रूस-यूक्रेन युद्ध में मध्यस्थ बनेगा इजरायल? बेनेट-पुतिन मुलाकात की वजह

रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन से मुलाकात के साथ ही नफ्ताली बेनेट कूटनीतिक कोशिशों के बल पर मध्यस्थ की भूमिका निभाने की गुंजाइश तलाश रहे हैं. दुनिया की तमाम बड़ी सामरिक ताकतों के बीच बेनेट की इस पहल की चर्चा सरगर्म है.

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Keshav Kumar
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व्लादीमिर पुतिन से नफ्ताली बेनेट की तीन घंटे तक बातचीत( Photo Credit : News Nation)

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रूस-यूक्रेन में जारी युद्ध (Russia-Ukraine War) के बीच नई विश्व व्यवस्था की कवायद भी तेज होती जा रही है. इजरायल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट (Naftali Bennett) ने शनिवार को अचानक मास्को पहुंचकर रूस और यूक्रेन के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाने की कोशिश की. बेनेट ने इजरायल की सत्ता संभालने के साल भर से भी कम समय में पहली बार वैश्विक पटल बड़ी दखल देने की कोशिश की है. बहुत हद तक बेनेट विश्व मंच पर भी परखे नहीं गये हैं. उनकी इस कोशिश ने इजरायल को रूस और यूक्रेन के युद्ध के बीच एक असहज स्थिति में डाल दिया है.

रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन से मुलाकात के साथ ही नफ्ताली बेनेट कूटनीतिक कोशिशों के बल पर मध्यस्थ की भूमिका निभाने की गुंजाइश तलाश रहे हैं. दुनिया की तमाम बड़ी सामरिक ताकतों के बीच बेनेट की इस पहल की चर्चा सरगर्म है. इसके बावजूद यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से उनकी मुलाकात की संभावना फिलहाल नहीं दिख रही. हालांकि, बर्लिन के लिए रवाना होने से पहले बेनेट ने जेलेंस्की से फोन पर बात की है. इजरायली पीएम के मास्को दौरे के पीछे उसका अपना हित भी साफ दिख रहा है. आइए, बेनेट-पुतिन मुलाकात की इनसाइड स्टोरी जानने की कोशिश करते हैं.

रूस के साथ रिश्ते नहीं बिगाड़ना चाहते बेनेट

अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक समीकरणों के जानकारों का मानना है कि सीरिया में सुरक्षा समन्वय के लिए इजरायल क्रेमलिन के साथ संबंधों पर निर्भर है. वहीं, ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर तेहरान के साथ मास्को वार्ता की मेज पर बैठा हुआ है. ऐसे में इजरायल रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को नाराज नहीं कर सकता. इसलिए बेनेट ने कथित तौर पर यूक्रेन के नागरिकों को अपना समर्थन व्यक्त किया है, लेकिन उन्होंने रूस के आक्रमण की निंदा करना बंद कर दिया है. रूस पर पश्चिम देशों के प्रतिबंध बढ़ने के बावजूद बेनेट ने पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति से संपर्क बरकरार रखा है.

अमेरिका का सहयोगी माना जाता है इजरायल

इजरायल उन कुछ देशों में शामिल है जिसका रूस और यूक्रेन, दोनों देशों के साथ कामकाजी संबंध है. रूस और यूक्रेन युद्ध के दौरान इजरायली प्रधानमंत्री बेनेट ने दोनों देशों के साथ संबंधों के बीच संतुलन बनाने की कोशिश की है. इजरायल के पीएम बेनेट का मॉस्को दौरा इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि इजरायल को अमेरिका का सहयोगी माना जाता है. इजरायल सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल-असद को दिए जा रहे रूस के सैनिक समर्थन को भी सही नहीं मानता है. बेनेट और पुतिन की ये मुलाकात शायद इसलिए संभव हो सकी क्योंकि रूस के खिलाफ इजरायल ने अभी तक अपना रूख नरम ही रखा है.

अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता से लाभ में रहा इजरायल

अपनी मास्को यात्रा से लौटने के कुछ घंटे बाद ही बेनेट ने अपने मंत्रिमंडल से कहा कि यह इजरायल का नैतिक कर्तव्य है कि वह कदम उठाए, ‘भले ही मौका बहुत अच्छा न हो.’ तेल अवीव विश्वविद्यालय में यूरोपीय मामलों के विशेषज्ञ एस्थर लोपातिन ने कहा, ‘‘बेनेट ने खुद को नये रूप में ढाला है.’’ इसके अलावा इजरायल एक ऐसा देश है जो परंपरागत रूप से फिलस्तीनियों और अरब देशों के साथ अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता का लाभार्थी रहा है. अब वह रूस-यूक्रेन युद्ध में मध्यस्थ बनने की ओर बढ़ रहा है.

दोनों पक्षों से बात कर सकता है इजरायल

इजरायल की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के एक पूर्व अधिकारी और देश की राष्ट्रीय पहचान के बारे में एक पुस्तक “फ्लुइड रूस” के लेखक वेरा मिचलिन-शापीर ने कहा,‘‘ऐसा लग रहा है कि एक मौका है क्योंकि कोई भी पुतिन से बात नहीं कर रहा है. इजरायल एक ऐसा खिलाड़ी है जो दोनों पक्षों से बात कर सकता है. लेकिन आगे क्या होता है? यह देखने वाली बात होगी.’

शांति के लिए पश्चिमी देशों का साझा प्रयास

इजरायल के एक अधिकारी ने कहा कि नफ्ताली बेनेट रूस और यूक्रेन के बीच जारी इस संकट को सुलझाने के लिए किए जा रहे अपने प्रयासों को अमेरिका, फ्रांस और जर्मनी के साथ साझा कर रहे हैं. उनके प्रवक्ता ने कहा कि पुतिन के साथ मुलाकात के बाद बेनेट जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज (Olaf Scholz) के साथ बातचीत के लिए बर्लिन चले गए. जबकि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन (Emmanuel Macron) ने पुतिन के साथ अपनी बातचीत के बारे में जानकारी देने के लिए मास्को जाने से पहले बेनेट से बात की थी. इजरायल के एक अधिकारी ने कहा कि युद्धविराम कराने के उद्देश्य से बेनेट सभी के संपर्क में रहेंगे.

बड़ा जोखिम उठा रहे हैं इजरायली पीएम बेनेट

अंतरराष्ट्रीय राजनीति पर नजर रखने वाले सतंभकार बराक रविद ने इजरायली वाला न्यूज वेबसाइट पर लिखा, “एक तरफ, उन्होंने (बेनेट) रातों-रात अपनी अंतरराष्ट्रीय स्थिति में सुधार किया है और इजराइल के भीतर बहुत से राजनीतिक अंक हासिल किए हैं. दूसरी ओर, वह न केवल एक राजनेता के रूप में अपने लिए बल्कि इजरायल राज्य और दुनिया में इसकी स्थिति के लिए एक बड़ा जोखिम उठा रहे हैं. प्रधानमंत्री पूरी तरह से यह जाने बिना कि यह कितना गहरा है, यूक्रेनी कीचड़ में उतर गए हैं.’

ये भी पढ़ें - रूस-यूक्रेन जंग रोकने के लिए इजरायल आया सामने, राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से ये हुई बात

यूक्रेन पर हमले के बाद पुतिन की दूसरी बैठक

यूक्रेन पर रूसी हमला शुरू होने के बाद से राष्ट्रपति पुतिन की विदेश के किसी प्रमुख के साथ ये दूसरी बैठक है. जिस दिन यूक्रेन पर रूस का हमला शुरू हुआ, उसी दिन पुतिन ने क्रेमलिन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से मुलाकात की थी. बाद में इमरान खान ने अपने मॉस्को दौरे के बारे में कहा कि ‘मेरी विदेश नीति स्वतंत्र है और चीन और रूस की यात्राएं भविष्य में पाकिस्तान के लिए फायदेमंद साबित होंगी.’ इसके बाद पुतिन ने इजरायल के पीएम बेनेटे से क्रेमलिन में ही करीब तीन घंटे तक मुलाकात की.

HIGHLIGHTS

  • बर्लिन के लिए रवाना होने से पहले बेनेट ने जेलेंस्की से फोन पर बात की
  • इजरायली पीएम नफ्ताली बेनेट के मास्को दौरे के पीछे उनका अपना हित
  • विशेषज्ञ बोले- इजरायल एक ऐसा देश है जो दोनों पक्षों से बात कर सकता है
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