दुनिया से अभी तक कोरोना वायरस खत्म नहीं हुई है. भारत में तो कोरोना के मामले एक बार फिर से बढ़ने लगे हैं. कोरोना काल में दुनिया भर में कार्यालयों से लेकर घर तक में काम करने का तरीका बदला है. कोरोना से लॉकडाउन, ऑड-इवेन और सोशल डिस्टेंशिंग आदि को अपनाया गया. ऑफिसों में वर्क फ्रॉम होम शुरू हुआ. लेकिन कोरोना के कम होने के बावजूद अब ढेर सारी कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को ऑफिस न बुलाकर घर से ही काम करने को तरजीह दे रही हैं. ऐसी कंपनियों में आईटी कंपनियां ज्यादा हैं. उदाहरण के तौर पर सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियां टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) और इंफोसिस वर्क फ्रॉम होम ही करा रही हैं. अन्य आईटी कंपनियां भी इसी प्रणाली का पालन कर रही हैं. कुछ कंपनियों ने हाल ही में अपने कार्यालय खोले और अपने कर्मचारियों को अनिवार्य रूप से कार्यालयों में वापस बुलाया लेकिन बढ़ते COVID-19 मामलों ने उन्हें फिर से घर से काम फिर से शुरू करने के लिए मजबूर कर दिया.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, भारत में 16,103 कोरोना वायरस मामलों में एक दिन में वृद्धि हुई और 31 मौतें हुईं, जिससे देश के मामलों की संख्या 4,35,02,429 हो गई और मरने वालों की संख्या 5,25,199 हो गई. भारत में सक्रिय COVID-19 मामले शनिवार को रिपोर्ट किए गए 1,09,568 से बढ़कर 1,11,711 हो गए हैं.
ऐसा नहीं है कि आईटी कंपनियों ने कर्मचारियों और अधिकारियों को ऑफिस नहीं बुलाया था. कोरोना के अप-डाउन होने के कारण कंपनियों ने अपने नियम में बदलाव लाया है. एक यूएस-आधारित आईटी कंपनी Synopsys की नोएडा इकाई ने कर्मचारियों के बीच एक COVID-19 मामले की सूचना के बाद फिर से घर से काम सुरू करने को कह दिया. कंपनी में काम करने वाले एक आईटी इंजीनियर ने कहा, पिछले महीने सबको कार्यालय में शामिल होने के लिए कहा गया था. हालांकि, जब एक कर्मचारी को सीओवीआईडी -19 का पता चला था, तो कर्मचारियों के लिए कार्यालय बंद कर दिया गया था और घर से काम बहाल कर दिया गया था.
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हाल ही में पेटीएम ने भी अपने कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम जारी रखने की अनुमति दी थी. पेटीएम के संस्थापक और सीईओ विजय शेखर शर्मा ने कहा, "पेटीएम में हम आपको उत्पाद, तकनीक और व्यावसायिक भूमिकाओं के लिए घर/कहीं भी काम करने की अनुमति देते हैं."
भारत में प्रमुख आईटी कंपनियों में से, टीसीएस और इंफोसिस ने पहले ही लंबी अवधि में काम करने के वर्क फ्रॉम होम मॉडल को जारी रखने के अपने फैसले के बारे में सूचित कर दिया है. कंपनी के केवल 5 प्रतिशत अधिकारी ही अब कार्यालय में जा रहे हैं, जो मुख्य रूप से वरिष्ठ अधिकारी हैं.
टीसीएस ने कभी-कभार परिचालन क्षेत्र (ओओजेड) और हॉट डेस्क स्थापित करने और 25×25 नीति अपनाने की घोषणा की है. 25×25 नीति के तहत, कंपनी के सहयोगियों के 25 प्रतिशत से अधिक को किसी भी समय कार्यालय से काम करने की आवश्यकता नहीं होगी, और उन्हें अपना 25 प्रतिशत से अधिक समय कार्यालय में बिताने की आवश्यकता नहीं होगी.
सामयिक परिचालन क्षेत्रों (ओओजेड) और हॉट डेस्क पर, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज ने कहा कि उसने दुनिया भर में चुस्त काम की सीटें स्थापित की हैं, जो उसके सहयोगियों को किसी भी टीसीएस कार्यालय से साथी टीम के सदस्यों के साथ काम करने की अनुमति देती हैं. अपने कर्मचारियों को लिखे एक पत्र में टीसीएस ने काम करने के अपने हाइब्रिड मॉडल की व्याख्या की है.
इन्फोसिस ने ग्राहकों, नियामक वातावरण और कई अन्य विचारों के आधार पर काम के हाइब्रिड मॉडल के लिए अपनी दीर्घकालिक योजना की भी घोषणा की है. इंफोसिस के मुख्य वित्तीय अधिकारी नीलांजन रॉय ने कहा,“यह एक चरणबद्ध दृष्टिकोण होगा और हम हर तिमाही में इसकी समीक्षा कर रहे हैं. वर्तमान में, 95 प्रतिशत कार्यबल घर पर है, जबकि केवल 5 प्रतिशत वरिष्ठ अधिकारी कार्यालयों में आ रहे हैं."
इस बीच, एचसीएल टेक्नोलॉजीज ने कहा है कि कंपनी की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक अपने कर्मचारियों और उनके परिवारों की सुरक्षा और भलाई है. इसने कहा है कि कंपनी अपने कारोबार को सामान्य बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है, जिससे उसके ग्राहकों को निर्बाध सेवाएं सुनिश्चित हो सकें, और कहा कि कंपनी हाइब्रिड मॉडल में काम करना जारी रखेगी.
HIGHLIGHTS
एचसीएल टेक्नोलॉजीज की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में कर्मचारी
टीसीएस और इंफोसिस में लंबी अवधि का वर्क फ्रॉम होम
भारत में कोरोना वायरस मामलों में हो रही वृद्धि