दिवस मनाया जाता है. 1971 के युद्ध में पाकिस्तान के खिलाफ मिली विजय में निर्णायक भूमिका निभाने के उपलक्ष्य में नौसेना अपना स्थापना दिवस मनाती है.
7400 टन है युद्धपोत का वजन
इस युद्धपोत की लंबाई 30 नॉटिकल माइल्स की स्पीड से चलने में सक्षम 163 मीटर और वजन 7400 टन है. इस योद्धपोत का डिजाइन नेवी के नौसेना डिजाइन निदेशालय ने बनाया है. इसका निर्माण मुंबई स्थित मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) में किया गया है. यह देश का पहला पी-15बी क्लास का स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक है. इस युद्धपोत में BEL की मीडियम रेंज सर्फेस टू एयर मिसाइल, सतह से सतह पर मार करने वाली ब्रह्मोस, एलएंडटी कंपनी के टोरपीडो ट्यूब लॉन्चर, एलएंडटी के ही एंटी सबमरीन रॉकेट लॉन्चर और बीएचईएल की 76एमएम सुपर रैपिड गन (तोप) से सुसज्जित है.
HIGHLIGHTS
- इस युद्धपोत की लंबाई 163 मीटर और चौड़ाई 17 मीटर
- युद्धपोत की अधिकतम रफ्तार 55.56 किलोमीटर प्रतिघंटा है
- इसका निर्माण 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान के तहत किया गया
Source : Vijay Shankar